विधि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, 'हमारी सरकार की मंशा है कि पुनर्वास कानून के तहत जो लोग शहीद होते हैं या शहादत को प्राप्त होते हैं उनके वारिसों को सरकारी नौकरी दी जाती है. इसकी शुरुआत हमने महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर बनाकर की है'.
चौबे ने कहा कि, 'झीरम हमले में और भी जान गवाने वाले नेताओं के जैसे-जैसे आवेदन आते जाएंगे. वैसे-वैसे उन पर विचार किया जाएगा और निश्चित तौर पर सबकी मदद की जाएगी. इतना ही नहीं उनको नौकरी भी दी जाएगी'.
झीरम घाटी में नक्सली हमले में जान गंवाने वाले महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष कर्मा को सरकार ने डिप्टी कलेक्टर बनाया है, इसके लिए कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लिया गया था. इस निर्णय के बाद अब हमले में जिन अन्य लोगों ने जान गंवाई थी, उनके परिजनों को भी उम्मीद है कि उन्हें भी अब जल्द शासकीय नौकरी मिल जाएगी.