रायपुर : 4 महीने पहले रायपुर रेल मंडल ने लाखों रुपए खर्च कर 55 कोचों का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया था. लेकिन लंबे समय के बाद भी इस कोविड 19 कोच का इस्तेमाल नहीं हुआ. अब तक इन कोचों को कोरोना संकट में इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इन आइसोलेशन वार्ड कोच में लाखों रुपए के कीमती चिकित्सा उपकरण भी लगाए गए हैं. 4 महीने से इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस वजह से कोच के अंदर पड़े इन उपकरणों के भी खराब होने की संभावना बढ़ गई है.
रायपुर रेल स्टेशन पर ट्रेनों के 6 आइसोलेशन वार्ड कोच खड़े हैं. वहीं बाकि के 49 आइसोलेशन वार्ड कोच दुर्ग स्टेशन पर बेकार पड़े हैं. 4 महीने पहले ही रायपुर मंडल के रेलवे इंस्टीट्यूट , आरपीएफ बैरक को क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदला गया है. इन दोनों क्वॉरेंटाइन सेंटर में मरीजों के लिए 112 बिस्तरों की सुविधा तैयार की गई थी. लेकिन अभी तक क्वॉरेंटाइन सेंटर का भी इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं हो पाया है.
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55 आइसोलेशन वार्ड कोच का निर्माण
रायपुर रेल मंडल के पीआरआई शिव प्रसाद का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए रायपुर रेल मंडल द्वारा 55 आइसोलेशन वार्ड कोच का निर्माण किया गया है. कोरोना से जंग में रेलवे ने चलित अस्पताल की व्यवस्था को तैयार किया था. लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है. जिसकी वजह से यह ट्रेनें खाली पड़ी है. ट्रेनों के आइसोलेशन वार्ड कोच की केंद्र सरकार या राज्य सरकार कहीं से भी डिमांड नहीं की गई है. इसी वजह से कोरोना मरीजों के लिए तैयार आइसोलेशन वार्ड वाली ट्रेन की बोगियों स्टेशनों पर खड़ी हुई है.