रायपुर: प्रशासन के एकाएक आदेश और अपनी सात सूत्रीय मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर रहे हैं. प्रदर्शन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में आक्रोश और जमकर नाराजगी भी देखने को मिली. ऐसे में प्रदेश भर से अलग-अलग जिले से आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कहां जाएंगे. मजबूरन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सड़क पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
"अनुमति नहीं मिलने के कारण सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं": छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कल्याण संघ की प्रदेश अध्यक्ष पद्मावती साहू ने बताया कि "5 दिवसीय प्रदर्शन के लिए प्रशासन को इसकी सूचना लगभग 1 महीने पहले दे दी गई थी. जिसको देखते हुए प्रदेश भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 23 जनवरी को अपने गांव और जिले से राजधानी पहुंच गई. 23 जनवरी से 27 जनवरी तक 5 दिनों का महापड़ाव का आयोजन किया जाना था, और दिन-रात प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शन होना था. जिसको देखते हुए प्रदेश भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका यहां पहुंचे हैं. 23 जनवरी को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के कारण सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं."
"4 सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं": छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता पाठक का कहना है कि "बीते 4 सालों से लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार ने इनकी मांगों को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है. ऐसे में प्रदेश भर के आंगनबाड़ी में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपना अपना धैर्य खो चुके हैं. हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के प्रतिनिधि मंडल को प्रदेश के मुखिया बुलाकर उनसे बात करें."
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की सात सूत्रीय मांग: शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक जन घोषणा पत्र में किए गए लिखित वादा कलेक्टर दर को पूर्ण किया जाए, सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन और समूह बीमा योजना हेतु नीति निर्धारित कर इसको लागू कराने का कष्ट करें इसके साथ ही सेवानिवृत्त और मृत्यु होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख रुपए और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए की राशि एकमुश्त भुगतान किया जाए, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाने के साथी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया जाए.
संघ की सात सूत्रीय मांग: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के रिक्त पद पर शत प्रतिशत बिना उम्र बंधन और बिना परीक्षा लिए भर्ती किया जाए इसी तरह सहायिकाओ को कार्यकर्ता के रिक्त पद पर लिया जाए 25% का बंधन समाप्त किया जाए साथ ही विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए, प्रदेश स्तर में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए, पोषण ट्रैकर एप और अन्य कोई भी कार्य जब तक मोबाइल नेट चार्ज करने का पैसा नहीं दिया जाता है तब तक मोबाइल से कोई भी कार्य ना लिया जाए, रेडी टू ईट का परिवहन व्यय नहीं देकर परियोजना कार्यालय से उठाव करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है जिसे निरस्त कर पूर्व के समान आंगनबाड़ी केंद्रों तक रेडी टू ईट प्रदान किया जाए.