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रायपुर में लॉकडाउन के दौरान ऑटो ड्राइवर्स का जीना हुआ मुश्किल

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य के 28 जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस लॉकडाउन में ऑटो चालकों को कुछ छूट दी गई है, लेकिन सवारी नहीं मिलने की वजह से वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. ऑटो ड्राइवर्स का कहना है कि घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है.

Auto drivers facing Financial problem
ऑटो ड्राइवर्स का जीना हुआ बेहाल
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Published : Apr 22, 2021, 8:56 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 9:45 PM IST

रायपुर: देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले साल सितंबर में कोरोना का पीक प्रदेश में देखने को मिला था, लेकिन उस समय भी इतने मरीज नहीं मिल रहे थे जितने अब आ रहे हैं. रोजाना 15000 के ज्यादा कोरोना संक्रमित छत्तीसगढ़ में मिल रहे हैं. जिसे देखते हुए सभी 28 जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. सड़क सुनसान है. लोग घरों में हैं. जिससे ऑटो चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस लॉकडाउन में रेलवे और बस स्टैंड से यात्रियों को लाने ले जाने और इमरजेंसी सेवाओं के लिए ऑटो चालकों को ऑटो चलाने की परमिशन दी गई है. लेकिन यात्री ना मिलने की वजह से ऑटो ड्राइवर्स के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

ऑटो ड्राइवर्स का जीना हुआ मुश्किल

9 अप्रैल से राजधानी रायपुर में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी चीजों को बंद कर दिया गया था. संक्रमित मरीजों की संख्या कम ना होने की वजह से लॉकडाउन को 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. इस दौरान राजधानी में यात्री लाने ले जाने के लिए ऑटो वालों को ऑटो चलाने की परमिशन दे दी गई है. बावजूद ऑटो वाले सरकार से काफी निराश हैं. ऑटो वालों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन में उन्हें कुछ छूट तो मिली है. लेकिन यात्री ना मिल पाने की वजह से वह काफी परेशान है. घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में सरकार से कुछ आर्थिक सहायता की उम्मीद है.

छत्तीसगढ़ में 10वीं के बाद 12वीं बोर्ड की भी परीक्षा स्थगित

4 दिनों में बोहनी तक नहीं हुई

ऑटो ड्राइवर मांझी राम साहू का कहना है दो-तीन दिन में 1-2 सवारी ही मिल रही है. कई बार तो ऐसा हो रहा है कि 3 दिन तक बोहनी भी नहीं हो पा रही है. पिछली बार भी लॉकडाउन के समय सरकार की तरफ से हमे कोई रियायत नहीं दी गई थी. ना ही सरकार की तरफ से कोई पूछने आया था कि उन्हें कितनी परेशानी हो रही है. ना इस बार किसी ने संज्ञान लिया. ऑटो चालक केदार यादव ने बताया कि सरकार ने हमें ऑटो चलाने की परमिशन तो दे रखी है, लेकिन ट्रेन में यात्री नहीं आ रहे हैं. घर चलाने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है. सरकार की तरफ से हमें कुछ आर्थिक मदद जो मिलनी चाहिए.

कर्जा लेकर चला रहे घर

ऑटो चालक जोगेंद्र सोनी ने बताया कि घर में वे इकलौते काम आने वाले हैं. बार-बार लॉकडाउन की वजह से उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है. पड़ोसियों और किराना दुकानों की मेहरबानी पर निर्भर होना पड़ रहा है. कर्जा लेकर घर चलाना पड़ रहा है.

जानिए रायपुर के किन अस्पतालों में कितने कोरोना बेड के हुए इंतजाम

सरकार से आर्थिक सहायता की मांग

छत्तीसगढ़ में हालात सुधरने में अभी समय लग सकता है. लॉकडाउन आगे भी बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल ये ऑटो ड्राइवर दाने-दाने को मोहताज है. परेशान ऑटो चालकों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है. ताकि वह अपना घर चला सके.

रायपुर: देश में कोरोना की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले साल सितंबर में कोरोना का पीक प्रदेश में देखने को मिला था, लेकिन उस समय भी इतने मरीज नहीं मिल रहे थे जितने अब आ रहे हैं. रोजाना 15000 के ज्यादा कोरोना संक्रमित छत्तीसगढ़ में मिल रहे हैं. जिसे देखते हुए सभी 28 जिलों में लॉकडाउन लगा दिया गया है. सड़क सुनसान है. लोग घरों में हैं. जिससे ऑटो चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस लॉकडाउन में रेलवे और बस स्टैंड से यात्रियों को लाने ले जाने और इमरजेंसी सेवाओं के लिए ऑटो चालकों को ऑटो चलाने की परमिशन दी गई है. लेकिन यात्री ना मिलने की वजह से ऑटो ड्राइवर्स के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

ऑटो ड्राइवर्स का जीना हुआ मुश्किल

9 अप्रैल से राजधानी रायपुर में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी चीजों को बंद कर दिया गया था. संक्रमित मरीजों की संख्या कम ना होने की वजह से लॉकडाउन को 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. इस दौरान राजधानी में यात्री लाने ले जाने के लिए ऑटो वालों को ऑटो चलाने की परमिशन दे दी गई है. बावजूद ऑटो वाले सरकार से काफी निराश हैं. ऑटो वालों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन में उन्हें कुछ छूट तो मिली है. लेकिन यात्री ना मिल पाने की वजह से वह काफी परेशान है. घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में सरकार से कुछ आर्थिक सहायता की उम्मीद है.

छत्तीसगढ़ में 10वीं के बाद 12वीं बोर्ड की भी परीक्षा स्थगित

4 दिनों में बोहनी तक नहीं हुई

ऑटो ड्राइवर मांझी राम साहू का कहना है दो-तीन दिन में 1-2 सवारी ही मिल रही है. कई बार तो ऐसा हो रहा है कि 3 दिन तक बोहनी भी नहीं हो पा रही है. पिछली बार भी लॉकडाउन के समय सरकार की तरफ से हमे कोई रियायत नहीं दी गई थी. ना ही सरकार की तरफ से कोई पूछने आया था कि उन्हें कितनी परेशानी हो रही है. ना इस बार किसी ने संज्ञान लिया. ऑटो चालक केदार यादव ने बताया कि सरकार ने हमें ऑटो चलाने की परमिशन तो दे रखी है, लेकिन ट्रेन में यात्री नहीं आ रहे हैं. घर चलाने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है. सरकार की तरफ से हमें कुछ आर्थिक मदद जो मिलनी चाहिए.

कर्जा लेकर चला रहे घर

ऑटो चालक जोगेंद्र सोनी ने बताया कि घर में वे इकलौते काम आने वाले हैं. बार-बार लॉकडाउन की वजह से उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है. पड़ोसियों और किराना दुकानों की मेहरबानी पर निर्भर होना पड़ रहा है. कर्जा लेकर घर चलाना पड़ रहा है.

जानिए रायपुर के किन अस्पतालों में कितने कोरोना बेड के हुए इंतजाम

सरकार से आर्थिक सहायता की मांग

छत्तीसगढ़ में हालात सुधरने में अभी समय लग सकता है. लॉकडाउन आगे भी बढ़ाया जा सकता है. फिलहाल ये ऑटो ड्राइवर दाने-दाने को मोहताज है. परेशान ऑटो चालकों ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है. ताकि वह अपना घर चला सके.

Last Updated : Apr 22, 2021, 9:45 PM IST
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