रायपुर : भूपेश सरकार की गौठान योजना के कारण एक गांव के 20 परिवारों को बेघर होने पर मजबूर होना पड़ा है. ये परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. छोटे बच्चों और बुजुर्गो के साथ ये 20 परिवार गुजर बसर करने का ठिकाना ढूंढते भटक रहे है. सरकार की गौठान योजना के तहत तर्रा गांव में जिस जगह गौठान बनना था, वहां ये परिवार सालों से काबिज थे. ग्रामीणों का कहना है कि महज 2 दिन का नोटिस देकर उनकी झोंपड़ियों पर बुलडोजर चला दिया गया.
राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर तर्रा गांव में सरकार ने आदर्श गौठान का निर्माण कराया है. गौठान सरकारी जमीन पर बनाया गया है. लेकिन पिछले करीब दो दशकों से इस जमीन पर कुछ लोगों ने अपने घर बना लिए थे. धरसीवा तहसीलदार का कहना है कि जिनके घर गिराए गए हैं उन्हें करीबन एक साल से नोटिस दिए जा रहे थे इसके बावजूद वो घर खाली नहीं कर रहे थे जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.
इन परिवारों ने पुनर्वास दिए जाने के बाद मकान तोड़ने की बात कही थी, वही तहसीलदार ने कहा कि इन परिवारों में से जिन्हें पट्टे नहीं दिए गए है उन्हें पट्टे दिए जाएंगे, साथ ही इन परिवारों को समुदायिक भवन में रहने की सुविधा दी गई है.