रायगढ़: रायगढ़ न्यायालय ने जेल में निरुद्ध 3 अधिवक्ताओं की जमानत को मंजूरी दी है. रायगढ़ तहसील कार्यालय में विवाद के आरोप में कुल पांच अधिवक्ताओं पर एफआईआर दर्ज की गई थी. पहले दो अधिवक्ता को जमानत हाईकोर्ट से मिली थी. जबकि बाकी तीन अधिवक्ताओं को आज जमानत रायगढ़ कोर्ट से मिल गई. वकील कोमल साहू, दीपक मोडक और जितेंद्र शर्मा को जमानत मिली है. इसके अलावा 2 दिन पहले अधिवक्ता महेश प्रसाद पटेल की रायगढ़ कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहाई हो चुकी है. अब सभी 5 अधिवक्ताओं की जमानत हो चुकी है.
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सभी पांच अधिवक्ता जेल से हुए रिहा
रायगढ़ तहसील में कर्मचारियों से विवाद के आरोप में रायगढ़ जेल में निरुद्ध तीन अधिवक्ता दीपक मोडक, जितेंद्र शर्मा एवं कोमल साहू की रायगढ़ न्यायालय ने नियमित जमानत मंजूर कर ली है. इसके बाद अधिवक्ता संघ के बीच अपने साथियों को जमानत मिलने की बात पर उत्साह का माहौल है. जमानत के लिए तीन सीनियर अधिवक्ता विजय सर्राफ, अभिजीत मलिक एवं एमएस रथ ने पैरवी की. तहसील कार्यालय में विवाद के आरोप में कुल 5 अधिवक्ताओं पर एफआईआर किया गया था. सबसे पहले गिरफ्तार किए गए अधिवक्ता भुवन साव की जमानत हो गई थी, जबकि शेष 4 अधिवक्ताओं की जमानत रायगढ़ कोर्ट से मिल गई. अधिवक्ता कोमल साहू, दीपक मोडक और जितेंद्र शर्मा को भी जमानत मिल गई है. इसके अलावा 2 दिन पहले अधिवक्ता महेश प्रसाद पटेल को भी रायगढ़ कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इस प्रकार अब सभी 5 अधिवक्ताओं की जमानत मंजूर हो चुकी है और सभी जेल से रिहा हो चुके हैं.
अधिवक्ता संघ ने दी यह चेतावनी
अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से शासन से रामप्रसाद सिदार के खिलाफ तत्काल एफआईआर कराने और उसे निलंबित किए जाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि 15 दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती है तो यह माना जाएगा कि कलेक्टर सहित छत्तीसगढ़ शासन अवैध कृत्य एवं धोखाधड़ी करने वाले रामप्रसाद सिदार के साथ हैं. ऐसे में इन सभी को पार्टी बनाते हुए सक्षम न्यायालय में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.