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akti 2023: गुड्डे गुड़िया की शादी कर छत्तीसगढ़ में मनाया जाता अक्षय तृतीया और अक्ती का पर्व !

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Published : Apr 21, 2023, 11:49 PM IST

छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया के दिन गुड्डे गुड़िया की शादी कराई जाती है. शादी के लिए सबसे शुभ मुहूर्त अक्षय तृतीया को माना जाता है. छत्तीसगढ़ में ये पर्व बहुत अनोखे ढंग से मनाया जाता है. गुड्डा गुड़िया की शादी को छत्तीसगढ़ी में "पुतरा पुतरी के बिहाव" भी कहा जाता है. इस त्यौहार को लेकर छत्तीसगढ़ में इतना उत्साह है कि, त्यौहार से एक हफ्ते पहले ही अक्ती बाजार लग जाता है.

Gudda Gudiya marriage akti festival
गुड्डा गुड़िया की शादी
अक्षय तृतीया और अक्ती का पर्व

रायपुर: छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती के नाम से भी जाना जाता है. अक्ती के दिन छत्तीसगढ़ में गुड्डा गुड़िया की शादी कराई जाती है. राजधानी रायपुर के गोल बाजार की हर गली में गुड्डे गुड़िया का स्टॉल सजाता है. लोग तरह-तरह और रंग बिरंगे गुड्डे गुड़िया बाजार से खरीद कर ले जाते हैं. गुड्डे गुड़िया को लाल, पीले, हरे, गुलाबी, बैगनी जैसे आकर्षक रंगों से सजाया जाता है.

डिजाइनर गुड्डे गुड़िया की ज्यादा डिमांड: गुड्डे गुड़िया स्टॉल के मालिक राकेश पटवा ने बताया कि "ग्राहकों को रंगों से ज्यादा गुड्डा गुड़िया के डिजाइन में सफाई की डिमांड होती है. ग्राहक अक्सर कहते हैं कि रंग चाहे जो भी हो लेकिन गुड़िया और गुड्डा के नाक, आंख, कान, मुंह की बनावट बहुत ही अच्छी तरीके से होनी चाहिए. भैया कुछ ऐसा ही गुड्डे और गुड़िया का जोड़ा दीजिए."

पूरे रीति रिवाज से होती है शादी: छोटे बच्चे गुड्डे गुड़िया को घर पर लाकर बिल्कुल अपने बच्चों की तरह शादी का फंक्शन करते हैं. छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज से गुड्डा की साइड वाले लोगों को वर पक्ष और गुड्डी के साइड वाले लोगों को वधू पक्ष कहते हैं. अक्ती के दिन सुबह चूल माटी का रस्म निभाया जाता है. दोपहर में संगीत, बाद में मेहंदी और शाम में बरात निकाला जाता है. फिर पूरे रीति रिवाज से सात फेरे करवाए जाते हैं. फिर आखिरी में विदाई कर इस त्यौहार का अंतिम चरण भी पूरा किया जाता है.

यह भी पढ़ें: Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर किस राशि के लिए कौन सा व्यापार रहेगा शुभ, आइए जानते हैं...

अक्षय तृतीया को माना जाता है बेहद शुभ: इसके साथ ही अक्षय तृतीया के पर्व को काफी शुभ माना जाता है. इस पर्व में ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी को भी कोई शुभ काम करने हो, या शादी करना हो तो किसी भी किताब पोथी पुरान को खोलकर शुभ मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. यह पूरा दिन ही शुभ मुहूर्त वाला होता है.

अक्षय तृतीया और अक्ती का पर्व

रायपुर: छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती के नाम से भी जाना जाता है. अक्ती के दिन छत्तीसगढ़ में गुड्डा गुड़िया की शादी कराई जाती है. राजधानी रायपुर के गोल बाजार की हर गली में गुड्डे गुड़िया का स्टॉल सजाता है. लोग तरह-तरह और रंग बिरंगे गुड्डे गुड़िया बाजार से खरीद कर ले जाते हैं. गुड्डे गुड़िया को लाल, पीले, हरे, गुलाबी, बैगनी जैसे आकर्षक रंगों से सजाया जाता है.

डिजाइनर गुड्डे गुड़िया की ज्यादा डिमांड: गुड्डे गुड़िया स्टॉल के मालिक राकेश पटवा ने बताया कि "ग्राहकों को रंगों से ज्यादा गुड्डा गुड़िया के डिजाइन में सफाई की डिमांड होती है. ग्राहक अक्सर कहते हैं कि रंग चाहे जो भी हो लेकिन गुड़िया और गुड्डा के नाक, आंख, कान, मुंह की बनावट बहुत ही अच्छी तरीके से होनी चाहिए. भैया कुछ ऐसा ही गुड्डे और गुड़िया का जोड़ा दीजिए."

पूरे रीति रिवाज से होती है शादी: छोटे बच्चे गुड्डे गुड़िया को घर पर लाकर बिल्कुल अपने बच्चों की तरह शादी का फंक्शन करते हैं. छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज से गुड्डा की साइड वाले लोगों को वर पक्ष और गुड्डी के साइड वाले लोगों को वधू पक्ष कहते हैं. अक्ती के दिन सुबह चूल माटी का रस्म निभाया जाता है. दोपहर में संगीत, बाद में मेहंदी और शाम में बरात निकाला जाता है. फिर पूरे रीति रिवाज से सात फेरे करवाए जाते हैं. फिर आखिरी में विदाई कर इस त्यौहार का अंतिम चरण भी पूरा किया जाता है.

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अक्षय तृतीया को माना जाता है बेहद शुभ: इसके साथ ही अक्षय तृतीया के पर्व को काफी शुभ माना जाता है. इस पर्व में ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी को भी कोई शुभ काम करने हो, या शादी करना हो तो किसी भी किताब पोथी पुरान को खोलकर शुभ मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. यह पूरा दिन ही शुभ मुहूर्त वाला होता है.

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