रायपुर : सरकार अपनी योजनाओं के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को सम्मान निधि पेंशन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराती है, लेकिन सम्मान में मिलने वाली राशि इतनी कम होती है कि उन रुपयों का मिलना और न मिलना बराबर है.
रायपुर के रहने वाले बुजुर्ग साहित्यकार और लेखक किशोर तारे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. उन्होंने सम्मान निधि के तहत मिल रही कम राशि पर विरोध जताया है.
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
तारे का कहना है कि 'उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने एक साल में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और छत्तीसगढ़ी भाषा में पुस्तक लिखी है और समाचार पत्र के लिए साढ़े 4 साल में 16 सौ कहानियां लिखी हैं'.
सम्मान में दिए दो हजार रुपए
उन्होंने कहा कि 'साहित्यकारों और लेखकों को सम्मान मिलना चाहिए. इसके लिए उन्होंने पहले भी आवेदन दिया था, जिसके बाद उस आवेदन को संस्कृति विभाग में भेज दिया गया, जहां उन्हें सम्मान निधि के रूप में दो हजार रुपए की राशि मिली है.
तारे ने सम्मान राशि पर एतराज जताते हुए रुपए संस्कृति विभाग को लौटा दिए हैं. उन्होंने कहा कि 'इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को दे देते हैं. यदि सम्मान निधि देना ही है, तो कम से कम 20 हजार रुपए दिए जाएं'