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पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां से शुरू की थी उज्ज्वला योजना, अब वहीं उठ रहा 'धुआं'

यूपी के बलिया में पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 मई 2016 से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. तीन साल बाद बढ़ती महंगाई की वजह से यह योजना वापस फाइलों में दबती नजर आ रही है. पैसे न होने के कारण लाभार्थी महिलाएं सिलेंडर रिफिलिंग नहीं करा पा रही हैं.

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Published : Oct 18, 2019, 9:45 PM IST

पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां से शुरू की थी उज्ज्वला योजना

बलिया: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक उज्जवला योजना भी है. इस योजना के तहत महिलाओं को चूल्हे की धुएं से दूर कर गैस स्टोव और सिलेंडर पर खाना बनाने की शुरुआत की गई. वहीं बलिया में यह योजना बढ़ती महंगाई के कारण वापस कागजों-फाइलों में दबती नजर आ रही है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां से शुरू की थी उज्ज्वला योजना, अब वहीं उठ रहा 'धुआं'

1 मई 2016 से शुरू हुई थी उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत बलिया से की थी. प्रधानमंत्री ने चूल्हे के धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया. तीन साल के अंदर ही यह योजना बढ़ती महंगाई के चलते बदहाल है. रुपये के अभाव के कारण योजना के लाभार्थियों ने गैस सिलेंडरों का रिफिलिंग कराना छोड़ दिया है.

5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया गया लक्ष्य
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर उनकी जिंदगी संवारने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई. मार्च 2019 तक पांच करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन महिलाओं को बांटने का लक्ष्य रखा गया. बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर आठ करोड़ किया गया. इसकी निर्धारित समय सीमा मार्च 2020 में रखी गई, लेकिन योजना में लाभार्थियों की संख्या और इस योजना को धरातल पर लाने के लिए सरकारी महकमे के प्रयास के कारण यह लक्ष्य सात माह पहले ही प्राप्त कर लिया गया.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव: प्रधानमन्त्री आवास दिलाने के नाम पर लाखों की वसूली

सबसे ज्यादा यूपी में बांटे गए कनेक्शन

उत्तर प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ 46 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे गए हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जहां 88 लाख कनेक्शन बांटे गए. ठीक इसके बाद बिहार, जहां 85 लाख कनेक्शन महिलाओं को दिया गया. इसी तरह मध्य प्रदेश में 71 और राजस्थान में 63 लाख लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना में पूरे देश से 40 फीसदी कनेक्शन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के महिलाओं को प्राप्त हुआ.

स्थानीय महिलाओं ने कही ये बातें
सविता देवी ने बताया कि गैस कनेक्शन तो मिला है, लेकिन पैसे नहीं हैं. इसलिए गैस सिलेंडर को नहीं भराया. दो महीने हो गए, गैस सिलेंडर नहीं भरवाया. जब पैसा होगा तब सिलेंडर भरवाया जाएगा. शनिचरी देवी ने बताया कि खाना बनाने के लिए लकड़ी ले जा रहे हैं. गैस खत्म होने पर इसी पर खाना बनाते हैं.

गैस रिफलिंग में आ रही कमी से गैस एजेंसी वाले भी परेशान हैं. विक्रम गैस एजेंसी के पास इंडियन ऑयल का गैस वितरण का लाइसेंस है. मैनेजर रत्नेश सिंह ने बताया कि इस योजना की शुरुआत बलिया से हुई थी, लेकिन योजना के शुरुआत के बाद से ही लोग सिलेंडर रिफिलिंग में रुचि नहीं ले रहे हैं. अब महज 20 से 25 फीसदी ही योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर की रिफिलिंग कराते हैं. इसकी मुख्य वजह है कि उनके पास पैसे का अभाव है.

बलिया: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक उज्जवला योजना भी है. इस योजना के तहत महिलाओं को चूल्हे की धुएं से दूर कर गैस स्टोव और सिलेंडर पर खाना बनाने की शुरुआत की गई. वहीं बलिया में यह योजना बढ़ती महंगाई के कारण वापस कागजों-फाइलों में दबती नजर आ रही है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने जहां से शुरू की थी उज्ज्वला योजना, अब वहीं उठ रहा 'धुआं'

1 मई 2016 से शुरू हुई थी उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत बलिया से की थी. प्रधानमंत्री ने चूल्हे के धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया. तीन साल के अंदर ही यह योजना बढ़ती महंगाई के चलते बदहाल है. रुपये के अभाव के कारण योजना के लाभार्थियों ने गैस सिलेंडरों का रिफिलिंग कराना छोड़ दिया है.

5 करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया गया लक्ष्य
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर उनकी जिंदगी संवारने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई. मार्च 2019 तक पांच करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन महिलाओं को बांटने का लक्ष्य रखा गया. बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर आठ करोड़ किया गया. इसकी निर्धारित समय सीमा मार्च 2020 में रखी गई, लेकिन योजना में लाभार्थियों की संख्या और इस योजना को धरातल पर लाने के लिए सरकारी महकमे के प्रयास के कारण यह लक्ष्य सात माह पहले ही प्राप्त कर लिया गया.

इसे भी पढ़ें:- उन्नाव: प्रधानमन्त्री आवास दिलाने के नाम पर लाखों की वसूली

सबसे ज्यादा यूपी में बांटे गए कनेक्शन

उत्तर प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ 46 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे गए हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जहां 88 लाख कनेक्शन बांटे गए. ठीक इसके बाद बिहार, जहां 85 लाख कनेक्शन महिलाओं को दिया गया. इसी तरह मध्य प्रदेश में 71 और राजस्थान में 63 लाख लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना में पूरे देश से 40 फीसदी कनेक्शन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के महिलाओं को प्राप्त हुआ.

स्थानीय महिलाओं ने कही ये बातें
सविता देवी ने बताया कि गैस कनेक्शन तो मिला है, लेकिन पैसे नहीं हैं. इसलिए गैस सिलेंडर को नहीं भराया. दो महीने हो गए, गैस सिलेंडर नहीं भरवाया. जब पैसा होगा तब सिलेंडर भरवाया जाएगा. शनिचरी देवी ने बताया कि खाना बनाने के लिए लकड़ी ले जा रहे हैं. गैस खत्म होने पर इसी पर खाना बनाते हैं.

गैस रिफलिंग में आ रही कमी से गैस एजेंसी वाले भी परेशान हैं. विक्रम गैस एजेंसी के पास इंडियन ऑयल का गैस वितरण का लाइसेंस है. मैनेजर रत्नेश सिंह ने बताया कि इस योजना की शुरुआत बलिया से हुई थी, लेकिन योजना के शुरुआत के बाद से ही लोग सिलेंडर रिफिलिंग में रुचि नहीं ले रहे हैं. अब महज 20 से 25 फीसदी ही योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर की रिफिलिंग कराते हैं. इसकी मुख्य वजह है कि उनके पास पैसे का अभाव है.

Intro:बलिया

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के महत्वाकांक्षी की योजनाओं में उज्जवला योजना भी है इस योजना के द्वारा महिलाओं को चूल्हे की धुओ से दूर कर गैस स्टोव और सिलेंडर पर खाना बनाने की एक परंपरा की शुरुआत की गई लेकिन बलिया में यह योजना बढ़ती महंगाई के कारण वापस कागजी फाइलों में दबती नजर आ रही है




Body:1 मई 2016 मजदूर दिवस का वह दिन जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत बलिया से की थी प्रधानमंत्री ने चूल्हे के धुँआ से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया और उनकी जिंदगी में एक नई रोशनी लाने की शुरुआत हुई


लेकिन 3 साल के अंदर ही यह योजना बलिया में ही फर्श पर आ गई बढ़ती महंगाई और रुपये के अभाव के कारण योजना के लाभार्थियों ने गैस सिलेंडरों का रिफिलिंग कराना छोड़ दिया और फिर पहुंच गए अपनी पुरानी जिंदगी में जहां लकड़ी जलाकर चूल्हे पर ही खाना बना रहे हैं


5 करोड़ से बढ़ाकर आठ करोड़ किया गया लक्ष्य

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर उनकी जिंदगी संवारने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई और मार्च 2019 तक 5 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन महिलाओं को बांटने का लक्ष्य रखा गया बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर आठ करोड़ किया गया और इसकी निर्धारित समय सीमा मार्च 2020 रखी गई लेकिन योजना में लाभार्थियों की संख्या और इस योजना को धरातल पर लाने के लिए सरकारी महकमे के प्रयास के कारण यह लक्ष्य 7 माह पहले ही प्राप्त कर ली गई

सबसे ज्यादा यूपी में बांटे गए कनेक्शन

देश के सबसे बड़े राज्य की भागीदारी भी इस योजना में सबसे अधिक रही है उत्तर प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़ 46 लाख मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे गए हैं इसके बाद नंबर आता है पश्चिम बंगाल का जहां अट्ठासी लाख कनेक्शन बांटे गए ठीक उसके पीछे बिहार जहां 85 लाख कनेक्शन महिलाओं को दिया गया ठीक इसी तरह मध्यप्रदेश में 71 और राजस्थान में 63 लाख लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं प्रधानमंत्री के इस अति महत्वाकांक्षी उज्जवला योजना में पूरे देश से 40 फ़ीसदी कनेक्शन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के महिलाओं को प्राप्त हुए



Conclusion:बलिया जिले की रहने वाली सविता देवी बताती हैं कि गैस कनेक्शन तो मिला है लेकिन पैसे नहीं है इसलिए गैस सिलेंडर को नहीं भराया गया है इसी लकड़ी जिला कर ही खाना बनाएंगे 2 महीना हो गए गैस सिलेंडर नहीं भरवाया जब पैसा होगा तब सिलेंडर भरवाया जाएगा

शनिचरी देवी ने बताया कि खाना बनाने के लिए लकड़ी ले जा रहे हैं गैस खत्म होने पर इसी पर खाना बनाते हैं बच्चे स्कूल जाते हैं तो उन्हें खाना बना कर देना ही पड़ता है

गैस रिफलिंग में आ रही कमी से गैस एजेंसी वाले भी परेशान है विक्रम गैस एजेंसी के पास इंडियन ऑयल का गैस वितरण का लाइसेंस है मैनेजर रत्नेश सिंह ने बताया कि इस योजना की शुरुआत बलिया से हुई थी लेकिन योजना शुरुआत के बाद से ही लोग सिलेंडर रिफिल में रुचि नहीं लेते आलम यह है कि अब महज 20 से 25 की फ़ीसदी ही योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर की रिफिलिंग कराते हैं इसकी मुख्य वजह है कि उनके पास पैसे का अभाव है रुपए नहीं होने पर वे लोग गैस की रिफिलिंग नहीं कराते

बाइट1--सविता देवी--लाभार्थी उज्ज्वला योजना
बाइट2--शनिचरी देवी--लाभार्थी उज्ज्वला योजना
बाइट3--रत्नाकर सिंह----मैनेजर,विक्रम गैस एजेंसी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया

नोट--डेस्क से अनुरोध है यदि संभव हो तो इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी के कुछ वीडियो को जोड़कर प्रकाशित करने की कृपा करें।
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