ETV Bharat / state

तालाब खुदाई में मिली चौथी पांचवी सदी की योग नरसिंह की प्राचीन मूर्ति

author img

By

Published : Feb 17, 2022, 10:35 PM IST

ग्राम कुम्हारी में तालाब गहरीकरण के दौरान योग नृसिंह(नरसिंह) की विरल प्राचीन मूर्ति मिली है. जिसे घासीदास संग्राहलय में रखा जाएगा

Ancient Statue of Yog Narasimha
योग नृसिंह की प्राचीन मूर्ति

रायपुर:जिले के आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कुम्हारी में तालाब गहरीकरण के दौरान योग नृसिंह की मूर्ति मिली है. इसे घासीदास संग्रहालय में रखा जाएगा. योग नृसिंह की यह प्राचीन मूर्ति लाल बलुआ प्रस्तर से निर्मित है. यह मूर्ति चौथी-5वीं सदी ईसवी की बताई जा रही है.

खुदाई में दौरान नरसिंह की प्राचीन प्रतिमा मिलने की खबर के आधार पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने विभागीय अधिकारियों की टीम बनाकर प्राप्त प्रतिमा और उसके प्राप्ति स्थल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. उप संचालक डॉ. पी.सी. पारख के नेतृत्व में पुरातत्त्ववेत्ता प्रभात कुमार सिंह, उत्खनन सहायक प्रवीन तिर्की की टीम कुम्हारी पहुंची और मूर्ति एवं प्राप्ति स्थल का मुआयना किया. मामले में सरपंच तेजराम साहू ने अधिकारियों को बताया कि, बस्ती के उत्तर में बघधरा नामक देवस्थल के पास स्थित भाठा जमीन पर ग्राम पंचायत द्वारा तालाब निर्माण के उद्देश्य से मनरेगा के तहत की जा रही खुदाई के दौरान यह मूर्ति प्राप्त हुई है.

प्राचीन मूर्ति की पहचान योग नरसिंह के रूप में की गई

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्राचीन मूर्ति की पहचान योग नरसिंह के रूप में की गई है. यह अनूठी और विरले प्राप्त होने वाली मूर्ति है. इसे नरसिंह अथवा शांत नरसिंह भी कहा जाता है. ऐसी मुद्रा में देवता अकेले शांत बैठे हुए प्रदर्शित किये जाते हैं. आमतौर पर हिरण्यकश्यप का वध करते (पेट फाड़ते) हुए नरसिंह मूर्ति बहुतायत में मिलती है, लेकिन नरसिंह की इस रूप की प्रतिमा का शिल्पांकन अपेक्षाकृत कम हुआ है.

रायपुर:जिले के आरंग विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम कुम्हारी में तालाब गहरीकरण के दौरान योग नृसिंह की मूर्ति मिली है. इसे घासीदास संग्रहालय में रखा जाएगा. योग नृसिंह की यह प्राचीन मूर्ति लाल बलुआ प्रस्तर से निर्मित है. यह मूर्ति चौथी-5वीं सदी ईसवी की बताई जा रही है.

खुदाई में दौरान नरसिंह की प्राचीन प्रतिमा मिलने की खबर के आधार पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने विभागीय अधिकारियों की टीम बनाकर प्राप्त प्रतिमा और उसके प्राप्ति स्थल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए. उप संचालक डॉ. पी.सी. पारख के नेतृत्व में पुरातत्त्ववेत्ता प्रभात कुमार सिंह, उत्खनन सहायक प्रवीन तिर्की की टीम कुम्हारी पहुंची और मूर्ति एवं प्राप्ति स्थल का मुआयना किया. मामले में सरपंच तेजराम साहू ने अधिकारियों को बताया कि, बस्ती के उत्तर में बघधरा नामक देवस्थल के पास स्थित भाठा जमीन पर ग्राम पंचायत द्वारा तालाब निर्माण के उद्देश्य से मनरेगा के तहत की जा रही खुदाई के दौरान यह मूर्ति प्राप्त हुई है.

प्राचीन मूर्ति की पहचान योग नरसिंह के रूप में की गई

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्राचीन मूर्ति की पहचान योग नरसिंह के रूप में की गई है. यह अनूठी और विरले प्राप्त होने वाली मूर्ति है. इसे नरसिंह अथवा शांत नरसिंह भी कहा जाता है. ऐसी मुद्रा में देवता अकेले शांत बैठे हुए प्रदर्शित किये जाते हैं. आमतौर पर हिरण्यकश्यप का वध करते (पेट फाड़ते) हुए नरसिंह मूर्ति बहुतायत में मिलती है, लेकिन नरसिंह की इस रूप की प्रतिमा का शिल्पांकन अपेक्षाकृत कम हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.