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Arun Sao statement : अहंकार के कारण गई राहुल गांधी की सदस्यता,अरुण साव का बयान

राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने और फिर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध को बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या करना बताया है.बीजेपी के मुताबिक राहुल गांंधी खुद ही नहीं चाहते थे कि वो सांसद रहे. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा है कि राहुल गांधी के मामले में कांग्रेस ने 4 साल का लंबा वक्त गंवाया है.

Arun Sao statement
राहुल गांधी को अहंकार की मिली सजा
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Published : Mar 25, 2023, 5:36 PM IST

राहुल गांधी को अहंकार की मिली सजा

रायपुर : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मानहानि मामले में सजा मिलने के बाद, संसदीय सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. जिसके बाद पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार किया है. अरुण साव के मुताबिक '' राहुल गांधी की सदस्यता अहंकार के कारण गई है.उन्होंने संविधान और कानून से खुद को ऊपर समझा. वहीं पार्टी ने भी मानहानि के मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. क्योंकि, पवन खेड़ा के मामले में कांग्रेस ने आधे घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.लेकिन, राहुल गांधी का मामला चार साल पुराना है. जिसमें 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार की रैली में ओबीसी समाज के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई थी.''


राहुल गांधी पर हमला : इस बारे में बीजेपी ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर कई सवाल दागे.साथ ही उस बात का भी जिक्र किया कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान किया था.जिसके बाद उनको सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी थी.इसके बाद बीजेपी ने उन नेताओं की लिस्ट जारी की जिनकी सदस्यता चली गई है.

1. कमल किशोर भगत -(आजसू,झारखंड), लोहरदगा से विधायक, हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराया गया, जून 2015 में अयोग्य घोषित.
2. सुरेश हलवणकर- (भाजपा,महाराष्ट्र) इचलकरंजी से विधायक, 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया गया, मई 2014 में अयोग्य घोषित.
3. बबनराव घोलप -(शिवसेना, महाराष्ट्र )देवलाली से विधायक, संपत्ति का मामले में 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया गया, मार्च 2014 में अयोग्य घोषित.
4. एनोस एक्का - ( झारखंड पार्टी , झारखंड) कोलेबीरा से विधायक, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराया, 2014 में अयोग्य घोषित.
5. आशारानी बीजेपी-( बिजावर, मध्य प्रदेश) नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दोषी, नवंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
6. रशीद मसूद - (कांग्रेस ,यूपी) एमबीबीएस में सीटों का घोटाला, 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
7. लालू प्रसाद यादव -( आरजेडी, बिहार) सारण लोकसभा सांसद, चारा घोटाला में 5 वर्षों के लिए दोषी ठहराया सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
8. जगदीश शर्मा - (जद(यू),बिहार) चारा घोटाला में 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
9. टीएम सेल्वागणपति- (डीएमके, तमिलनाडु) श्मशान में रोड बनाने का मामला, 2 वर्षो के लिए दोषी ठहराया, अप्रैल 2014 को इस्तीफा दे दिया.
10 जे. जयललिता (एआईएडीएम, तमिलनाडु) आय से अधिक संपत्ति का मामला,4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, कारावास के साथ ही जुर्माना फरवरी 2017 में निधन.

कांग्रेस कर रही लोकतंत्र की हत्या : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "कांग्रेस एक तरफ लोकतंत्र की दुहाई देती है. लेकिन दूसरी तरफ वह हिंसा कर रही है. बीजेपी कार्यालयों पर हमले किए जा रहे हैं. सही मायने में यही, लोकतंत्र की हत्या है"

ये भी पढ़ें- रमन सिंह ने बताया क्यों गई राहुल गांधी की सदस्यता


भूपेश बघेल पर अरुण साव ने साधा निशाना : अरुण साव ने सीएम भूपेश बघेल को घड़ियाली आंसू बहाने वाला बताया.अरुण साव ने कहा सीएम भूपेश ने उस आदमी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. जिसने पिछड़ा वर्ग आरक्षण को न्यायालय में चुनौती दी थी. आरक्षण के लिए राज्यपाल ने क्वांटिफिएबल डाटा मांगा था.लेकिन अभी तक उसे प्रस्तुत नहीं किया गया.आरक्षण के नाम पर सीएम भूपेश जनता को धोखा दे रहे हैं.वहीं अडाणी को बीजेपी ने टूल किट का शिकार बताया है.''

राहुल गांधी को अहंकार की मिली सजा

रायपुर : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से मानहानि मामले में सजा मिलने के बाद, संसदीय सदस्यता से हाथ धोना पड़ा. जिसके बाद पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार किया है. अरुण साव के मुताबिक '' राहुल गांधी की सदस्यता अहंकार के कारण गई है.उन्होंने संविधान और कानून से खुद को ऊपर समझा. वहीं पार्टी ने भी मानहानि के मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. क्योंकि, पवन खेड़ा के मामले में कांग्रेस ने आधे घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.लेकिन, राहुल गांधी का मामला चार साल पुराना है. जिसमें 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार की रैली में ओबीसी समाज के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की गई थी.''


राहुल गांधी पर हमला : इस बारे में बीजेपी ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर कई सवाल दागे.साथ ही उस बात का भी जिक्र किया कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान किया था.जिसके बाद उनको सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी थी.इसके बाद बीजेपी ने उन नेताओं की लिस्ट जारी की जिनकी सदस्यता चली गई है.

1. कमल किशोर भगत -(आजसू,झारखंड), लोहरदगा से विधायक, हत्या के प्रयास के लिए दोषी ठहराया गया, जून 2015 में अयोग्य घोषित.
2. सुरेश हलवणकर- (भाजपा,महाराष्ट्र) इचलकरंजी से विधायक, 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया गया, मई 2014 में अयोग्य घोषित.
3. बबनराव घोलप -(शिवसेना, महाराष्ट्र )देवलाली से विधायक, संपत्ति का मामले में 3 वर्षों के लिए दोषी ठहराया गया, मार्च 2014 में अयोग्य घोषित.
4. एनोस एक्का - ( झारखंड पार्टी , झारखंड) कोलेबीरा से विधायक, मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराया, 2014 में अयोग्य घोषित.
5. आशारानी बीजेपी-( बिजावर, मध्य प्रदेश) नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दोषी, नवंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
6. रशीद मसूद - (कांग्रेस ,यूपी) एमबीबीएस में सीटों का घोटाला, 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
7. लालू प्रसाद यादव -( आरजेडी, बिहार) सारण लोकसभा सांसद, चारा घोटाला में 5 वर्षों के लिए दोषी ठहराया सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
8. जगदीश शर्मा - (जद(यू),बिहार) चारा घोटाला में 4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, सितंबर 2013 अयोग्य घोषित कर दिया.
9. टीएम सेल्वागणपति- (डीएमके, तमिलनाडु) श्मशान में रोड बनाने का मामला, 2 वर्षो के लिए दोषी ठहराया, अप्रैल 2014 को इस्तीफा दे दिया.
10 जे. जयललिता (एआईएडीएम, तमिलनाडु) आय से अधिक संपत्ति का मामला,4 वर्षों के लिए दोषी ठहराया, कारावास के साथ ही जुर्माना फरवरी 2017 में निधन.

कांग्रेस कर रही लोकतंत्र की हत्या : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "कांग्रेस एक तरफ लोकतंत्र की दुहाई देती है. लेकिन दूसरी तरफ वह हिंसा कर रही है. बीजेपी कार्यालयों पर हमले किए जा रहे हैं. सही मायने में यही, लोकतंत्र की हत्या है"

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भूपेश बघेल पर अरुण साव ने साधा निशाना : अरुण साव ने सीएम भूपेश बघेल को घड़ियाली आंसू बहाने वाला बताया.अरुण साव ने कहा सीएम भूपेश ने उस आदमी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. जिसने पिछड़ा वर्ग आरक्षण को न्यायालय में चुनौती दी थी. आरक्षण के लिए राज्यपाल ने क्वांटिफिएबल डाटा मांगा था.लेकिन अभी तक उसे प्रस्तुत नहीं किया गया.आरक्षण के नाम पर सीएम भूपेश जनता को धोखा दे रहे हैं.वहीं अडाणी को बीजेपी ने टूल किट का शिकार बताया है.''

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