रायपुर / हैदराबाद : ठंड में तिल गुड़ दोनों समान मात्रा में लेकर मिला लें. उसके लड्डू बना लें. प्रतिदिन 2 बार 1-1 लड्डू दूध के साथ खाने से मानसिक दुर्बलता एंव तनाव दूर होते हैं. कठिन शारीरिक श्रम करने पर सांस फूलना जल्दी बुढ़ापा आना बन्द हो जाता है. तिल और तिल के तेल के सेवन से और सिर में इसकी मालिश करने से न केवल बाल घने और चमकदार होते हैं बल्कि बालों का गिरना भी कम हो जाता है. प्रतिदिन दो चम्मच काले तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए. इसका नियमित सेवन करने से पुराना बवासीर भी ठीक हो जाता है. बच्चा सोते समय पेशाब करता हो़ तो भुने काले तिलों को गुड़ के साथ मिलाकर उसका लड्डू बना लीजिए. बच्चे को यह लड्डू हर रोज रात में सोने से पहले खिलाइए, बच्चा सोते वक्त पेशाब नहीं करेगा.
एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है तिल और गुड़ : तिल का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. वाइरस, एजिंग और बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करता है. इसीलिए ठंड में तिल का सेवन जरूर करना चाहिए. यदि सर्दी के कारण सूखी खांसी हो तो 4-5 चम्मच मिश्री एंव इतने ही तिल मिश्रित कर ले. इन्हें एक गिलास मे आधा पानी रहने तक उबाले. इसे दिनभर में तीन बार लें .एक स्टडी के मुताबिक ठंड में तिल और तिल के तेल का सेवन डायबिटीज के पेशेन्ट्स के लिए दवा का काम करता है. पेट दर्द- 20-25 ग्राम साफ तिल चबाकर ऊपर से गर्म पानी पिलाने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है. कब्ज होने पर 50 ग्राम तिल भूनकर उसे कूट लीजिए, इसमें चीनी मिलाकर खाइए. इससे कब्ज दूर हो जाती है.
ये भी पढ़ें- मकर संक्रांति पर महंगाई की मार, तिल के दामों में इजाफा
दांतों का तिल से इलाज : खांसी आने पर तिल का सेवन कीजिए खांसी ठीक हो जाएगी. तिल और मिश्री को पानी में उबाल कर पीने से सूखी खांसी भी दूर हो जाती है. रोज सुबह अच्छे से चबा चबाकर काले तिल खाने से दांत और मसुड़े स्वस्थ रहते हैं. तिल खांसी से भी निजात दिलाता है.अदरक वाली चाय में दो ग्राम तिल मिलाकर कुछ देर उबालें. इस चाय के सेवन से खांसी ठीक हो जाती है. तिल, सोंठ, मेथी, अश्वगंधा सभी बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें.रोज सुबह इस चूर्ण के सेवन से आर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाती है. ठंड में तिल के सेवन से कफ और सूजन से भी राहत मिलती है.