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2 हजार रुपए सम्मान निधि मिलने पर साहित्यकार तारे ने कहा- इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को देते हैं

छत्तीसगढ़ में सम्मान निधि के तौर पर मिल रही राशि पर साहित्यकार ने एतराज जताया है. उन्होंने सम्मान में दी जाने वाली राशि को बढ़ाने की मांग की है.

लेखक ने जताया विरोध
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Published : Sep 19, 2019, 10:23 AM IST

रायपुर : सरकार अपनी योजनाओं के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को सम्मान निधि पेंशन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराती है, लेकिन सम्मान में मिलने वाली राशि इतनी कम होती है कि उन रुपयों का मिलना और न मिलना बराबर है.

2 हजार रुपए सम्मान निधि मिलने पर साहित्यकार तारे ने कहा- इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को देते हैं

रायपुर के रहने वाले बुजुर्ग साहित्यकार और लेखक किशोर तारे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. उन्होंने सम्मान निधि के तहत मिल रही कम राशि पर विरोध जताया है.

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

तारे का कहना है कि 'उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने एक साल में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और छत्तीसगढ़ी भाषा में पुस्तक लिखी है और समाचार पत्र के लिए साढ़े 4 साल में 16 सौ कहानियां लिखी हैं'.

सम्मान में दिए दो हजार रुपए

उन्होंने कहा कि 'साहित्यकारों और लेखकों को सम्मान मिलना चाहिए. इसके लिए उन्होंने पहले भी आवेदन दिया था, जिसके बाद उस आवेदन को संस्कृति विभाग में भेज दिया गया, जहां उन्हें सम्मान निधि के रूप में दो हजार रुपए की राशि मिली है.

तारे ने सम्मान राशि पर एतराज जताते हुए रुपए संस्कृति विभाग को लौटा दिए हैं. उन्होंने कहा कि 'इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को दे देते हैं. यदि सम्मान निधि देना ही है, तो कम से कम 20 हजार रुपए दिए जाएं'

रायपुर : सरकार अपनी योजनाओं के तहत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को सम्मान निधि पेंशन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराती है, लेकिन सम्मान में मिलने वाली राशि इतनी कम होती है कि उन रुपयों का मिलना और न मिलना बराबर है.

2 हजार रुपए सम्मान निधि मिलने पर साहित्यकार तारे ने कहा- इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को देते हैं

रायपुर के रहने वाले बुजुर्ग साहित्यकार और लेखक किशोर तारे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. उन्होंने सम्मान निधि के तहत मिल रही कम राशि पर विरोध जताया है.

लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम

तारे का कहना है कि 'उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. उन्होंने एक साल में हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और छत्तीसगढ़ी भाषा में पुस्तक लिखी है और समाचार पत्र के लिए साढ़े 4 साल में 16 सौ कहानियां लिखी हैं'.

सम्मान में दिए दो हजार रुपए

उन्होंने कहा कि 'साहित्यकारों और लेखकों को सम्मान मिलना चाहिए. इसके लिए उन्होंने पहले भी आवेदन दिया था, जिसके बाद उस आवेदन को संस्कृति विभाग में भेज दिया गया, जहां उन्हें सम्मान निधि के रूप में दो हजार रुपए की राशि मिली है.

तारे ने सम्मान राशि पर एतराज जताते हुए रुपए संस्कृति विभाग को लौटा दिए हैं. उन्होंने कहा कि 'इतनी राशि तो वे अपनी नौकरानी को दे देते हैं. यदि सम्मान निधि देना ही है, तो कम से कम 20 हजार रुपए दिए जाएं'

Intro:रायपुर । सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत अलग-अलग मद में अलग-अलग लोगों को सम्मान निधि पेंशन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है लेकिन उस में मिलने वाली राशि इतनी कम होती है कि उसका देना या ना देना दोनों बराबर होता है क्योंकि आज के महंगाई के समय उस राशि में व्यक्ति कुछ भी नहीं कर सकता है और यही वजह है कि लोग सम्मान निधि के तहत कम राशि मिलने पर अपना विरोध भी दर्ज करा रहे हैं यहां तक कि अब लोग मुख्यमंत्री से भी इस बात की शिकायत करने पहुंच रहे हैं और सम्मान निधि बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं




Body:इसी कड़ी में आज रायपुर के रहने वाले एक बुजुर्ग साहित्यकार एवं लेखक किशोर तारे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे । तारे का कहना है कि उनके नाम पर दो-दो लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है उनके द्वारा एक ही समय में हिंदी अंग्रेजी मराठी और छत्तीसगढ़ी भाषा में पुस्तक लिखी गई जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड है साथ ही उन्होंने एक समाचार पत्र के लिए साढे 4 साल में 16 सौ कहानियां लिखा था यह भी लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा भी उनके द्वारा कई कहानियां पुस्तकें और लेख लिखे गए हैं। जो अपने आप में एक अनोखा काम है ।

तारे ने कहा कि इतने बड़े साहित्यकार और लेखक को सम्मान मिलना चाहिए इसके लिए उन्होंने पूर्व में शासन प्रशासन को आवेदन दिया था जिसके बाद उस आवेदन को संस्कृति विभाग भेज दिया गया जहां उन्हें सम्मान निधि के रूप में ₹2000 की राशि स्वीकृत की गई । जिसे तारे ले जाकर वापस संस्कृति विभाग को दे दिया

तारे का कहना है कि ₹2000 की राशि तो मैं अपनी नौकरानी को देता हूं इतना कम सम्मान निधि किस काम का उन्होंने कहा कि यदि सम्मान निधि देना है तो कम से कम 20 हजार रुपये दे ।
बाइट किशोर तारे लेखक एवं साहित्यकार




Conclusion:अब देखने वाली बात है कि मुख्यमंत्री किशोर तारे की इस समस्या का समाधान करते हैं या नहीं यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा लेकिन यह जरूर है कि योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता इतनी कम होती है जिसका मिलना ना मिलना बराबर होता है और उसे पाने के लिए भी लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है
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