रायपुर: धान खरीदी पूरी न हो पाने की वजह से छत्तीसगढ़ के किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है. अन्नदाताओं का गुस्सा फूटने लगा है. पहले वादे के मुताबिक समर्थन मूल्य मिलने पर संशय फिर धान खरीदी की तारीख के बाद रही-सही कसर मौसम ने पूरी कर दी. बेमौसम बारिश और बदइंतजामी ने नुकसान पहुंचाया तो सरकार ने खरीदी की तारीख बढ़ाकर 20 फरवरी कर दी. 2 दिन बचे हैं और धान खरीदी पूरी होने के आसार नहीं दिख रहे. लिहाजा किसानों ने मोर्चा खोल दिया है. किसी ने आत्महत्या तो किसी ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
मंगलवार को प्रदेश के कई स्थानों से किसानों के विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं. कवर्धा में बदइंतजामी और बारदाना न मिलने से नाराज किसानों ने बोडला में कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर को किसानों ने घेर लिया. किसानों ने धान खरीदी में आ रही समस्याओं को लेकर मंत्री का घेराव किया. किसानों ने मंत्री की गाड़ी रोक ली और मंत्री से जमकर सवाल-जवाब किया.
कोंडागांव में किसानों पर पुलिस की सख्ती
वहीं कांकेर, कोंडागांव, पेंड्रा, बेमेतरा और महासमुंद में किसान सड़क पर उतर आए और विरोध दर्ज कराया. इस वक्त सबसे ज्यादा परेशान अन्नदाताओं को टोकन और बारदाने को लेकर हो रही है. केशकाल के अंबेडकर चौक पर धान खरीदी नहीं होने के कारण किसानों ने एक बार फिर चक्काजाम किया. जिसके बाद कथित तौर पर पुलिस और किसानों के बीच झूमा झटकी हुई. पुलिस पर किसानों के साथ सख्ती बरतने का आरोप है. इस दौरान कुछ किसानों को चोट आई है, जिनका इलाज अस्पताल में कराया गया है.
बारदानों की कमी के चलते पिछले कई दिनों से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में धान खरीदी बंद है. इसकी वजह से किसानों में नाराजगी है. गौरेला के किसानों ने विरोध करते हुए प्रशासन को ज्ञापन देकर खरीदी शुरू न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.
अंतागढ़ में फूटा किसानों का गुस्सा
धान खरीदी में हो रही अव्यवस्था को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. केशकाल के बाद अन्तागढ़ के किसानों ने चक्काजाम कर दिया. किसानों ने खरीदी केंद्र में बारदाने की कमी और धान खरीदी की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
बेमेतरा में भी सड़क पर उतरे किसान
बेमेतरा में भी किसान सड़क पर उतरे. बारदाने की कमी को लेकर सेवा सहकारी समिति अंधियारखोर के अंतर्गत आने वाले गांव के नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को नवागढ़-बेमेतरा मुख्यमार्ग पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और 1 घंटे तक राजमार्ग को जामकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बारिश ने बर्बाद की फसल
वहीं राजनांदगांव के खैरागढ़ के ग्राम केकराज में बेमौसम बारिश की वजह से खराब हो रही चना, गेहूं, अरहर की बर्बाद हुई फसल का मुआवजा मांगने के लिए किसान मंगलवार को एसडीएम कार्यालय पहुंचे.
किसानों से सामने चुनौती
- बारदाने की समस्या से जूझ रहे किसान
- सॉफ्टेयर की खराबी के कारण टोकन की समस्या
- धान खरीदी नहीं होने से परेशान किसान
- खराब मौसम और बारिश की मार झेल रहे किसान
ये खबरें महज मंगलवार की हैं. अगर ये कहें कि इस बार धान खरीदी छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए मुसीबत बनकर आई, तो गलत नहीं होगा. कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर लड़ते-लड़ते सत्ता में आई और किसानों का ही ये हाल है. मुख्यमंत्री विदेश में घूम-घूम कर बखान कर रहे हैं और यहां अन्नदाता सड़क पर बेहाल है.