ETV Bharat / state

बृजमोहन और पुन्नूलाल मोहले हैं छत्तीसगढ़ में सियासत के सिकंदर

छत्तीसगढ़ की सियासत के 2 ऐसे सिकंदर हैं. जिनको कांग्रेस कभी हरा नहीं पाई. कांग्रेस की जोरदार लहर में भी बृजमोहन और पुन्नूलाल मोहले अंगद की तरह पैर जमाए खड़े रहे.

warriors of BJP
सियासत के सिकंदर
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 8, 2023, 8:22 PM IST

Updated : Dec 8, 2023, 8:30 PM IST

रायपुर: बीजेपी को 2 ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिनको सियासत में अमर होने का वरदान मिला है. पहला नाम है बृजमोहन अग्रवाल का और दूसरा नाम है पुन्नूलाल मोहले का. बीजेपी के ये दो ऐसे धाकड़ बल्लेबाज हैं, जिनको कांग्रेस आज तक आउट नहीं कर पाई. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बृजमोहन अग्रवाल का पांव अंगद के पैर की तरह साल 1990 से जमा है. कांग्रेस के सियासी रणबांकुरे लगातार हर विधानसभा में उनके पैर को उखाड़ने की कोशिश में खुद पछाड़ खा जाते हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की लहर थी,तब भी बृजमोहन अग्रवाल अपनी सीट बचा ले गए थे.

सियासी मैनेजमेंट में माहिर: 16 बरस की उम्र से सियासत का ककहरा पढ़ने वाले बृजमोहन अग्रवाल को करीब से जानने वाले बृजमोहन नहीं बल्कि मोहन भईया के नाम से जानते हैं. 2023 विधानसभा चुनाव में भी बृजमोहन अग्रवाल ने अपने ही गुरु महंत राम सुंदर दास को रिकार्ड 67 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और अपना रिकार्ड बरकरार रखा. इस जीत के साथ मोहन भईया की रायपुर दक्षिण सीट पर लगातार सातवीं जीत भी बीजेपी ने दर्ज की. बृजमोहन अग्रवाल के विरोधी भी ये मानते हैं कि रायपुर दक्षिण सीट पर बृजमोहन अग्रवाल अपराजेय हैं. उनका पैर इस सीट पर अंगद के पैर की तरह जम गया है, जिसे उखाड़ना कांग्रेस के बूते की बात नहीं है.

सियासत के अंगद बने बृजमोहन अग्रवाल: साल 1984 में वो भारतीय जनता पार्टी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए पहुंचे. साल 1990 में वो पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे, उस वक्त वो तत्कालीन मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्यों में सबसे युवा विधायक थे. 1990 से बृजमोहन अग्रवाल के जीत का कारवां फिर रुका नहीं चलता चला गया. 1993 से लेकर 2023 तक वो लगातार आठ बार नन स्टॉप विधायक बने. कांग्रेस ने जीत के इस सिलसिले को तोड़ने के लिए इस बार उनके ही गुरु को मैदान में उतारा था. गुरु को मैदान में देखकर भी बृजमोहन अग्रवाल की हिम्मत नहीं टूटी.गुरु को भी उन्होने करारी शिकस्त देकर ये साबित कर दिया कि सियासत में वो उनके चेले नहीं बल्कि गुरु हैं.

पुन्नूलाल मोहले सियासत के सिकंदर: पुन्नूलाल मोहले का सियासी इतिहास भी बृजमोहन अग्रवाल की तरह मजबूत है. 1980 से सियासी सफर शुरु करने वाले पुन्नूलाल मोहले भी कही कांग्रेस से मात नहीं खाए. सवा चार दशकों के इतिहास में मोहले मैदान में उतरे तो कांग्रेस की हार तय कर ही मैदान से लौटे. मोहले को हराने के लिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों को लेकर एक्सपेरिमेंट किए लेकिन हर बार पुन्नूलाल मोहले कांग्रेस के सियासी चक्रव्यूह को भेदकर विजेता बने. बिलासपुर से मोहले सांसद भी बने. केंद्र की राजनीति जब उनको रास नहीं आई तो पार्टी ने उनको राज्य की राजनीति में वापस भेज दिया.

हार जिन्हे नसीब नहीं हुई: विधानसभा चुनाव 2018 में जब कांग्रेस की जोरदार हवा चल रही थी तब भी मोहले अपना मुंगेली का सीट बचा ले गए थे. मुंगेली के लोगों का कहना है कि पुन्नूलाल मोहले से उनका सियासी नाता भर नहीं है, अब वो उनके घर के एक सदस्य जैसा हो गए हैं. इतने लंबे वक्त से वो यहां राजनीति करते आ रहे हैं कि वो कई लोगों की दो से तीन पीढ़ियों तक को देख चुके हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस की 14 सेकेंड की सफाई
छत्तीसगढ़ में चेले ने गुरु को हराया, जीत के बाद लिया आशीर्वाद
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की मूंछ पर नाई की चली कैंची

रायपुर: बीजेपी को 2 ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिनको सियासत में अमर होने का वरदान मिला है. पहला नाम है बृजमोहन अग्रवाल का और दूसरा नाम है पुन्नूलाल मोहले का. बीजेपी के ये दो ऐसे धाकड़ बल्लेबाज हैं, जिनको कांग्रेस आज तक आउट नहीं कर पाई. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बृजमोहन अग्रवाल का पांव अंगद के पैर की तरह साल 1990 से जमा है. कांग्रेस के सियासी रणबांकुरे लगातार हर विधानसभा में उनके पैर को उखाड़ने की कोशिश में खुद पछाड़ खा जाते हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की लहर थी,तब भी बृजमोहन अग्रवाल अपनी सीट बचा ले गए थे.

सियासी मैनेजमेंट में माहिर: 16 बरस की उम्र से सियासत का ककहरा पढ़ने वाले बृजमोहन अग्रवाल को करीब से जानने वाले बृजमोहन नहीं बल्कि मोहन भईया के नाम से जानते हैं. 2023 विधानसभा चुनाव में भी बृजमोहन अग्रवाल ने अपने ही गुरु महंत राम सुंदर दास को रिकार्ड 67 हजार से ज्यादा वोटों से हराया और अपना रिकार्ड बरकरार रखा. इस जीत के साथ मोहन भईया की रायपुर दक्षिण सीट पर लगातार सातवीं जीत भी बीजेपी ने दर्ज की. बृजमोहन अग्रवाल के विरोधी भी ये मानते हैं कि रायपुर दक्षिण सीट पर बृजमोहन अग्रवाल अपराजेय हैं. उनका पैर इस सीट पर अंगद के पैर की तरह जम गया है, जिसे उखाड़ना कांग्रेस के बूते की बात नहीं है.

सियासत के अंगद बने बृजमोहन अग्रवाल: साल 1984 में वो भारतीय जनता पार्टी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से होते हुए पहुंचे. साल 1990 में वो पहली बार मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे, उस वक्त वो तत्कालीन मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्यों में सबसे युवा विधायक थे. 1990 से बृजमोहन अग्रवाल के जीत का कारवां फिर रुका नहीं चलता चला गया. 1993 से लेकर 2023 तक वो लगातार आठ बार नन स्टॉप विधायक बने. कांग्रेस ने जीत के इस सिलसिले को तोड़ने के लिए इस बार उनके ही गुरु को मैदान में उतारा था. गुरु को मैदान में देखकर भी बृजमोहन अग्रवाल की हिम्मत नहीं टूटी.गुरु को भी उन्होने करारी शिकस्त देकर ये साबित कर दिया कि सियासत में वो उनके चेले नहीं बल्कि गुरु हैं.

पुन्नूलाल मोहले सियासत के सिकंदर: पुन्नूलाल मोहले का सियासी इतिहास भी बृजमोहन अग्रवाल की तरह मजबूत है. 1980 से सियासी सफर शुरु करने वाले पुन्नूलाल मोहले भी कही कांग्रेस से मात नहीं खाए. सवा चार दशकों के इतिहास में मोहले मैदान में उतरे तो कांग्रेस की हार तय कर ही मैदान से लौटे. मोहले को हराने के लिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों को लेकर एक्सपेरिमेंट किए लेकिन हर बार पुन्नूलाल मोहले कांग्रेस के सियासी चक्रव्यूह को भेदकर विजेता बने. बिलासपुर से मोहले सांसद भी बने. केंद्र की राजनीति जब उनको रास नहीं आई तो पार्टी ने उनको राज्य की राजनीति में वापस भेज दिया.

हार जिन्हे नसीब नहीं हुई: विधानसभा चुनाव 2018 में जब कांग्रेस की जोरदार हवा चल रही थी तब भी मोहले अपना मुंगेली का सीट बचा ले गए थे. मुंगेली के लोगों का कहना है कि पुन्नूलाल मोहले से उनका सियासी नाता भर नहीं है, अब वो उनके घर के एक सदस्य जैसा हो गए हैं. इतने लंबे वक्त से वो यहां राजनीति करते आ रहे हैं कि वो कई लोगों की दो से तीन पीढ़ियों तक को देख चुके हैं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली हार पर कांग्रेस की 14 सेकेंड की सफाई
छत्तीसगढ़ में चेले ने गुरु को हराया, जीत के बाद लिया आशीर्वाद
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की मूंछ पर नाई की चली कैंची
Last Updated : Dec 8, 2023, 8:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.