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खाद में मिलावट पर बीजेपी ने राज्यपाल से क्या मांग की ?

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Published : May 24, 2022, 11:39 PM IST

हाल ही में किसानों को दिए जा रहे खाद में मिलावट की बात सामने आई (Fertilizer adulteration case in Raipur) थी. अधिकारियों ने भी शिकायत के बाद जांच की बात कही. वहीं भाजपा किसान मोर्चा ने राज्यपाल से मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

fertilizer adulteration in raipur
रायपुर में खाद में मिलावट

रायपुर: रायपुर में किसानों को दिए जा रहे खाद में मिलावट मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है. दरअसल, किसानों को दिए जा रहे खाद को अमानक करार देते हुए खाद की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच, आत्महत्या किए हुए किसानों के परिवार को मुआवजा और किसानों के खेत की रकबा कटौती बंद करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर भाजपा किसान मोर्चा ने आज राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा (Fertilizer adulteration case in Raipur) है. इस विषय में भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने बताया, " राज्यपाल ने खाद, वर्मी कंपोस्ट जैसे तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जल्द इस पर कमेटी बनाने की बात कही है. इस मामले में राज्यपाल सरकार को पत्र भी लिख रही है."

किसानों को खाद के नाम पर गोबर, मिट्टी और रेत: भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी बजरंग प्रसाद ने बताया, "23 मई को भाजपा किसान मोर्चा ने पूरे छत्तीसगढ़ के 2058 केंद्रों पर जाकर प्रदर्शन किया है. गोबर, मिट्टी और रेत मिला हुआ खाद राज्य सरकार किसानों को दे रही है. खाद में कितनी मात्रा में क्या मिलाया गया है. इसकी जानकारी भी सरकार किसानों को नहीं दे रही है. कल जब हम प्रदर्शन के दौरान खाद केंद्र पहुंचे तो वहां यह भी देखने को मिला कि 30 किलो के बोरी में 22 और 25 किलो ही खाद है. इस तरह से सरकार किसानों के भावनाओं के साथ खेल रही है. किसानों को खाद लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है."

खाद केंद्रों में कांग्रेस के लोगो को एजेंट बनाकर सरकार कर रही धोखाधड़ी: भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने बताया, "तमाम प्रदेश के खाद केंद्रों में कांग्रेस के लोगों को एजेंट बनाकर लूट खसोट की जा रही है. किसानों के इन तमाम मुद्दों को लेकर आज भाजपा किसान मोर्चा ने राज्यपाल से मुलाकात की है. राज्यपाल ने इन तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जल्द इस पर कमेटी बनाने की बात कही है. इस मामले में राज्यपाल सरकार को पत्र भी लिख रही हैं."

यह भी पढ़ें: गौरेला पेंड्रा मरवाही में किसानों का हंगामा, जानिए वजह

भाजपा किसान मोर्चा की सरकार से मांगें:

  • किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी गोबर खाद खरीदी की बाध्यता से मुक्त किया जाए.
  • प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी राजीव गांधी न्याय योजना के अंतिम किस्त की राशि में 30 फीसद से 50 फीसद तक की कटौती करते हुए करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है. इस अंतर की राशि को तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
  • प्रदेश सरकार ने किसानों से धान खरीदने का वादा किया था, जो कि छत्तीसगढ़ में रबी की फसल भी पर्याप्त मात्रा में होती है. पूरे प्रदेश में किसानों के रबी फसल की खरीदी 2500 प्रति क्विंटल में तत्काल प्रारंभ किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा सरकार बनने से पहले अपने घोषणापत्र में पूर्व सरकार की लंबित 2 वर्षों के धान बोनस देने का वादा किया था. किंतु सरकार को आज साढ़े 3 वर्ष से अधिक हो गए हैं. बकाया बोनस की राशि तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा सोसाइटी के माध्यम से किसानों को घटिया वर्मी कंपोस्ट खाद दिया जा रहा है, लेकिन जब वर्मी कंपोस्ट खाद का वजन किया गया, तो उसमें भी 5 से 8 किलोग्राम की कमी पाई गई.
  • राज्य सरकार द्वारा सहकारी समिति में वर्मी कंपोस्ट गोबर खाद के गुणवत्ता की जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए.
  • किसानों के खेत की रकबा कटौती बंद की जाए.
  • आत्महत्या किए हुए किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए.
  • नए राजधानी के किसान आंदोलन का नीतिगत हल निकाला जाए.

रायपुर: रायपुर में किसानों को दिए जा रहे खाद में मिलावट मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है. दरअसल, किसानों को दिए जा रहे खाद को अमानक करार देते हुए खाद की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच, आत्महत्या किए हुए किसानों के परिवार को मुआवजा और किसानों के खेत की रकबा कटौती बंद करने जैसे तमाम मुद्दों को लेकर भाजपा किसान मोर्चा ने आज राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा (Fertilizer adulteration case in Raipur) है. इस विषय में भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने बताया, " राज्यपाल ने खाद, वर्मी कंपोस्ट जैसे तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जल्द इस पर कमेटी बनाने की बात कही है. इस मामले में राज्यपाल सरकार को पत्र भी लिख रही है."

किसानों को खाद के नाम पर गोबर, मिट्टी और रेत: भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी बजरंग प्रसाद ने बताया, "23 मई को भाजपा किसान मोर्चा ने पूरे छत्तीसगढ़ के 2058 केंद्रों पर जाकर प्रदर्शन किया है. गोबर, मिट्टी और रेत मिला हुआ खाद राज्य सरकार किसानों को दे रही है. खाद में कितनी मात्रा में क्या मिलाया गया है. इसकी जानकारी भी सरकार किसानों को नहीं दे रही है. कल जब हम प्रदर्शन के दौरान खाद केंद्र पहुंचे तो वहां यह भी देखने को मिला कि 30 किलो के बोरी में 22 और 25 किलो ही खाद है. इस तरह से सरकार किसानों के भावनाओं के साथ खेल रही है. किसानों को खाद लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है."

खाद केंद्रों में कांग्रेस के लोगो को एजेंट बनाकर सरकार कर रही धोखाधड़ी: भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने बताया, "तमाम प्रदेश के खाद केंद्रों में कांग्रेस के लोगों को एजेंट बनाकर लूट खसोट की जा रही है. किसानों के इन तमाम मुद्दों को लेकर आज भाजपा किसान मोर्चा ने राज्यपाल से मुलाकात की है. राज्यपाल ने इन तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जल्द इस पर कमेटी बनाने की बात कही है. इस मामले में राज्यपाल सरकार को पत्र भी लिख रही हैं."

यह भी पढ़ें: गौरेला पेंड्रा मरवाही में किसानों का हंगामा, जानिए वजह

भाजपा किसान मोर्चा की सरकार से मांगें:

  • किसानों को प्रति एकड़ 3 बोरी गोबर खाद खरीदी की बाध्यता से मुक्त किया जाए.
  • प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी राजीव गांधी न्याय योजना के अंतिम किस्त की राशि में 30 फीसद से 50 फीसद तक की कटौती करते हुए करीब 470 करोड़ की राशि किसानों को कम जारी की गई है. इस अंतर की राशि को तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
  • प्रदेश सरकार ने किसानों से धान खरीदने का वादा किया था, जो कि छत्तीसगढ़ में रबी की फसल भी पर्याप्त मात्रा में होती है. पूरे प्रदेश में किसानों के रबी फसल की खरीदी 2500 प्रति क्विंटल में तत्काल प्रारंभ किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा सरकार बनने से पहले अपने घोषणापत्र में पूर्व सरकार की लंबित 2 वर्षों के धान बोनस देने का वादा किया था. किंतु सरकार को आज साढ़े 3 वर्ष से अधिक हो गए हैं. बकाया बोनस की राशि तत्काल किसानों को जारी किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा सोसाइटी के माध्यम से किसानों को घटिया वर्मी कंपोस्ट खाद दिया जा रहा है, लेकिन जब वर्मी कंपोस्ट खाद का वजन किया गया, तो उसमें भी 5 से 8 किलोग्राम की कमी पाई गई.
  • राज्य सरकार द्वारा सहकारी समिति में वर्मी कंपोस्ट गोबर खाद के गुणवत्ता की जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए.
  • किसानों के खेत की रकबा कटौती बंद की जाए.
  • आत्महत्या किए हुए किसानों के परिवार को मुआवजा दिया जाए.
  • नए राजधानी के किसान आंदोलन का नीतिगत हल निकाला जाए.
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