रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. बतौर वित्त मंत्री भूपेश बघेल तीसरी बार बजट पेश करने वाले हैं. इस साल बजट में कोरोना के कारण आई आर्थिक मंदी से उबरने के रोडमैप पर फोकस किया गया है. इसके अलावा डगमगाती अर्थव्यवस्था में किसानों के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष जोर दिया गया है.
भूपेश बघेल दूसरे बजट में भी शिक्षा को प्राथमिकता दे चुके हैं. दूसरे बजट में भूपेश बघेल ने 16 हजार शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी. इसके अलावा 100 सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की बात कही गई थी. शिक्षा के बाद सीएम भूपेश बघेल ने बजट में छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की घोषणा की थी. कुपोषण के खिलाफ भी सीएम ने अभियान छेड़ा था. इसके तहत बस्तर में फोर्टिफाइड चावल देने का एलान किया गया था. भूपेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करते हुए स्वास्थ्य योजनाओं के लिए 550 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया था. उम्मीद है कि इस साल भी भूपेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान और कुपोषण के खिलाफ कोई बड़ी योजना लेकर आ सकती है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दोपहर 12:30 बजे बजट पेश करेंगे. पिछली बार मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत सर्वे भवंतु सुखिन: वाले श्लोक से की थी. सरकार का दावा रहा है कि कोविड-19 के इस दौर में भी छत्तीसगढ़ में बेहतर काम हुआ है. ऐसे में सरकार के सामने बजट के जरिए जनमानस पर खरा उतरने की चुनौती होगी.
इन क्षेत्रों में रह सकता है फोकस-
- इस बार केन्द्र सरकार के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर फोकस देखने को मिला उसी तर्ज पर भूपेश बघेल भी राज्य के बजट में हेल्थ सेक्टर को लेकर खास प्रावधान कर सकते हैं.
- किसानों का मुद्दा भी प्रमुख है. धान के अलावा कई और फसलों को सरकार खरीदने की घोषणा कर चुकी है.ऐसे में बजट का बड़ा प्रावधान कृषि सेक्टर के लिए हो सकता है.
- सरकार इस साल अलग चाइल्ड बजट पेश कर सकती है. सरकार बाल सुपोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर एक एंटीग्रेटेड फंड का प्रावधान सरकार कर सकती है.
- रोजगार मुहैया कराने के लिए नई घोषणा और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी बजट में भूपेश सरकार काफी कुछ दे सकती है.
- गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ जैसे फ्लैगशिप नारों को बल देते हुए सरकार प्रदेश की नई पहचान के लिए कुछ घोषणा कर सकती है.
- मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को मिली कामयाबी के बाद इसे प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में भी उतारा जा सकता है.
- स्वामी आत्मानंद योजना के तहत प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 22 मार्च से शुरू हुआ था. सदन में राज्यपाल का अभिभाषण और उस पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो चुकी है. सरकार ने अपना तृतीय अनुपूरक बजट भी पेश किया.