सरगुजा : छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव का प्रचार तेज हो गया है. अंबिकापुर नगर निगम में जहां कांग्रेस तीसरी बात जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मेहनत कर रही है तो वहीं बीजेपी इस बार अंबिकापुर नगर निगम में कब्जा करने के लिए जोर लगा रही है. अंबिकापुर की नगर सरकार में कांग्रेस के मेयर डॉ अजय तिर्की 10 वर्ष से काबिज हैं.यहां ज्यादातर पार्षद भी कांग्रेस के ही हैं. अब एक बार फिर से निगम में चुनाव हो रहे हैं.जहां अजय तिर्की के सामने बीजेपी की मंजूषा भगत हैं.
टीएस सिंहदेव कर रहे चुनाव प्रचार : कांग्रेस के प्रचार प्रसार में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार में निकल चुके हैं. रैली के साथ सिंहदेव शहर की सड़कों पर निकले. घर-घर जाकर कांग्रेस के लिए वोट की अपील की है. इस दौरान उन्होंने कई चुनाव कार्यालयों का उद्घाटन भी किया. इस दौरान ईटीवी भारत ने चुनाव प्रचार के दौरान टीएस सिंहदेव से बात की.
जरुरत के हिसाब से मांग बढ़ी : इस दौरान टीएस सिंहदेव ने कहा कि आबादी बढ़ गई है, लक्ष्य और आवश्यकता बदलते रहते हैं. पहले पानी की मांग थी, अब पानी कम आ रहा है ऐसी बात आती है. जैसे-जैसे तरक्की होती है मांग बढ़ती जाती है. अब अंडर ग्राउंड सीवरेज, अंडर ग्राउंड केबलिंग की जरूरत दिखती है. स्टेट टाइम से अभी भी 33 फुट की सड़कें हैं. ट्रैफिक के लिहाज से इनको भी कहीं कहीं चौड़ा करने की जरूरत दिखती है.
अंबिकापुर में आधे से अधिक पार्षद कांग्रेस के जीत रहे हैं, मेयर पद पर लोकसभा, विधानसभा का प्रभाव नही रहेगा. उन चुनाव में शहर से कांग्रेस पीछे रही है. लेकिन निगम के चुनाव में प्रत्याशी का चेहरा प्रभावी रहता है उसके आधार पर वोट मिलते हैं. मैं भी जब पार्षद का चुनाव लड़ा था तो मेरी उम्र बहुत कम रही, शफी 6 बार के पार्षद हैं. लेकिन जब उन्होंने पहला चुनाव लड़ा तब करीब 25 वर्ष के रहे होंगे तो ये शुरू से होता रहा है कि युवाओं को मौका मिला है- टीएस सिंहदेव, पूर्व डिप्टी सीएम
कांग्रेस छोड़कर जाने वाले का मलाल नहीं : घोषणापत्र के संबंध में भी टीएस सिंहदेव ने अपनी बात रखी. टीएस सिंहदेव ने कहा कि घोषणापत्र में कुछ बदलाव भी हो सकते हैंं, लेकिन वार्ड में पार्षद को ज्यादा पता होता है कि उनके क्षेत्र में किस तरह की समस्या है. उसके आधार पर ही काम किए जाएं तो ज्यादा बेहतर होगा. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले लोगों के लिए उन्होंने साफ कहा कि स्पष्ट पता था कि कुछ लोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिये काम कर रहे थे, ऐसे लोगों को कांग्रेस से टिकट देना संभव नहीं था, कुछ लोगों ने तो इच्छा भी जाहिर नही की और चले गए.
बिलासपुर नगर निगम चुनाव, बढ़ सकती हैं भाजपा महापौर पद प्रत्याशी की मुश्किल