रायपुर: कांग्रेस ने साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शराबबंदी का वादा किया था. सरकार बनने के बाद दिन महीने और साल गुजरते रहे. लेकिन इस वादे पर बघेल सरकार का सुस्त रवैया दिखा. अब चुनावी साल में शराबबंदी को लेकर बघेल सरकार ने रफ्तार पकड़ी है. शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटी की पहले बैठकें हो चुकी थी. बावजूद इसके अब तक कोई बड़ा कदम आगे नहीं उठाएगा था लेकिन अब यह कमेटी जिन राज्यों में शराब बंद है वहां दौरे पर जाने वाली है इसके लिए सदस्यों का भी निर्धारण हो गया है .
कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने दी जानकारी: सरकार की तरफ से गठित शराबबंदी समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि "शराबबंदी के लिए जो टीम गठित की गई थी जिसमें 10 सदस्य हैं और इनमें से 7 सदस्यों का एक दल आगामी 21 तारीख को गुजरात दौरे पर जा रहा है. जहां वह शराबबंदी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगा. इसके बाद दल लौट कर वापस आएगा और 26 जनवरी के कार्यक्रम के बाद बिहार प्रवास करेगा. वहां पर शराबबंदी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगा इसके बाद अध्ययन दल एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा"
शराबबंदी अचानक नहीं हो सकती: वहीं अब तक शराबबंदी ना किए जाने को लेकर सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि "यह एक सामाजिक बुराई है इसे एकाएक बंद नहीं किया जा सकता. इसके लिए सभी की सहमति जरूरी है. लोगों को शराब छोड़ने के लिए जागरूक करना होगा. यदि शराबबंदी करनी है, तो पूरे देश में एक साथ शराबबंदी की जाए तो ज्यादा बेहतर होगा. क्योंकि अचानक से छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की जाती है तो पड़ोसी राज्यों से लोग शराब लेने लगेंगे. ऐसे में जो शराबबंदी का प्रभाव जो दिखना चाहिए वह नहीं दिख सकेगा"
यह भी पढ़ें: NSA के मुद्दे पर सीएम बघेल का बीजेपी पर प्रहार, हर तीन महीने में रासुका के नोटिफिकेशन का प्रावधान
2 राज्यों के दौरे की तैयारी में कमेटी: शराबबंदी के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में राजनीतिक कमेटी गठित की गई थी. अगस्त 2022 में कमेटी की तीसरी बैठक में शराबबंदी वाले राज्यों का दौरा करने के लिए रणनीति तैयार की. अब समिति ने अपनी इस रणनीति को मूर्त रुप देने की तैयारी कर ली है. इसके तहत ही 2 राज्यों के दौरे का कार्यक्रम तैयार है. जिसमें से एक भ्रमण 26 जनवरी के पहले और दूसरा 26 जनवरी के बाद होगा. इसके बाद अध्ययन दल अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा.