रायपुर: बिरनपुर हिंसा और पर सियासी बवाल चुनावी शोर में तब्दील होता जा रहा है. सोमवार को राजनांदगांव दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिरनपुर हिंसा का जिक्र किया था. उन्होंने बिरनपुर हिंसा में भुनेश्वर साहू की मौत को लेकर बघेल सरकार पर हमला बोला. इसके साथ ही तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगा दिया. अमित शाह के हमले के बाद से छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो गया. कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही चुनाव आयोग से उनके खिलाफ केस दर्ज करने की अपील की है. जिसके बाद से छत्तीसगढ़ की सियासत में वार पलटवार का दौर जारी है.
साजा से बीजेपी प्रत्याशी ईश्वर साहू ने कांग्रेस पर किया अटैक: अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए साजा से प्रत्याशी ईश्वर साहू ने कांग्रेस पर सीधा हमला किया है. उन्होंने कहा है कि बिरनपुर हिंसा में उनके बेटे की जान गई. लेकिन कांग्रेस की सरकार ने मुझे इंसाफ नहीं दिया. साजा के रविंद्र चौबे विधायक हैं. कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं. लेकिन उन्होंने भी एक बार फिर यहां आने की जहमत नहीं उठाई. जब घटना घटी तब भी वह नहीं आए. मैं खुद न्याय मांगने रविंद्र चौबे जी के पास गया था. लेकिन मुझे न्याय देने की जगह खरीदने की कोशिश हुई.
"केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मेरे बेटे को न्याय दिलाने की बात कही. इस पर रविंद्र चौबे का अमित शाह के खिलाफ जो बयान आया है. वह ठीक नहीं है. अब रविंद्र चौबे कह रहे हैं कि देश के गृहमंत्री का यह बयान उनके कद को गिराने जैसा है. लेकिन साजा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के नाते एक बार भी रविंद्र चौबे बिरनपुर हिंसा के वक्त नहीं आए. मुझे न्याय देने के बजाय खरीदने की कोशिश हुई. अब बीजेपी ने मुझे साजा में उतारा है. मैं लोगों से अपने बच्चे को न्याय दिलाने की भीख मांगूगा": ईश्वर साहू, बीजेपी प्रत्याशी, साजा
कांग्रेस ने ईश्वर साहू को घेरा: इस पूरे मामले में कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार ईश्वर साहू पर पलटवार किया है. साथ ही बीजेपी पर भी निशाना साधा. कांग्रेस ने बिरनपुर में दंगा भड़काने का आरोप बीजेपी पर लगाया है.
"बीजेपी का करैक्टर गिद्ध वाला हो गया है. जिस तरह से गिद्ध लाशों के ऊपर मंडराता है. वैसे ही छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी लाशों पर राजनीति कर रही है. ईश्वर साहू के पुत्र की हत्या हुई कानून ने अपना काम किया है. सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्हें जेल भेजा गया. अब ईश्वर साहू भारतीय जनता पार्टी के नेता बन चुके हैं. वह पीड़ित के पिता ही नहीं रहे. उनके जो आरोप हैं. वह पूरी तरह से राजनीतिक आरोप है" सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, कांग्रेस संचार विभाग,छत्तीसगढ़
कब हुई थी बिरनपुर हिंसा: बिरनपुर हिंसा 8 अप्रैल 2023 को हुई थी. जिसमें भुनेश्वर साहू की मौत हुई थी. उसके बाद से बिरनपुर में रुक रुक कर बवाल होता रहा. पुलिस प्रशासन की सख्ती के बाद यहां मामला शांत हुआ था. इस केस में पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अभी पूरे केस में कोर्ट में सुनवाई चल रही है.