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बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने पशु वध की छूट को खत्म करने की मांग की

बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने लोकसभा में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का मुद्दा उठाया. उन्होंने इसके तहत पशु वध की छूट को खत्म करने की मांग की है. सुनील सोनी ने सदन में कहा कि इस अधिनियम में धारा 28 को हटाया जाना चाहिए. क्योंकि धार्मिक कारणों से जानवरों को मारना ठीक नहीं है.

BJP MP Sunil Soni
बीजेपी सांसद सुनील सोनी
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Published : Jul 27, 2022, 12:19 AM IST

नई दिल्ली /रायपुर: रायपुर से बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने मंगलवार को लोकसभा में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का मुद्दा उठाया है. सांसद सुनील सोनी ने संसद में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत धार्मिक गतिविधियों में पशु वध की छूट को पूरी तरह से खत्म करने की मांग की है. सांसद सुनील सोनी ने कहा " पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाया जाना चाहिए. इस धारा के अंतर्गत किसी भी जानवर को धार्मिक कारणों से मारने की अनुमति प्रदान की गई है". जो कि गलत है.


बूचड़खाने के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारना ठीक नहीं : सांसद सुनील सोनी ने कहा " बूचड़खाने के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारा जाता है. इससे मारे गए जानवरों के खून और शारीरिक अंगों का पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ता है. हर वर्ष बकरियां , भैंस और ऊंट सहित हजारों बेजुबान जानवरों को धार्मिक रीति-रिवाज के नाम पर लोगों के द्वारा मारा जाता है. इस तरह कुर्बान किए गए जानवरों के मांस का सेवन करना मानव स्वास्थ्य के लिए खराब है. सांसद सुनील सोनी ने कहा " धार्मिक रीति रिवाज के नाम पर मारे गए जानवरों की किसी प्रकार की आधिकारिक स्वास्थ्य सुरक्षा जांच नहीं होती है. मेरा अनुरोध है कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाई जाए. जो लोग जानवरों की कुर्बानी करना चाहते हैं उसके लिए सिर्फ लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने में ही कुर्बानी की अनिवार्यता तय की जानी चाहिए"

नई दिल्ली /रायपुर: रायपुर से बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने मंगलवार को लोकसभा में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का मुद्दा उठाया है. सांसद सुनील सोनी ने संसद में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत धार्मिक गतिविधियों में पशु वध की छूट को पूरी तरह से खत्म करने की मांग की है. सांसद सुनील सोनी ने कहा " पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाया जाना चाहिए. इस धारा के अंतर्गत किसी भी जानवर को धार्मिक कारणों से मारने की अनुमति प्रदान की गई है". जो कि गलत है.


बूचड़खाने के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारना ठीक नहीं : सांसद सुनील सोनी ने कहा " बूचड़खाने के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारा जाता है. इससे मारे गए जानवरों के खून और शारीरिक अंगों का पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ता है. हर वर्ष बकरियां , भैंस और ऊंट सहित हजारों बेजुबान जानवरों को धार्मिक रीति-रिवाज के नाम पर लोगों के द्वारा मारा जाता है. इस तरह कुर्बान किए गए जानवरों के मांस का सेवन करना मानव स्वास्थ्य के लिए खराब है. सांसद सुनील सोनी ने कहा " धार्मिक रीति रिवाज के नाम पर मारे गए जानवरों की किसी प्रकार की आधिकारिक स्वास्थ्य सुरक्षा जांच नहीं होती है. मेरा अनुरोध है कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाई जाए. जो लोग जानवरों की कुर्बानी करना चाहते हैं उसके लिए सिर्फ लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने में ही कुर्बानी की अनिवार्यता तय की जानी चाहिए"

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