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कोरोना थमने के बाद रायपुर में पैर पसारने लगा डेंगू-मलेरिया, रोकथाम के लिए नगर निगम फेल साबित

राजधानी रायपुर के लोग डेंगू और मलेरिया से जूज रहे हैं. यहां मलेरिया के 10 और डेंगू के 52 से अधिक मरीज मिल चुके हैं. साथ ही रायपुर नगर निगम की ओर से मच्छरों को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. निगम ने बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा है.

Municipal Corporation Raipur
नगर निगम रायपुर
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Published : Aug 5, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Aug 5, 2021, 10:36 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद डेंगू और मलेरिया जैसी बिमारियां राजधानी रायपुर के लिए अभिशाप बनती जा रही हैं. यहां कोरोना संक्रमण का प्रकोप अभी पूरी तरह खत्म हुआ नहीं कि डेंगू और मलेरिया ने अपना प्रभाव फैलाना शुरू कर दिया है. रायपुर शहर में जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं. लिहाजा रायपुर में अब तक मलेरिया के 10 और डेंगू के 52 से अधिक मरीज मिल चुके हैं.

नगर निगम रायपुर में डेंगू-मलेरिया का कहर

सरकार के दावे फेल, अस्पताल बने मरीजों के लिए जेल

राजधानी के अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मरीजों ने सरकार के उन दावों को फेल कर दिया है जिसके लिए वह हर साल करोड़ों का विज्ञापन देती है. साथ ही राजधानी रायपुर में भी मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए निगम हर साल लाखों का बजट खर्च करती है. जिसमें निगम के प्रत्येक वार्ड में एंटी लार्वा का छिड़काव, पाउडर और फागिंग करवानी होती है, लेकिन निगम के अधिकारी कागजों और फाइलों में यह छिड़काव कर रहे हैं. ऐसा शहर के लोगों का आरोप है. रायपुर के 70 वार्डों को निगम की ओर से फॉगिंग मशीनें भी दी गई है, लेकिन ये मशीने लंबे समय से खराब होने की वजह से धूल खा रही हैं और इसका खामयाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है.

रायपुर नगर निगम की ओर से मच्छरों को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. निगम ने बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा है. निगम का काम कागजों तक ही सीमित रह गया. वार्डों में फागिंग मशीन और एंटी लारवा के छिड़काव को लेकर नगर के लोगों ने कहा कि उनके वार्ड में न तो फॉगिंग मशीनें दौड़ रही है और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है.

Municipal Corporation Raipur
नगर निगम रायपुर

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान: चौथे चरण में बढ़ी स्वास्थ विभाग की टीम की जिम्मेदारियां

रायपुर के टिकरापारा वार्ड निवासी महेश यादव ने बताया कि उनके मोहल्ले में फागिंग मशीन एक बार भी नहीं आई है. मच्छर बहुत ज्यादा हो गए हैं. नालियां पूरी तरह से भरी हुई हैं. 6 माह में एक बार नालियों की सफाई हो रही है, जिसकी वजह से मच्छरों की समस्या हो रही है. वैसे भी लोग कोरोना महामारी से परेशान है और अब मच्छरों की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

फॉगिंग मशीनें वर्षों से नहीं आई

रायपुर के शहीद राजीव पांडेय वार्ड में रहने वाले जय प्रकाश देवांगन ने बताया कि उनके वार्ड में फॉगिंग मशीनें वर्षों से नहीं आई है. वार्ड के लोग मच्छरों से परेशान हैं. सतनामी पारा, मिलन चौक और ओड़िया बस्ती काफी स्लम इलाका है. वहां की नालियां गंदगी से भरी हैं, लेकिन पार्षद महोदय को यह सब दिखाई नहीं दे रहा. जिसके चलते मच्छरों से होने वाली गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

विपक्ष का हमला

फॉगिंग मशीन को लेकर नगर निगम रायपुर के उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने मशीनें खराब होने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम ने सभी 70 वार्डों को एक फॉगिंग मशीनें उपलब्ध कराई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही मशीनें खराब होनी शुरू हो गई हैं. मशीन बहुत जल्द गरम हो जाता है, उसमें से आग निकलनी शुरू हो जाती है. वहीं, निगम की ओर से इतनी कम मात्रा में पेट्रोल-डीजल दी जाती है कि वह एक ही मोहल्ले को पूरा कर पाते हैं. उन्होंने फॉगिंग मशीन खरीद में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिना गुणवत्ता के जांच के मशीनें खरीदी गई हैं, जिसके चलते यह मशीन जल्दी खराब हो रही हैं.

रायपुर वासियों के आरोपों पर नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य कहते हैं कि निगम की टीम सभी वार्डों में फॉगिंग कर रही है. जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उन बस्तियों में जाकर फॉगिंग और लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही साथ झुग्गी बस्तियों पर भी फॉगिंग किया जा रहा है. इसके अलावा यदि मशीनों की खराबी की बात है तो अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद डेंगू और मलेरिया जैसी बिमारियां राजधानी रायपुर के लिए अभिशाप बनती जा रही हैं. यहां कोरोना संक्रमण का प्रकोप अभी पूरी तरह खत्म हुआ नहीं कि डेंगू और मलेरिया ने अपना प्रभाव फैलाना शुरू कर दिया है. रायपुर शहर में जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छर पनप रहे हैं. लिहाजा रायपुर में अब तक मलेरिया के 10 और डेंगू के 52 से अधिक मरीज मिल चुके हैं.

नगर निगम रायपुर में डेंगू-मलेरिया का कहर

सरकार के दावे फेल, अस्पताल बने मरीजों के लिए जेल

राजधानी के अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मरीजों ने सरकार के उन दावों को फेल कर दिया है जिसके लिए वह हर साल करोड़ों का विज्ञापन देती है. साथ ही राजधानी रायपुर में भी मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए निगम हर साल लाखों का बजट खर्च करती है. जिसमें निगम के प्रत्येक वार्ड में एंटी लार्वा का छिड़काव, पाउडर और फागिंग करवानी होती है, लेकिन निगम के अधिकारी कागजों और फाइलों में यह छिड़काव कर रहे हैं. ऐसा शहर के लोगों का आरोप है. रायपुर के 70 वार्डों को निगम की ओर से फॉगिंग मशीनें भी दी गई है, लेकिन ये मशीने लंबे समय से खराब होने की वजह से धूल खा रही हैं और इसका खामयाजा शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है.

रायपुर नगर निगम की ओर से मच्छरों को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. निगम ने बारिश शुरू होने से पहले ही डेंगू और मलेरिया के रोकथाम के लिए कार्य योजना बना ली थी, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पा रहा है. निगम का काम कागजों तक ही सीमित रह गया. वार्डों में फागिंग मशीन और एंटी लारवा के छिड़काव को लेकर नगर के लोगों ने कहा कि उनके वार्ड में न तो फॉगिंग मशीनें दौड़ रही है और न ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है.

Municipal Corporation Raipur
नगर निगम रायपुर

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान: चौथे चरण में बढ़ी स्वास्थ विभाग की टीम की जिम्मेदारियां

रायपुर के टिकरापारा वार्ड निवासी महेश यादव ने बताया कि उनके मोहल्ले में फागिंग मशीन एक बार भी नहीं आई है. मच्छर बहुत ज्यादा हो गए हैं. नालियां पूरी तरह से भरी हुई हैं. 6 माह में एक बार नालियों की सफाई हो रही है, जिसकी वजह से मच्छरों की समस्या हो रही है. वैसे भी लोग कोरोना महामारी से परेशान है और अब मच्छरों की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

फॉगिंग मशीनें वर्षों से नहीं आई

रायपुर के शहीद राजीव पांडेय वार्ड में रहने वाले जय प्रकाश देवांगन ने बताया कि उनके वार्ड में फॉगिंग मशीनें वर्षों से नहीं आई है. वार्ड के लोग मच्छरों से परेशान हैं. सतनामी पारा, मिलन चौक और ओड़िया बस्ती काफी स्लम इलाका है. वहां की नालियां गंदगी से भरी हैं, लेकिन पार्षद महोदय को यह सब दिखाई नहीं दे रहा. जिसके चलते मच्छरों से होने वाली गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

विपक्ष का हमला

फॉगिंग मशीन को लेकर नगर निगम रायपुर के उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने मशीनें खराब होने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम ने सभी 70 वार्डों को एक फॉगिंग मशीनें उपलब्ध कराई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही मशीनें खराब होनी शुरू हो गई हैं. मशीन बहुत जल्द गरम हो जाता है, उसमें से आग निकलनी शुरू हो जाती है. वहीं, निगम की ओर से इतनी कम मात्रा में पेट्रोल-डीजल दी जाती है कि वह एक ही मोहल्ले को पूरा कर पाते हैं. उन्होंने फॉगिंग मशीन खरीद में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिना गुणवत्ता के जांच के मशीनें खरीदी गई हैं, जिसके चलते यह मशीन जल्दी खराब हो रही हैं.

रायपुर वासियों के आरोपों पर नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य कहते हैं कि निगम की टीम सभी वार्डों में फॉगिंग कर रही है. जहां भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उन बस्तियों में जाकर फॉगिंग और लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही साथ झुग्गी बस्तियों पर भी फॉगिंग किया जा रहा है. इसके अलावा यदि मशीनों की खराबी की बात है तो अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है.

Last Updated : Aug 5, 2021, 10:36 PM IST
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