ETV Bharat / state

Navratri 2022 नवरात्रि में बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए कैसा होगा प्रभाव

Navratri 2022 इस साल की नवरात्रि में अंकों का विशेष संयोग बन रहा है. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ये संयोग कई वर्षों बाद बन रहा है.जिसका आने वाले साल में बड़ा प्रभाव पड़ेगा. आज हम आपको बताएंगे नवरात्रि के ये दिन कौन से हैं और किस तरह के योग से कौन सा प्रभाव हम सब के जीवन पर पड़ेगा.

नवरात्रि में बन रहा अद्भुत संयोग
नवरात्रि में बन रहा अद्भुत संयोग
author img

By

Published : Sep 28, 2022, 6:21 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 7:11 PM IST

रायपुर : साल 2022 का दुर्गा उत्सव में असाधारण योग बन रहा है. एक तरह से देखा जाए तो यह एक दुर्लभ संयोग ( Amazing coincidence in Navratri) है . यह असाधारण योग दुर्गा उत्सव के दौरान 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक की तिथियों में बन रहा (navratri 2022 puja vidhi ) है. जिसमें तारीख, महीने और साल को योग करने पर षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी की तिथि आ रही है. इन 5 तिथियों को योग करने से जो मूलांक बन रहे हैं वह नवरात्रि का षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और विजयादशमी हैं. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रियशरण त्रिपाठी भी मानते हैं ऐसा संयोग कई सालों के बाद बन रहा है.

नवरात्रि में बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए कैसा होगा प्रभाव
कैसे हो रहा अद्भुत संयोग :01-10-22 इसका मूलांक 6 होता है यह शुक्र का अंक माना जाता है02-10-22 इसका मूलांक 7 होता है और यह केतु का अंक माना जाता है03-10-22 इसका मूलांक 8 है और यह केतु का अंक माना जाता है04-10-22 इसका मूलांक 9 और यह मंगल का अंक माना जाता है05-10-22 इसका मूलांक 10 अर्थात 1 होता है जो सूर्य का अंक माना जाता है । ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "इस बार नवरात्रि में माता हाथी पर सवार होकर आई(navaratri 2022 muhurat time) हैं. जो देश और प्रजा के लिए एक अच्छा संकेत है. इस साल दुर्गोत्सव में पांच तिथियां खास हैं. जिसमें 1 अक्टूबर 2 अक्टूबर 3 अक्टूबर 4 अक्टूबर और 5 अक्टूबर है. 01-10-22 इसका मूलांक 6 होता है. यह शुक्र का अंक माना जाता है. षष्टि के दिन माता के कात्यायनी रुप की पूजा होती है. माता कात्यायनी प्रजा की रक्षा करने वाली और तकदीर लिखने वाली हैं. इस साल की यह नवरात्रि भारत के लिए रोजगार , डिफेंस, इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर के नजरिए से यह नवरात्रि बहुत खास (significance of navratri festival ) है."ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रियशरण त्रिपाठी ने बताया कि "02-10-22 इसका मूलांक 7 होता है और यह केतु का अंक माना जाता है. 7 अंक केतू का माना जाता है. जबरदस्त ग्रोथ आने के साथ ही जीडीपी रेट बढ़ रहे हैं. हर तरह के त्यौहार में तेजी देखने को मिल रही है. 03-10-22 इसका मूलांक 8 है और यह केतु का अंक माना जाता है.अष्टमी के दिन माता के महागौरी रुप की पूजा की जाती है केतु डिफेंस सेक्टर को काफी मजबूत करने वाला है."

ये भी पढ़ें- निर्भयता और वीरता के लिए इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा


" वहीं 04-10-22 इसका मूलांक 9 और यह मंगल का अंक माना जाता है और नवमी के दिन माता के सिद्धिदात्री रूप में पूजा की जाती है. स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां अच्छी रहेंगी. कोरोना के बाद भारत में हेल्थ सेक्टर में अच्छा ग्रोथ हुआ है.मंगल से जुड़े सारे व्यापार काफी बेहतर होने वाले हैं.इसी तरह पांचवां और आखिरी तारीख 05-10-22 इसका मूलांक 10 अर्थात 1 होता है जो सूर्य का अंक माना जाता है. इस तरह मेडिसिन सेक्टर में काम अच्छा होने की उम्मीद है. वहीं बिजनेस भी काफी अच्छा होने वाला है.जिससे देश की प्रगति भी काफी अच्छी रहेगी." navratri 2022 start and end date







रायपुर : साल 2022 का दुर्गा उत्सव में असाधारण योग बन रहा है. एक तरह से देखा जाए तो यह एक दुर्लभ संयोग ( Amazing coincidence in Navratri) है . यह असाधारण योग दुर्गा उत्सव के दौरान 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक की तिथियों में बन रहा (navratri 2022 puja vidhi ) है. जिसमें तारीख, महीने और साल को योग करने पर षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी की तिथि आ रही है. इन 5 तिथियों को योग करने से जो मूलांक बन रहे हैं वह नवरात्रि का षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और विजयादशमी हैं. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रियशरण त्रिपाठी भी मानते हैं ऐसा संयोग कई सालों के बाद बन रहा है.

नवरात्रि में बन रहा अद्भुत संयोग, जानिए कैसा होगा प्रभाव
कैसे हो रहा अद्भुत संयोग :01-10-22 इसका मूलांक 6 होता है यह शुक्र का अंक माना जाता है02-10-22 इसका मूलांक 7 होता है और यह केतु का अंक माना जाता है03-10-22 इसका मूलांक 8 है और यह केतु का अंक माना जाता है04-10-22 इसका मूलांक 9 और यह मंगल का अंक माना जाता है05-10-22 इसका मूलांक 10 अर्थात 1 होता है जो सूर्य का अंक माना जाता है । ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "इस बार नवरात्रि में माता हाथी पर सवार होकर आई(navaratri 2022 muhurat time) हैं. जो देश और प्रजा के लिए एक अच्छा संकेत है. इस साल दुर्गोत्सव में पांच तिथियां खास हैं. जिसमें 1 अक्टूबर 2 अक्टूबर 3 अक्टूबर 4 अक्टूबर और 5 अक्टूबर है. 01-10-22 इसका मूलांक 6 होता है. यह शुक्र का अंक माना जाता है. षष्टि के दिन माता के कात्यायनी रुप की पूजा होती है. माता कात्यायनी प्रजा की रक्षा करने वाली और तकदीर लिखने वाली हैं. इस साल की यह नवरात्रि भारत के लिए रोजगार , डिफेंस, इंडस्ट्री और एग्रीकल्चर के नजरिए से यह नवरात्रि बहुत खास (significance of navratri festival ) है."ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित प्रियशरण त्रिपाठी ने बताया कि "02-10-22 इसका मूलांक 7 होता है और यह केतु का अंक माना जाता है. 7 अंक केतू का माना जाता है. जबरदस्त ग्रोथ आने के साथ ही जीडीपी रेट बढ़ रहे हैं. हर तरह के त्यौहार में तेजी देखने को मिल रही है. 03-10-22 इसका मूलांक 8 है और यह केतु का अंक माना जाता है.अष्टमी के दिन माता के महागौरी रुप की पूजा की जाती है केतु डिफेंस सेक्टर को काफी मजबूत करने वाला है."

ये भी पढ़ें- निर्भयता और वीरता के लिए इस विधि से करें मां चंद्रघंटा की पूजा


" वहीं 04-10-22 इसका मूलांक 9 और यह मंगल का अंक माना जाता है और नवमी के दिन माता के सिद्धिदात्री रूप में पूजा की जाती है. स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां अच्छी रहेंगी. कोरोना के बाद भारत में हेल्थ सेक्टर में अच्छा ग्रोथ हुआ है.मंगल से जुड़े सारे व्यापार काफी बेहतर होने वाले हैं.इसी तरह पांचवां और आखिरी तारीख 05-10-22 इसका मूलांक 10 अर्थात 1 होता है जो सूर्य का अंक माना जाता है. इस तरह मेडिसिन सेक्टर में काम अच्छा होने की उम्मीद है. वहीं बिजनेस भी काफी अच्छा होने वाला है.जिससे देश की प्रगति भी काफी अच्छी रहेगी." navratri 2022 start and end date







Last Updated : Sep 28, 2022, 7:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.