रायपुर: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (conversion in chhattisgarh) का मुद्दा गरमाता जा रहा है. कल राजधानी रायपुर के भाटागांव में धर्मांतरण (conversion in bhatagaon) मामलों को लेकर बवाल भी हुआ. जिसके बाद पुलिस ने समुदाय विशेष के प्रमुख को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था. उसके बाद दूसरे गुट के लोग भी थाने आ गए और थाने में ही मारपीट शुरू कर दी. जिसके बाद पुरानी बस्ती थाना टीआई को लाइन अटैच किया गया और सीएसपी को नोटिस भी जारी किया गया है. वहीं इस मुद्दे को लेकर रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Aggarwal) ने बघेल सरकार (Baghel government) पर हमला बोला है.
सरकार धर्मांतरण को लेकर नहीं है गंभीर
रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Aggarwal) ने बताया कि सरकार धर्मांतरण (conversion) को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. आखिर जो धर्मांतरण (conversion) करवाने वाले लोग हैं, उनके ऊपर सरकार कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करती. सीआरपीसी और आईपीसी की धारा (Sections of CRPC and IPC) क्यों नहीं लगाती. ये सब नहीं होने के कारण ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं. सीआरपीसी आईपीसी जैसी कानूनी कार्रवाई जब तक अवैध धर्मांतरण कराने वाले लोगों के खिलाफ नहीं होगी. इसको रोक पाना बहुत मुश्किल है. मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी बातें करते हैं कि, एक भी धर्मांतरण होगा तो हम कार्रवाई करेंगे. थाने में लोग धर्मांतरण करने वाले लोगों को पकड़ कर लाते हैं. उसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. बल्कि कार्रवाई उनके खिलाफ हो रही है जो धर्मांतरण करवाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखाते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होती है तो सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है.
'धर्मांतरण करवाने वाले लोगों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करे सरकार'
यह सरकार कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का काम स्वयं कर रही है. क्योंकि मेरी जानकारी के अनुसार हमलोग जब बस्तर में थे बस्तर में 20 से ज्यादा प्रदर्शन धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ हो चुके हैं. सरगुजा , जशपुर में लगातार इस प्रकार की गतिविधियां हो रही है. यहां तक कि दुर्ग , राजनंदगांव , रायपुर , महासमुंद जिले में धर्मांतरण के मामले आ रहे हैं. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जो धर्मांतरण करवा रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. अगर इनपर जल्दी कार्रवाई नहीं होती है तो आने वाले समय में बहुत भयंकर स्थिति पैदा होगी. कानून व्यवस्था को संभालना मुश्किल होगा. रविवार की जो घटना है. वह उसी का परिणाम है. धर्मांतरण करवाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जगह उन्होंने तरफदारी का आरोप लगाया है.