रायपुर: छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. 15 मरीजों का इलाज रायपुर के एम्स अस्पताल में जारी है. रायपुर एम्स अस्पताल में इसे लेकर डॉक्टरों की बैड़ी बैठक भी बुलाई गई थी. इसी बीच सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए हैं. एम्स डायरेक्टर नितिन नागरकर ने ब्लैक फंगस को लेकर जानकारी दी है. संक्रमण के लक्षण और उसके कारण के बारे में बताया है.
डायबिटीज के पेशेंट हो सकते हैं शिकार
एम्स डायरेक्टर नितिन नागरकर ने बताया कि इस बीमारी को म्यूकर माइकोसिस भी कहते हैं. इसके लक्षण नाक-कान-मुंह में ब्लैक स्पॉट नजर आना है. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से होने वाली बीमारी म्यूकर माइकोसिस से पीड़ित मरीज मिले हैं. कोरोना से ठीक होने वाले खासतौर पर डायबिटीज के पेशेंट (Diabetics) इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. ब्लैक फंगस का डर ऐसे डायबिटीज के पेशेंट में अधिक है जो कोरोना को मात दे चुके हैं.
स्टेरॉयड के इस्तेमाल से फंगस होता है जानलेवा
कोरोना से जूझ रहे गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सक हाई डोज स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके कारण शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है. कोई व्यक्ति डायबिटीज से जूझ रहा है तो ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) तेजी से बढ़ता है. यह फंगस साइनस, फेफड़ा, आंख और फिर दिमाग तक पहुंच जाता है. कोरोना संक्रमण के मरीजों को स्टेरॉयड और टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन दिए जाते हैं. मरीजों का शुगर लेवल 300 से 400 तक पहुंच जाता है. यह स्थिति पहले से डायबिटीज की बीमारी झेल रहे मरीजों के लिए जानलेवा साबित होती है. ऐसी स्थिति में वह इस संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
कैसे शरीर को प्रभावित करता है ब्लैक फंगस ?
- आंख की नसों के पास इंफेक्शन जमा हो जाता है.
- सेंट्रल रेटिनल आर्टरी का ब्लड फ्लो बंद कर देता है.
- आंखों की रोशनी चली जाती है.
- आंख, नाक के रास्ते ये फंगस दिमाग तक पहुंचता है.
- रास्ते में आने वाली हड्डी और त्वचा को नष्ट कर देता है.
- इसके इंफेक्शन से मृत्यु दर काफी ज्यादा है.
ब्लैक फंगस के लक्षण
नाक-कान-मुंह में ब्लैक स्पॉट नजर आना इसके लक्षण हैं. यदि इस तरीके के ब्लैक स्पॉट आपको कान नाक या मुंह के पास नजर आते हैं तो आप समझ लीजिए कि यह ब्लैक फंगस के लक्षण हैं. इस रोग में आंख की नसों के पास फंगस इंफेक्शन जमा हो जाता है. जो सेंट्रल रेटिनल आर्टरी का रक्त प्रवाह बंद कर देता है. इसकी वजह से आंखों की रोशनी भी जा सकती है. कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस म्यूकस माइकोसिस इंफेक्शन देखा गया है. यह इंफेक्शन डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है.