रायपुरः गरीबी, तंगहाली और भूखमरी से पीड़ित ग्राम कोहरौद का एक परिवार रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर न्याय की गुहार लगा रहा है. सरपंच सहित गांव के कुछ दबंगों की दबंगई के चलते गांव छोड़कर पूरा परिवार शनिवार से बैनर लगाकर बैठा हुआ है. बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा है कि "एक भूमिहीन, मजबूर, गरीब परिवार आपसे न्याय की गुहार करती है" न्याय नहीं दिला सकते तो यह परिवार आपसे इच्छा मृत्यु की मांग करती है.
प्रशासन से नहीं मिली मदद
पीड़ित परिवार ने आबादी के जमीन में कच्चा मकान बनाकर वर्षों से वहां निवास कर रहे थे, लेकिन मकान को आज से लगभग डेढ़ साल पहले पंचायत प्रशासन द्वारा अतिक्रमण बताकर उस मकान को तोड़ दिया और उन्हें वहां से बेदखल कर दिया गया. साथ ही गांव के सरकारी 35 डिसमिल बंजर जमीन पर पिछले कई सालों से खेती कर परिवार का पोषण कर रहे थे, लेकिन संरपंच ने उसे भी चारागाह का जमीन बताकर यहां खेती करने से मना कर दिया. मामले में शिकायत करने पीड़ित परिवार थाना, एसपी ऑफिस और कलेक्टर कार्यालय का कई बार चक्कर लगा चुका है. इसके बाद भी परिवार को कोई मदद नहीं मिली है. आखिरकार थक हार कर परिवार न्याय की आस में राजधानी रायपुर पहुंचा.
पीएम से इच्छा मृत्यु की मांग
पीड़ित की पत्नी राजकुमारी पाटिल का आरोप है कि हरेली के समय सरपंच और उसके बेटा सहित गांव के कुछ दबंगों ने उसके साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार भी किया. इसकी शिकायत करने थाना जाने पर पुलिस ने भी शिकायत को अनसुना कर दिया. ऐसे में पीड़ित अपनी पत्नी और चार मासूम बच्चों के साथ कहां और किसके पास जाकर न्याय की गुहार लगाए, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग किए हैं.