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सीएम भूपेश बघेल ने गोरखपुर में किया प्रचार, मधुसूदन त्रिपाठी के लिए मांगे वोट

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोरखपुर से कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया.

मधुसूदन तिवारी के लिए मांगे वोट
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Published : Apr 29, 2019, 3:10 PM IST

गोरखपुर/ रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोरखपुर से कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया. भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लोगों से कांग्रेस और मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में मतदान करने की अपील की.

मधुसूदन तिवारी के लिए मांगे वोट

भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार जुमलेबाजी की सरकार है यह सिर्फ वोट और नोट की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि, 'इस बार बीजेपी की जुमलेबाजी नहीं चलेगी और फिर से कांग्रेस की सरकार आएगी.' बघेल ने कहा कि, 'इस सरकार किसान ने मजदूर, छात्रों को सिर्फ ठगने का काम किया है आज छात्र पढ़ाई करके बेरोजगार घूम रहे हैं. यह सरकार सिर्फ घोषणा करती है लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.'

जब सीएम योगी ने सीट छोड़ी थी तब क्या हुआ था
गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में लगभग 19 लाख वोटर हैं. जिसमें निषाद वोटर्स की संख्या 3.50 लाख और ब्राह्मण वोटर डेढ़ लाख हैं. कई वर्षों से गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ही जीतते आई है. क्षेत्र में कई वर्षों से गोरखनाथ मठ का ही दबदबा रहा है. 2018 उप लोकसभा चुनाव में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीट को छोड़ा तो यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हुए उपेंद्र दत्त शुक्ला और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला. प्रवीण निषाद ने गोरखपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को 22000 वोटों से हराया था.

इस बार बदली स्थिति
अब यहां स्थिति बदल गई है. 2019 लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद अब सपा का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और बीजेपी ने उन्हें संत कबीर नगर से बीजेपी का कैंडिडेट बनाया है. आपको बता दें कि 70 से 80 के दशक में गोरखपुर लोकसभा में कांग्रेस का राज था यहा कांग्रेस के हरिकेश बहादुर सिंह गोरखपुर के सांसद हुआ करते थे.

कुछ जरूरी जानकारियां-

  • 1989 गोरक्षनाथ मठ के महंत अवैधनाथ हिन्दू महासभा से चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई.
  • 1991 गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ ने बीजेपी का दामन थामा.
  • 1991 में महंत अवैधनाथ बीजेपी से गोरखपुर लोकसभा से सांसद हुए.
  • उसके बाद गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने 1996 में गोरखपुर सदर लोकसभा से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई.
  • 1996 से लेकर 2014 तक सीएम योगी यहां जीतते रहे.

कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी को टिकट देने का आरोप लगाया

वहीं इस बार कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी को कांग्रेस का टिकट दिया है. कांग्रेस का कहना है कि मधुसूदन त्रिपाठी गोरखपुर के लोकल प्रत्याशी हैं और वह नाम के मोहताज नहीं हैं, उनकी अच्छी छवि भी है. कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी को टिकट देने का आरोप लगाया है.

गोरखपुर/ रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोरखपुर से कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया. भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लोगों से कांग्रेस और मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में मतदान करने की अपील की.

मधुसूदन तिवारी के लिए मांगे वोट

भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार जुमलेबाजी की सरकार है यह सिर्फ वोट और नोट की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि, 'इस बार बीजेपी की जुमलेबाजी नहीं चलेगी और फिर से कांग्रेस की सरकार आएगी.' बघेल ने कहा कि, 'इस सरकार किसान ने मजदूर, छात्रों को सिर्फ ठगने का काम किया है आज छात्र पढ़ाई करके बेरोजगार घूम रहे हैं. यह सरकार सिर्फ घोषणा करती है लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.'

जब सीएम योगी ने सीट छोड़ी थी तब क्या हुआ था
गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में लगभग 19 लाख वोटर हैं. जिसमें निषाद वोटर्स की संख्या 3.50 लाख और ब्राह्मण वोटर डेढ़ लाख हैं. कई वर्षों से गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ही जीतते आई है. क्षेत्र में कई वर्षों से गोरखनाथ मठ का ही दबदबा रहा है. 2018 उप लोकसभा चुनाव में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीट को छोड़ा तो यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हुए उपेंद्र दत्त शुक्ला और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला. प्रवीण निषाद ने गोरखपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को 22000 वोटों से हराया था.

इस बार बदली स्थिति
अब यहां स्थिति बदल गई है. 2019 लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद अब सपा का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और बीजेपी ने उन्हें संत कबीर नगर से बीजेपी का कैंडिडेट बनाया है. आपको बता दें कि 70 से 80 के दशक में गोरखपुर लोकसभा में कांग्रेस का राज था यहा कांग्रेस के हरिकेश बहादुर सिंह गोरखपुर के सांसद हुआ करते थे.

कुछ जरूरी जानकारियां-

  • 1989 गोरक्षनाथ मठ के महंत अवैधनाथ हिन्दू महासभा से चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई.
  • 1991 गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ ने बीजेपी का दामन थामा.
  • 1991 में महंत अवैधनाथ बीजेपी से गोरखपुर लोकसभा से सांसद हुए.
  • उसके बाद गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने 1996 में गोरखपुर सदर लोकसभा से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई.
  • 1996 से लेकर 2014 तक सीएम योगी यहां जीतते रहे.

कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी को टिकट देने का आरोप लगाया

वहीं इस बार कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी को कांग्रेस का टिकट दिया है. कांग्रेस का कहना है कि मधुसूदन त्रिपाठी गोरखपुर के लोकल प्रत्याशी हैं और वह नाम के मोहताज नहीं हैं, उनकी अच्छी छवि भी है. कांग्रेस ने भाजपा पर बाहरी को टिकट देने का आरोप लगाया है.

Intro:गोरखपुर कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया एक जनसभा इस जनसभा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुँचे गोरखपुर
गोरखपुर क्लब में गोरखपुर सदर के कांग्रेस प्रत्याशी मधुसूदन त्रिपाठी के पक्ष में कर रहे है वोट की अपील इस बार गोरखपुर सदर सीट से बीजेपी ने ब्राह्मण कैंडिडेट खड़ा किया है और कांग्रेस ने भी ब्राह्मण कैंडिडेट खड़ा कर दिया है वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोगों से अपील कर रहे हैं की बीजेपी सरकार जुमलेबाजी की सरकार है यह सिर्फ वोट और नोट की राजनीति करते हैं लेकिन इस बार बीजेपी की जुमलेबाजी नहीं चलेगी और फिर से कांग्रेस की सरकार आएगी यह सरकार किसान मजदूर छात्रों को सिर्फ ठगने का काम किया है आज छात्र पढ़ाई करके बेरोजगार घूम रहे हैं यह सरकार सिर्फ घोषणा करती है लेकिन इनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है|
गोरखपुर सदर लोकसभा में लगभग 19 लाख वोटर है जिसमें निषाद वोटर 3.50 लाख और ब्राह्मण वोटर डेढ़ लाख हैं कई वर्षों से गोरखपुर सदर लोकसभा से बीजेपी ही जीतते आई है और इस पर कई वर्षों गोरखनाथ मठ का ही दबदबा रहा है 2018 उप लोकसभा चुनाव में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीट को छोड़ा तो यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हुए उपेंद्र दत्त शुक्ला और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला प्रवीण निषाद ने गोरखपुर लोक सभा सदर सीट से जीत हासिल की और बीजेपी उम्मीदवार उपेंद्र शुक्ला को 22000 वोटों से हराया।Body:लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद अब सपा का दामन छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और बीजेपी ने उन्हें संत कबीर नगर से बीजेपी का कैंडिडेट बनाया है
आपको बता दें कि 70 से 80 के दशक में गोरखपुर लोकसभा में कांग्रेस का राज था यहा कांग्रेस के हरिकेश बहादुर सिंह गोरखपुर के सांसद हुआ करते थे।
1989 गोरक्षनाथ मठ के महंत अवैधनाथ हिन्दू महासभा से चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई।
1991 गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ ने बीजेपी का दामन थामा
1991 में महंत अवैधनाथ बीजेपी से गोरखपुर लोकसभा से सांसद हुवे।
उसके बाद गोरखनाथ मठ के महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने 1996 में गोरखपुर सदर लोकसभा से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई 1996 से लेकर 2018 तक सीएम योगी का इसी पर दबदबा रहा।Conclusion:वहीं इस बार कांग्रेस ने वरिष्ठ वकील उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी को कांग्रेस का टिकट दिया है अ कांग्रेस का कहना है कि मधुसूदन त्रिपाठी गोरखपुर के लोकल प्रत्याशी हैं और वह नाम के मोहताज नहीं हैं ब्राह्मणों में उनकी अच्छी छवि भी है और बीजेपी ने जो कैंडिडेट खड़ा किया है वह गोरखपुर का नहीं है वह एक ड्रामेबाज है कुछ दिन अपना ड्रामा दिखाएगा और फिर मुंबई चला जाएगा अब देखना यह होगा कि कांग्रेस कई वर्षों से गोरखपुर लोकसभा सीट से दूर रही है इस बार वोटरों को कितना लुभा पाती है यह तो 23 मई को ही पता चलेगा

संजय कुमार ग्रामीण विधानसभा गोरखपुर उत्तर प्रदेश
मोब.7007924615 ,8874496145
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