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SPECIAL: कोरोनाकाल में कैब बुकिंग में कमी, ड्राइवरों की आमदनी पर लगा ब्रेक

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Published : Sep 28, 2020, 7:11 PM IST

कोरोना संकट में सभी कारोबार थम गया है. ढाई महीने का लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बावजूद भी कैब ड्राइवरों को बुकिंग नहीं मिल पा रही है. राजधानी रायपुर में मोबाइल एप के जरिए चलने वाली कैब की संख्या करीब 500 है. जिनके सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है.

Cab booking business fall due to lockdown in raipur
कोरोनाकाल में कैब की बुकिंग में गिरावट

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन ने हर कारोबार पर ग्रहण लगा दिया है. कैब के कारोबार में भी ऐसा ही कुछ हुआ है. ढाई महीने का लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बावजूद भी कैब ड्राइवरों को बुकिंग नहीं मिल पा रही. राजधानी रायपुर में मोबाइल एप के जरिए चलने वाली कैब की संख्या करीब 500 है. जिनके सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है. कैब ड्राइवर खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं. टैक्सी ड्राइवर की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतें आ रही है और कई तरह की समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में कैब की बुकिंग में गिरावट

राजधानी से बुकिंग में चलने वाली इन गाड़ियों की बात की जाए तो शहर में लगभग 500 कैब मौजूद है, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण आम जनता टैक्सी में सफर करना पसंद नहीं कर रहा है. ड्राइवर बताते हैं, सामान्य दिनों में एक महीने में 25 से 30 हजार रुपये की आमदनी होती थी. पहले दिनभर में 100 से ज्यादा की बुकिंग मिल जाती थी, लेकिन आज 3 से 4 बुकिंग हो पा रही है. स्थिति यह है कि कैब मालिक बीते 6 महीने से अपनी गाड़ियों की EMI नहीं चुका पा रहे हैं. जिसके कारण संबंधित बैंक से भी इनके उपर दबाव बन रहा.

पढ़ें- छत्तीसगढ़ में अब तक एक हजार मिलीमीटर से ज्यादा औसत बारिश दर्ज


लोग टैक्सी से बच रहे

लोगों की बात की जाए तो कोरोना का डर बना हुआ है, जिसके कारण लोग टैक्सी से सफर करने में डर रहे हैं. सामान्य दिनों में लोग टैक्सी लेकर घूमने या ऑफिस काम से जाया करते थे, लेकिन अब कोरोना की वजह से टैक्सी स्टैंड पर खड़ी रहती है. लोग अपनी सुरक्षा को देखते हुए टैक्सी की बजाय खुद की गाड़ी से सफर करना पसंद कर रहे हैं.

कोरोना से बढ़ा आर्थिक संकट

कोरोना संकट की इस घड़ी में अनलॉक के बाद भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं. डरे-सहमे लोग ट्रेवल करने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से यूं ही टैक्सियां स्टैंड में खड़ी नजर आती है. ड्राइवर इसलिए भी टेंशन में हैं कि कोरोना संकट बरकरार रहने से आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है.

रायपुर: कोरोना और लॉकडाउन ने हर कारोबार पर ग्रहण लगा दिया है. कैब के कारोबार में भी ऐसा ही कुछ हुआ है. ढाई महीने का लॉकडाउन और फिर अनलॉक के बावजूद भी कैब ड्राइवरों को बुकिंग नहीं मिल पा रही. राजधानी रायपुर में मोबाइल एप के जरिए चलने वाली कैब की संख्या करीब 500 है. जिनके सामने अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है. कैब ड्राइवर खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं. टैक्सी ड्राइवर की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतें आ रही है और कई तरह की समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है.

कोरोनाकाल में कैब की बुकिंग में गिरावट

राजधानी से बुकिंग में चलने वाली इन गाड़ियों की बात की जाए तो शहर में लगभग 500 कैब मौजूद है, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण आम जनता टैक्सी में सफर करना पसंद नहीं कर रहा है. ड्राइवर बताते हैं, सामान्य दिनों में एक महीने में 25 से 30 हजार रुपये की आमदनी होती थी. पहले दिनभर में 100 से ज्यादा की बुकिंग मिल जाती थी, लेकिन आज 3 से 4 बुकिंग हो पा रही है. स्थिति यह है कि कैब मालिक बीते 6 महीने से अपनी गाड़ियों की EMI नहीं चुका पा रहे हैं. जिसके कारण संबंधित बैंक से भी इनके उपर दबाव बन रहा.

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लोग टैक्सी से बच रहे

लोगों की बात की जाए तो कोरोना का डर बना हुआ है, जिसके कारण लोग टैक्सी से सफर करने में डर रहे हैं. सामान्य दिनों में लोग टैक्सी लेकर घूमने या ऑफिस काम से जाया करते थे, लेकिन अब कोरोना की वजह से टैक्सी स्टैंड पर खड़ी रहती है. लोग अपनी सुरक्षा को देखते हुए टैक्सी की बजाय खुद की गाड़ी से सफर करना पसंद कर रहे हैं.

कोरोना से बढ़ा आर्थिक संकट

कोरोना संकट की इस घड़ी में अनलॉक के बाद भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं. डरे-सहमे लोग ट्रेवल करने से बच रहे हैं, जिसकी वजह से यूं ही टैक्सियां स्टैंड में खड़ी नजर आती है. ड्राइवर इसलिए भी टेंशन में हैं कि कोरोना संकट बरकरार रहने से आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है.

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