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सावधान! प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे खतरनाक, टॉप 50 शहरों में कोरबा और रायगढ़ का नाम

रायगढ़ शहर दुनिया के टॉप 50 प्रदूषित शहरों में शामिल है. यहां प्रदूषण की वजह से लगातार लोग बीमार पड़ रहे हैं. टॉप 50 प्रदूषित शहरों में रायगढ़ का स्थान 48वां है.

प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे खतरनाक
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Published : Nov 5, 2019, 12:00 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 7:28 AM IST

रायगढ़: देश में छत्तीसगढ़ में प्रदूषण के आंकड़े बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. नासा की तरफ से किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. छत्तीसगढ़ की फिजाओं में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के दो शहरों कोरबा और रायगढ़ का सबसे बुरा हाल है. दुनिया के 50 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दोनों का नाम है.

प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे खतरनाक

प्रदूषण को लेकर सर्वे करने वाली संस्था ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें विश्व के टॉप 50 प्रदूषित शहरों में कोरबा 15वें और रायगढ़ 48वें स्थान पर है. ग्रीनपीस ने यह रिपोर्ट नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि नासा के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है.

धुएं और गंदे पानी से बढ़ा प्रदूषण
रायगढ़ में कल कारखानों से निकलने वाले धुएं और गंदे पानी की वजह से प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से आए दिन लोग गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं. लोगों को दमा, एलर्जी, कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही है. जहरीली हवा से रोजाना 100 से ज्यादा लोग बीमारियों के गिरफ्त में आ रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ लगी रहती है. क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े सभी लोग गंभीर बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं.

जिम्मेदार नहीं सुन रहे परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बढ़ते उद्योग के कारण जंगलों की कटाई हो गई है, जिससे लोगों को स्वच्छ हवा नहीं मिल रहा है. वहीं समाजसेवी का कहना है कि इन सबके लिए उद्योग ही जिम्मेदार नहीं है. जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं. न तो कलेक्टर सुन रहा है न कोई जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे हैं, जिससे हालात और बुरे होते जा रहे हैं.

रायगढ़ और कोरबा के हालात जानलेवा
अगर समय रहते खतरनाक कल कारखानों और उद्योगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में रायगढ़ और कोरबा के हालात और जानलेवा हो सकते हैं. इसके अलावा पूरे राज्य की हवा जहरीली हो सकती है. ऐसे में सरकार को गंभीरता से इस मुद्दे पर सोचने और एक्शन लेने की जरूरत है. सरकार को लगातार हो रहे औद्योगीकरण को रोकने की जरूरत है.

रायगढ़: देश में छत्तीसगढ़ में प्रदूषण के आंकड़े बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. नासा की तरफ से किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. छत्तीसगढ़ की फिजाओं में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के दो शहरों कोरबा और रायगढ़ का सबसे बुरा हाल है. दुनिया के 50 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दोनों का नाम है.

प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे खतरनाक

प्रदूषण को लेकर सर्वे करने वाली संस्था ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें विश्व के टॉप 50 प्रदूषित शहरों में कोरबा 15वें और रायगढ़ 48वें स्थान पर है. ग्रीनपीस ने यह रिपोर्ट नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि नासा के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है.

धुएं और गंदे पानी से बढ़ा प्रदूषण
रायगढ़ में कल कारखानों से निकलने वाले धुएं और गंदे पानी की वजह से प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से आए दिन लोग गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं. लोगों को दमा, एलर्जी, कैंसर जैसी घातक बीमारियां हो रही है. जहरीली हवा से रोजाना 100 से ज्यादा लोग बीमारियों के गिरफ्त में आ रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ लगी रहती है. क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े सभी लोग गंभीर बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं.

जिम्मेदार नहीं सुन रहे परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि बढ़ते उद्योग के कारण जंगलों की कटाई हो गई है, जिससे लोगों को स्वच्छ हवा नहीं मिल रहा है. वहीं समाजसेवी का कहना है कि इन सबके लिए उद्योग ही जिम्मेदार नहीं है. जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं. न तो कलेक्टर सुन रहा है न कोई जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान दे रहे हैं, जिससे हालात और बुरे होते जा रहे हैं.

रायगढ़ और कोरबा के हालात जानलेवा
अगर समय रहते खतरनाक कल कारखानों और उद्योगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में रायगढ़ और कोरबा के हालात और जानलेवा हो सकते हैं. इसके अलावा पूरे राज्य की हवा जहरीली हो सकती है. ऐसे में सरकार को गंभीरता से इस मुद्दे पर सोचने और एक्शन लेने की जरूरत है. सरकार को लगातार हो रहे औद्योगीकरण को रोकने की जरूरत है.

Intro: रायगढ़ जिला उद्योग के साथ ही प्रदूषण के मामले में भी देश दुनिया में नाम बड़ा कर रहा है। सितंबर माह में नासा के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के आधार पर रायगढ़ शहर दुनिया के टॉप 15 प्रदूषित शहरों में शामिल है। इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि हर रोज 70 से 100 नए मरीज श्वास संबंधी समस्या लेकर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ पहुंच रहे हैं।

byte महिला (स्थानीय)
byte हरा चेक शर्ट (स्थानीय)
byte रमेश अग्रवाल, समाजसेवी (सफेद शर्ट)
byte डॉ गणेश पटेल, श्वास रोग विशेषज्ञ


Body:. रायगढ़ शहर की सड़कों पर धूल के गुब्बार और उद्योगों से निकलने वाले जहरीले गैस वातावरण को तेजी से प्रदूषित कर रहे हैं यह सभी सांस के द्वारा सीधे लोगों के भीतर जाकर को नुकसान पहुंचा रहा है। पर्यावरण और प्रशासनिक अधिकारी भी पूरे मामले से अवगत होकर किसी तरह का कोई विकल्प नहीं तलाश रहे हैं। यही वजह है कि आए दिन श्वसन संबंधी बीमारी जैसे दमा, सर्दी- बुखार, एलर्जी, कैंसर जैसी रोग सामने आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बढ़ते उद्योग के कारण जंगलों की कटाई हो गई है जिससे ताजी हवा मिलना दूर हो गया है। उद्योगों तक माल ले जाने सड़कों पर भारी गाड़ियों के चलने से सड़कें भी पूरी तरह से उखड़ गई हैं जिससे गाड़ियों के चलने से धूल के गुब्बार उठते हैं।

समाजसेवी और स्थानीय रमेश अग्रवाल का कहना है कि इन सबके लिए उद्योग ही जिम्मेदार नहीं है जनप्रतिनिधि भी विधानसभा तथा केंद्र में इस मुद्दे को नहीं उठा कर उसका मौन समर्थन कर रहे हैं। जिले में उद्योगों के मनमानी पर पर्यावरण अधिकारी तथा कलेक्टर भी कोई संज्ञान नहीं लेते हैं। धीरे-धीरे यहां स्थिति और भयानक हो जाएगी क्योंकि लगातार जिले में औद्योगिकरण बढ़ता जा रहा है। समय रहते अगर इसका सही विकल्प नहीं निकलते हैं तो जनजीवन प्रभावित होकर समाप्त हो जाएगा।


Conclusion:शहर में बढ़ते प्रदूषण और वातावरण के बदलने से स्वास की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है हम दिनों में 25 से 30 मरीज पहुंचते थे लेकिन कुछ दिनों से 70 से 100 मरीज रोजाना अपनी श्वसन संबंधी समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं जिनमें ज्यादातर दमा और कैंसर जैसी बीमारियां हैं। प्रदूषण के इस स्थिति में लोगों को स्वयं से भी बचाव करना चाहिए इसके लिए घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लगाकर रहें तथा खान-पान में विशेष ध्यान रखें। सामान्य खांसी को नजरअंदाज ना करके उसे डॉक्टर को दिखा कर इलाज कराना चाहिए।
Last Updated : Nov 6, 2019, 7:28 AM IST
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