रायगढ़: सारंगढ़ शहर और ग्रामीण इलाकों में अघोषित बिजली कटौती से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था चरमरा जाने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ते जा रहा है. एक ओर प्रशासन कोरोना वायरस की वजह से लोगों को 5 बजे के बाद लोगों को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा रही है, तो दूसरी ओर बिजली विभाग की लापरवाही का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोग घर पर गर्मी से परेशान हो रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक शहर में सुबह 8 बजे से विद्युत फॉल्ट की वजह से करीब शाम 6 बजे तक बिजली बंद रहती है. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी विद्युत की कटौती होती है तो विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तकनीकी फॉल्ट नाम दे देते हैं. साथ ही ग्रामीण इलाकों में बिजली आने के बाद भी परेशानी दूर नहीं होती है. गांव में लोगों को लो वोल्टेज के साथ पूरी रात गुजरानी पड़ती है.
50 बार से ज्यादा बिजली का आना-जाना
बिजली कटौती को लेकर आम नागरिक मंच के मयूरेश केशरवानी का कहना है कि 50 बार से ज्यादा बिजली का आना-जाना होता है. ये सब विभाग के लापरवाही का नतीजा है. उनकी वजह से हमें गर्मी में रहना पड़ रहा है. उनका कहना है कि अगर बिजली रहती भी है तो वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ता है. इसके अलावा बिजली के बंद होने से मोबाइल नेटर्वक भी प्रभावित हो रहा है.
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पावर बैकअप का कोई व्यवस्था नहीं
क्षेत्र के 75 फीसदी से ज्यादा मोबाइल टावरों में बिजली बंद होने पर जनरेटर, पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण से लाइट बंद होते ही यहां पर मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाता है.
बिल हाफ के बजाय बिजली ही हाफ
इधर, सारंगढ़ BSP के पूर्व विधायक कामदा जोल्हे का कहना है कि कांग्रेस ने सरकार बनते ही बिजली बिल हाफ करने की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बिजली बिल हाफ करने के बजाय बिजली ही हाफ हो गई है.
तार टूटने की वजह से लाइट बंद
इस संबंध में विद्युत विभाग का कहना है कि चौहान मोहल्ला में तार टूटकर गिरने के कारण से शहर की लाइट बंद है. रात 10 बजे के बाद विद्युत की व्यवस्था बदहाल हो पाई. हालांकि देर रात भी बिजली वोल्टेज की शिकायतें आ रही थी. 2 दिन पहले रात 2 बजे तक विद्युत की आपूर्ति बाधित रही.
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