रायपुर: छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी जीपी सिंह (Suspended ADG GP Singh) को सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. इसके साथ राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया है. लेकिन याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी कर पूरी व्यवस्था को आइना दिखाया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते. आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया, क्योंकि आप सरकार के करीब हैं. यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा.
एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीमों ने एक साथ मारा था छापा
छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस रहे जीपी सिंह के ठिकानों पर 1 जुलाई को एसीबी और EOW की टीमों ने एक साथ छापे मार करवाई की थी. टीमों ने रायपुर स्थित उनके सरकारी निवास और राजनांदगांव ओडिशा में एक साथ दबिश दी थी.इस दौरान टीम ने रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव समेत ओडिशा में करोड़ों की प्रॉपर्टी की पुष्टि की थी. उसके बाद रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में सीनियर आईपीएस रहे जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. उसके बाद राज्य सरकार ने जीपी सिंह को निलंबित कर दिया था. कुछ दिनों बाद उनके खिलाफ तीन और मामले दर्द हुए दर्ज हुए. जिसमें एक स्पेशल डीजी के साथ ही 2 आईजी रेंज के अफसरों को मामले के जांच के आदेश दिए गए थे.
1994 बैच के आईपीएस
जीपी सिंह भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी रहे हैं. वह राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक थे. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एसीबी के प्रमुख भी रहे थे. राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष जून माह में हटा दिया था.