रायपुर: भारत में साल 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था. इसके आज 48 साल पूरे हो चुके हैं. बीजेपी ने इस दिन को भारतीय लोकतंत्र में काला दिन बताया है. इस दौरान मीसा Maintenance of Internal Security Act एक्ट के तहत जेल में डाले गए लोगों (मीसाबंदियों) और नेताओं का बीजेपी सम्मान कर रही है. जिस पर छत्तीसगढ़ में राजनीति चरम पर है.
कांग्रेस ने मीसाबंदियों के सम्मान को बीजेपी की नौटंकी करार दिया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष और प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने मीसाबंदियों के सम्मान को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है.
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि बीजेपी का मीसाबंदियों को सम्मान नौटंकी है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान रहा उसे बताना चाहिए. ना ही उनके नेताओं ने कभी स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया. भारतीय जनता पार्टी अभी तक मीसाबंदी के नाम पर अपने कार्यकर्ताओं को उपकृत (ओबिलाइज) करती रही है. जब वह बंद हो गया ,तो मीसा बंदियों के सम्मान की नौटंकी कर रही है. आखिर मीसाबंदी कौन थे. भारतीय जनता पार्टी इस तरह के कार्यक्रम कर तात्कालिक लोकतांत्रिक सरकार खिलाफ आंदोलन करने वाले लोगों का सम्मान कर रही है ." : सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग
"बीजेपी की तरफ से कभी सुना गया कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान किया है. या फिर उनका कोई नेता स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया हो. जब देश आजाद हुआ था तब पंडित दीन दयाल उपाध्याय 31 साल के थे. लेकिन वो कभी जेल नहीं गए. कभी आजादी के लिए कोई आंदोलन नहीं किया. इनका कोई इतिहास नहीं रहा. जिनका इतिहास पूरी तरह से दरिद्र है. ऐसे लोग मीसा बंदियों का सम्मान करने की नौटंकी कर रहे हैं. अपने आपको आंदोलन से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आज देश जानना चाहता है कि, आजादी की लड़ाई में बीजेपी और आरएसएस का क्या योगदान रहा है" : सुशील आनंद शुक्ला, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग
बीजेपी की तरफ से रायपुर के शहीद स्मारक भवन रायपुर में प्रबुद्ध जन सम्मेलन एवं मीसाबंदियों का सम्मान किया गया. भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश मुख्य वक्ता रहे. जबकि समारोह की अध्यक्षता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद अरुण साव ने की है.