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Lockdown: महिलाओं और बच्चों का खास ख्याल रख रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं. वहीं ये बच्चों को बालगीत भी सिखा रही हैं.

Anganwadi workers are taking care of the health of women and children
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रख रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं
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Published : Apr 20, 2020, 9:35 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को 13 मार्च से बंद किया गया है. वहीं लॉकडाउन में बच्चों और महिलाओं के पोषण का ध्यान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं रख रही हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 1 हजार 981 केन्द्रों के लगभग 96 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण किया है. मार्च महीने तक टेक होम राशन वितरण का काम पूरा हो चुका है. वहीं अप्रैल महीने का वितरण हितग्राहियों को किया जा रहा है. इसके अलावा सबला पोषण आहार के तहत 11 से 14 साल की शाला त्यागी 2 हजार 335 किशोरियों को भी पोषण आहार उपलब्ध कराया गया है.

Anganwadi workers are taking care of the health of women and children
डिजिटल माध्यम से बच्चे सीख रहे हैं बालगीत

हितग्राहियों को बांटा गया सूखा राशन

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन की जगह पर सूखा राशन वितरित किया जा रहा है. इसके लिए जिले के 9 परियोजना कार्यालय ने 2 हजार 976 एनीमिया पीड़ित महिलाओं, 9 हजार 201 शिशुवती माताओं, 16 हजार 870 एक से 3 साल के बच्चों सहित कुल 28 हजार 847 हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया है.

डिजिटल माध्यम से बच्चे सीख रहे हैं बालगीत

वहीं आदिवासी क्षेत्रों में बच्चे घर पर ही डिजिटल माध्यम से बालगीत सीखकर खुश हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ी और स्थानीय बोली में बालगीत, कहानी, कविता के वीडियो के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर पालकों को जागरूक कर रही हैं. इसी क्रम में जगदलपुर परियोजना के सेक्टर जाटम की कार्यकर्ता बंसती ने कुमारी भवानी को मोबाइल के माध्यम से बालगीत सिखाया. मोबाइल पर बालगीत सुनने-देखने से बालिका भवानी खुशी से ताली बजाने लगी. इसके साथ ही डिजिटल माध्यम से सीखते हुए बच्ची भवानी की तरह ही कई स्थानीय बच्चों के चेहरे पर इसी तरह की रौनक देखी जा सकती है.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को 13 मार्च से बंद किया गया है. वहीं लॉकडाउन में बच्चों और महिलाओं के पोषण का ध्यान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं रख रही हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 1 हजार 981 केन्द्रों के लगभग 96 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण किया है. मार्च महीने तक टेक होम राशन वितरण का काम पूरा हो चुका है. वहीं अप्रैल महीने का वितरण हितग्राहियों को किया जा रहा है. इसके अलावा सबला पोषण आहार के तहत 11 से 14 साल की शाला त्यागी 2 हजार 335 किशोरियों को भी पोषण आहार उपलब्ध कराया गया है.

Anganwadi workers are taking care of the health of women and children
डिजिटल माध्यम से बच्चे सीख रहे हैं बालगीत

हितग्राहियों को बांटा गया सूखा राशन

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन की जगह पर सूखा राशन वितरित किया जा रहा है. इसके लिए जिले के 9 परियोजना कार्यालय ने 2 हजार 976 एनीमिया पीड़ित महिलाओं, 9 हजार 201 शिशुवती माताओं, 16 हजार 870 एक से 3 साल के बच्चों सहित कुल 28 हजार 847 हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया है.

डिजिटल माध्यम से बच्चे सीख रहे हैं बालगीत

वहीं आदिवासी क्षेत्रों में बच्चे घर पर ही डिजिटल माध्यम से बालगीत सीखकर खुश हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ी और स्थानीय बोली में बालगीत, कहानी, कविता के वीडियो के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर पालकों को जागरूक कर रही हैं. इसी क्रम में जगदलपुर परियोजना के सेक्टर जाटम की कार्यकर्ता बंसती ने कुमारी भवानी को मोबाइल के माध्यम से बालगीत सिखाया. मोबाइल पर बालगीत सुनने-देखने से बालिका भवानी खुशी से ताली बजाने लगी. इसके साथ ही डिजिटल माध्यम से सीखते हुए बच्ची भवानी की तरह ही कई स्थानीय बच्चों के चेहरे पर इसी तरह की रौनक देखी जा सकती है.

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