रायपुर: पिछले कुछ दिनों से भाजपा लगातार एक के बाद एक मुद्दों को लेकर सरकार को घेरते नजर आ रही है. अब तक भाजपा सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर सरकार और कांग्रेस को घेरती रही है. लेकिन अचानक से अब भाजपा के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता विभिन्न मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरते नजर आ रहे हैं. इसमें चाहे प्रदेश में बढ़ते अपराध का मामला हो, बेरोजगारी का मामला हो या फिर पीएम आवास ना मिलने का मामला हो. ऐसे तमाम विषयों को लेकर भाजपा लगातार आक्रामक हो गई है. इतना ही नहीं जैसे-जैसे महाधिवेशन के दिन नजदीक आ रहे हैं. भाजपा का सरकार और कांग्रेस पर आक्रमण तेज हो गया है.
कई मुद्दों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरे: सोमवार को भी भाजपा के द्वारा पीएम आवास ना मिलने के मामले को लेकर प्रदेश के 11 कांग्रेसी विधायकों का घेराव किया. इस तरह के प्रदर्शन भाजपा की ओर से लगातार जारी है. पीएम आवास को लेकर विधानसभा स्तर पर मोर आवास मोर अधिकार के नाम से भाजपा के द्वारा प्रदर्शन किया गया. रायपुर में भी कांग्रेसी विधायकों का भाजपा ने प्रदर्शन कर घेराव किया. इस बीच गृह मंत्री के बंगले का भी घेराव कर भाजपाइयों ने जोरदार नारेबाजी की.
भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर का विरोध: इतना ही नहीं कुछ दिन पहले भी नक्सलियों के द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या के मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया था. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. पुलिस के द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर भाजपा में काफी आक्रोश था.
"आपमें है ताकत, तो हमारे खिलाफ भी लिखो एफआईआर": इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत का कहना है कि "नक्सलियों के द्वारा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या के बाद जब भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चक्का जाम किया गया. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है. मैं सरकार से आग्रह करता हूं और चुनौती देता हूं, भाजपा का कार्यकर्ता ना दबने वाला है, ना झुकने वाला है. हमारे कार्यकर्ता को दबंगता के साथ दबाने की कोशिश करोगे, तो पार्टी कार्यकर्ता प्रखरता और मुखरता के साथ सड़कों पर आएंगे. हमने भी चक्का जाम किया है, हम भी उसमें शामिल थे, आपमें ताकत है, तो हमारे खिलाफ भी एफआईआर लिखो. भाजपा के कोई भी कार्यकर्ता डरने वाले नहीं."
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भाजपा अघोषित मोर्चा प्रकोष्ठ ईडी, सीबीआई आईटी के माध्यम से हो रही है सक्रिय: कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि "जैसे जैसे अधिवेशन नजदीक आ रहा है, भाजपा सक्रीय हो रही है. लेकिन वह अपने कार्यकर्ताओं के दम पर सक्रिय नहीं हो रही है, अपने जो अघोषित मोर्चा प्रकोष्ठ हैं, ईडी, सीबीआई, आईटी, इनके माध्यम से सक्रिय हो रही है. भाजपा जब राजनीतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पाती है, तो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करती है. दरअसल भाजनपा कायर और भेदू पार्टी है. उसके अंदर में राजनीतिक क्षमता नहीं है, जो हमारा राजनीतिक तौर पर मुकाबला कर सके."
"ईडी की कार्रवाई से महाधिवेशन पर नहीं पड़ने वाला है कोई फर्क": कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "निश्चित तौर पर यदि भाजपा के पास नेता और कार्यकर्ता होते, उनमें साहस नहीं है कि मुद्दों के आधार पर बात करें. हम बेनकाब करेंगे अपने अधिवेशन में. विभिन्न विषयों पर जो राजनीतिक प्रस्ताव पारित होंगे, तो न सिर्फ इस देश की जनता की आंखें खुलेंगी, दुनिया के जनता की आंखें खुलेगी. भाजपा इसी से डरी हुई है, बौखलाई हुई है. इसलिए उन्होंने ईडी को आगे किया है. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. हमारा अधिवेशन ईडी की कार्रवाई के बाद और ज्यादा मजबूत तरीके से होने वाला है."
"हमने कार्यकर्ताओं रोके रखा, नहीं तो दफ्तर से बाहर नहीं आ सकते ईडी अधिकारी": इस दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "यह तो हमने रोका है, नहीं तो ईडी के अधिकारी अपने दफ्तर बाहर नहीं निकल पाते. हमारा कार्यकर्ता इतना ज्यादा आक्रोशित है. हमारे वरिष्ठ नेताओं ने रोक रखा हुआ है. अन्यथा यहां पर बहुत ज्यादा अप्रिय स्थिति बनने वाली थी."
अग्रेसिव मोड में है भाजपा, चुनाव तक हो सकती है बराबर की स्थिति: वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा कहना है कि "मैं ऐसा नहीं मानता कि अभी महाधिवेशन के दौरान भाजपा आग्रेसिव मोड में है. भाजपा 5 महीने पहले से ही अग्रेसिव में चली गई है. जिस तरीके से उनके अध्यक्ष आ रहे हैं, जिस तरीके से नेता प्रतिपक्ष बदले गए हैं, जिस तरह उनके प्रभारी बदले हैं, उनकी जो तमाम अग्रेसिव मूड की टीम है, उनका छत्तीसगढ़ प्रवास हो रहा. इससे कह सकते कि भाजपा अग्रेसिव मूड में तो है और चुनाव आते आते इस चुनाव को 50-50 में लेकर आ जाएगी."
चुनाव तक स्थिति बराबरी पर ला सकती है भाजपा: वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा कहना है कि "जिस तरीके से आरएसएस का शिविर लग रहे हैं. बस्तर में उन्होंने फोकस किया है. कोरबा में गृहमंत्री आए, बस्तर में नड्डा आए, उनके शिविर भी बस्तर पर फोकस करने के लिए लगा है. तमाम वह प्रयास कर रहे हैं, आने वाले समय में भी करते रहेंगे और आने वाला वक्त जो यह चुनाव एक तरफा था, उसे बराबर पर लाकर खड़ा कर देंगे."
महाधिवेशन में आने वाले चुनावों को लेकर बनेगी रणनीति: कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक आयोजित किया गया है. जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे. इस दौरान जहां एक ओर कांग्रेस अपनी पार्टी को मजबूत करने मंथन करेगी. वहीं दूसरी ओर आगामी विधानसभा और चुनाव लोकसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार करेगी. इतना ही नहीं देश की दशा और दिशा को लेकर भी इस महाधिवेशन में चर्चा की जाएगी. यही वजह है कि कांग्रेस का यह राष्ट्रीय महाधिवेशन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.