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DKS अस्पताल के अधीक्षक को नहीं पता, क्यों और कैसे हुई दीप्ति राज की नियुक्ति - भूपेश बघेल

दाऊ कल्याण सिंह (DKS) अस्पताल पिछले कई दिनों से चर्चा में है. अपनी सुविधाओं को लेकर नहीं बल्कि लगातार हो रहे घोटालों को लेकर.

के के सहारे , अधीक्षक, डीकेएस अस्पताल
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Published : May 14, 2019, 9:27 PM IST

रायपुर: प्रसाशनिक अधिकारी तौर पर DKS अस्पताल में पदस्थ दीप्ति राज की नियुक्ति कब और किसने की यह खुद डीकेएस अधीक्षक के.के सहारे को भी पता नहीं है.

के के सहारे , अधीक्षक, डीकेएस अस्पताल


अधीक्षक ने जानकारी होने से किया इंकार
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक से बात की तो उन्होंने इस बारे में जनकारी होने से इंकार कर दिया. अचार संहिता लागू होने के बाद, मार्च महीने में दीप्ति राज की नियुक्ति की गई थी. इसके साथ ही उन्हें डायरेक्टर और आईएएस अफसर भुनेश्वर यादव के बगल वाला कमरा दिया गया था. दीप्ति रोज ड्यूटी पर अस्पताल आती है और बाकयदा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम भी कर रही हैं.


जांच के बाद कार्रवाई की कही बात
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सहारे का कहना है कि, वे इस विषय में अस्पताल के संचालक से बात करेंगे जो उचित होगी वो कार्रवाई भी की जाएगी. ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि इतने बड़े अस्पताल में क्या कोई बिना किसी नियुक्ति के आ और जा सकता है. यदि आता भी है तो उसे कैबिन या पद कैसे दे दिया जाता सकता है.


अधीक्षक के केबिन से सामने है दीप्ति का केबिन
दीप्ति राज का केबिन बिलकुल अधीक्षक केबिन के सामने ही है. बावजूद इसके क्या अधीक्षक को इस बारे में पता ही नहीं चला. यदि हां तो अब तक उन पर दीप्ति पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

रायपुर: प्रसाशनिक अधिकारी तौर पर DKS अस्पताल में पदस्थ दीप्ति राज की नियुक्ति कब और किसने की यह खुद डीकेएस अधीक्षक के.के सहारे को भी पता नहीं है.

के के सहारे , अधीक्षक, डीकेएस अस्पताल


अधीक्षक ने जानकारी होने से किया इंकार
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक से बात की तो उन्होंने इस बारे में जनकारी होने से इंकार कर दिया. अचार संहिता लागू होने के बाद, मार्च महीने में दीप्ति राज की नियुक्ति की गई थी. इसके साथ ही उन्हें डायरेक्टर और आईएएस अफसर भुनेश्वर यादव के बगल वाला कमरा दिया गया था. दीप्ति रोज ड्यूटी पर अस्पताल आती है और बाकयदा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम भी कर रही हैं.


जांच के बाद कार्रवाई की कही बात
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सहारे का कहना है कि, वे इस विषय में अस्पताल के संचालक से बात करेंगे जो उचित होगी वो कार्रवाई भी की जाएगी. ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि इतने बड़े अस्पताल में क्या कोई बिना किसी नियुक्ति के आ और जा सकता है. यदि आता भी है तो उसे कैबिन या पद कैसे दे दिया जाता सकता है.


अधीक्षक के केबिन से सामने है दीप्ति का केबिन
दीप्ति राज का केबिन बिलकुल अधीक्षक केबिन के सामने ही है. बावजूद इसके क्या अधीक्षक को इस बारे में पता ही नहीं चला. यदि हां तो अब तक उन पर दीप्ति पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

Intro:DKS: प्रशासनिक अधिकारी के तौर केबिन तो है, पर नियुक्ति कब और किसने की अधीक्षक को भी नहीं पता


Body:रायपुर । दाऊ कल्याण सिंह अस्पताल कई दिनों से चर्चा में है । अपने सुविधाओं को लेकर नहीं बल्कि लगातार हो रहे घोटालों को लेकर । ताजा एक और मामला सामने आया है । प्रसाशनिक अधिकारी तौर पर डीकेएस में पदस्थ हुई दीप्ति राज की नियुक्ति कब और किसने की यह खुद डीकेएस अधीक्षक के के सहारे को भी नहीं पता है । उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि मुझे उनकी नियुक्ति के विषय में कोई जानकारी नहीं है ।

अचार सहिंता लागू होने के बाद मार्च माह से दीप्ति राज को इस पोस्ट पर बैठाया गया है । उन्हें डायरेक्टर और आईएएस अधिकारी भुनेश्वर यादव के बाजू वाला कमरा भी दिया गया है । दीप्ति राज यहां रोज आती है । और बाकयदा प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम भी कर रही हैं ।

अस्पताल अधीक्षक सहारे का कहना है कि वे इस विषय मे ऊपर ( संचालक ) से बात करेंगे जो उचित होगा वह कार्यवाही भी की जाएगी । ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि इतने बड़े अस्पताल में क्या कोई बिना किसी नियुक्ति के आ जाता है ? यदि आता भी है तो उसे कैबिन या पद कैसे दे दिया जाता है ।

दीप्ति राज का केबिन बिलकुल अधीक्षक के कैबिन के सामने ही है । क्या अधीक्षक को पता ही नहीं चला ? यदि हाँ तो अब तक उन पर कोई कार्यवाई क्यों नहीं हुई ? इन तमाम सवालों का जवाब सहारे ने केवल एक वाक्य में दिया कि "मुझे नहीं मालूम "

बाइट - के के सहारे ( अधीक्षक )


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