रायपुर: राजीव गांधी पुण्यतिथि (Rajiv Gandhi death anniversary) के अवसर पर छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने साइंस कॉलेज मैदान में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी (State level exhibition organized in Raipur ) का आयोजन किया. इस प्रदर्शनी के माध्यम से भूपेश सरकार ने साढ़े 3 सालों से संचालित योजनाओं का प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शनी में राज्य सरकार के विभिन्न योजनाओं को अलग-अलग तस्वीरों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया.
प्रदर्शनी के माध्यम से सरकार के कार्यों की जानकारी: इस प्रदर्शनी का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया. भूपेश बघेल ने प्रदर्शनी स्थल पर भ्रमण कर लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया. स्टालों में मौजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से विस्तार से चर्चा की. विभिन्न योजनाओं और उनके क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी ली.
कोरोना के बावजूद कई योजनाओं की हुई शुरूआत: आगे सीएम बघेल ने कहा, "आज छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यों की प्रदर्शनी की शुरुआत दीनदयाल ऑडिटोरियम साइंस कॉलेज मैदान में की गई है. साढ़े 3 सालों में छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना के बावजूद भी लोक कल्याणकारी योजनाएं शुरुआत की. उसका यह प्रदर्शनी है. बहुत बढ़िया प्रदर्शनी है. इस प्रदर्शनी के माध्यम से जो हमारी सरकार काम कर रही है, उसका प्रदर्शन लगाया गया है. हमारी सरकार किसानों की, मजदूरों की, आदिवासियों के, महिलाओं के, युवाओं के हित में लगातार काम कर रही है. विकास की गाथा इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है."
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साढ़े तीन साल के कार्यों की दिख रही झलक: सीएम ने कहा, "कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर लगने वाली यह राज्य राज्यस्तरी प्रदर्शनी में राज्य सरकार के साढ़े 3 साल के कार्यों कि झलक देखने को मिल रही है. जनता को बताने की कोशिश की जा रही है कि सरकार की कौन-कौन सी योजना है? किस स्तर पर काम कर रही है? इसका कितना लाभ जनता को मिला है?"
आदिवासियों को मिला आय का नया जरिया: बता दें कि साढ़े तीन वर्ष पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने के संकल्प के साथ सरकार ने कामकाज शुरू किया था. इस दौरान सरकार ने किसानों, आदिवासियों, मजदूरों और ग्रामीणों को अपनी सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखते हुए योजनाओं का निर्माण कर उन्हें क्रियान्वित किया. महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के गांवों का निर्माण करने के लिए सुराजी गांव योजना लागू की गई. जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली. किसानों को उनके परिश्रम की सही कीमत दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की गई. समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या भी 7 से बढ़ाकर 65 कर दी गई. इससे आदिवासियों को आय का नया जरिया मिला.
स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में हुआ विकास: राज्य सरकार ने गांव-गांव में गौठानों का निर्माण कर उन्हें ग्रामीण इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकिसत किया. गौठानों में ही कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन के जरिये रोजगार और आय के नये रास्ते खोले गए हैं. वनक्षेत्रों में वन धन केंद्रों और गौठानों में लघु वनोपजों का वैल्यू एडीशन किया जा रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना की शुरुआत के बाद अब हिंदी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल भी शुरु किए जा रहे हैं. दूर-दराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना का सफल नवाचार किया गया है. इसी तरह शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक और श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना जैसी योजनाएं संचालित की जा रही है.
ये योजनाएं है शामिल: जनसंपर्क विभाग द्वारा साइंस कॉलेज परिसर स्थित डीडीयू ऑडिटोरियम में लगाई जाने वाली राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में तस्वीरों को योजनाओं के अलग-अलग सेगमेंट में प्रदर्शित किया. जिन प्राथमिकता वाली योजनाओं पर यह प्रदर्शनी केंद्रित है, उनमें राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना, नरवा, गरवा, घुरवा और बारी, वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन, वनोपज संग्रहण, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन, राजीव युवा मितान क्लब योजना, श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना, मुख्यमंत्री मितान योजना, राम वन गमन पर्यटन पथ आदि शामिल हैं.