रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अब तक कुल 85 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. 17 अगस्त को बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी की थी. इसमें 21 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया था. जबकि 9 अक्टूबर को बीजेपी ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है. इसमें 64 उम्मीदवारों को टिकट देने की घोषणा हुई. लेकिन दूसरी लिस्ट आने के बाद यह खुलासा हुआ है कि बीजेपी ने पुराने चेहरों को मैदान में उतारा है. जिसमें हारे हुए 13 नेता शामिल हैं. जिन्हें साल 2018 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
13 हारे हुए नेताओं को बीजेपी का टिकट: बीजेपी की दूसरी लिस्ट में सबसे चौंकाने वाले नाम में वो 13 नाम शामिल हैं. जो पिछला चुनाव हार गए थे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था. उसमें जिन 13 नेताओं को टिकट मिला है. उनमें ये नाम शामिल हैं.
- श्याम बिहारी जयसवाल को मनेंद्रगढ़ से टिकट दिया गया है
- भैयालाल राजवाड़े को बैकुंठपुर से उम्मीदवारी मिली
- रामदयाल उईके को पाली तानाखार सीट से मैदान में उतारा गया
- केदार कश्यप को नारायणपुर से टिकट मिला
- महेश गागड़ा को बीजापुर से पार्टी ने उतारा
- प्रेम प्रकाश पांडेय को भिलाई नगर से टिकट दिया गया
- दयालदास बघेल को नवागढ़ से पार्टी ने मैदान में उतारा
- राजेश मूणत को रायपुर पश्चिम से टिकट दिया गया
- विक्रम उसेंडी को अंतागढ़ से टिकट की घोषणा हुई
- अमर अग्रवाल को बिलासपुर से उम्मीदवार बनाया गया
- संयोगिता सिंह जूदेव को चंद्रपुर से उम्मीदवार बनाया गया
- ओपी चौधरी को रायगढ़ से मैदान में उतारा गया
- मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण से टिकट दिया गया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का टिकट बंटवारे पर बयान: टिकट बंटवारे पर बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने बयान देते हुए कहा कि" यह लिस्ट अनुभवी नेताओं और युवा चेहरों का मिश्रण है. पार्टी ने युवा और अनुभवी नेताओं दोनों को उम्मीदवार बनाया है.सभी विधानसभा सीट पर हर पहलू को लेकर चर्चा की गई है. चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता मिलकर काम करेंगे"
हारे हुए नेताओं को दिया गया टिकट: कांग्रेस की तरफ से सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी की दूसरी लिस्ट पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन नेताओं को टिकट दिया है. जिन्हें पिछले चुनाव में मतदाताओं ने खारिज कर दिया था. भाजपा ने उन लोगों पर विश्वास किया है जिन्हें लोगों ने खारिज कर दिया है. चाहे वह अमर अग्रवाल हों, प्रेमप्रकाश पांडे हों या राजेश मूणत हों. बीजेपी के पास राज्य में कोई चेहरा नहीं है"
बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर अब कांग्रेस हारे हुए उम्मीदवारों का जिक्र कर भाजपा पर निशाना साध रही है. जबकि बीजेपी इसे अनुभव और नए चेहरों का मिश्रण बता रही है. अब देखना होगा कि टिकट बंटवारे की इस सियासत पर घमासान कहां जाकर थमता है.