मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने 2019 में माड़ा क्षेत्र में प्रत्येक राशन कार्ड धारक को दो किलो चना फ्री देने की योजना शुरू की थी. इस योजना ने वनांचल क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा भर दी थी. रोजगार के अभाव और सब्जी दाल जैसी फसलों की खेती के साधन न होने की वजह से यह योजना ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं थी. लेकिन इस योजना को बंद किए जाने के बाद लोगों की समस्याएं बड़ गई हैं.
चना वितरण में कटौती से बढ़ी समस्याएं : अक्टूबर 2024 से चना का वितरण बंद होने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एमसीबी जिले के वनांचल और शहरी क्षेत्रों में अब केवल चावल का वितरण हो रहा है. जबकि चना पूरी तरह से गायब है. इस कटौती ने ग्रामीणों को असमंजस और निराशा में डाल दिया है.
पिछले तीन महीने से हमारी सोसाइटी में चना नहीं मिला है. पहले चना से हम दाल बनाते थे, बेसन तैयार कर भजिया और अन्य व्यंजन बनाते थे. अब चना नहीं मिलने से हमें काफी परेशानी हो रही है. : जगजीवन सिंह, निवासी, ग्राम भरतपुर
वनांचल क्षेत्र में चना की कमी : प्रदेश के वनंचल क्षेत्र में चना के अभाव में ग्रामीणों को अपनी जरूरतें पूरी करने में दिक्कत हो रही है. वनांचल क्षेत्र में रोजगार की कमी के चलते लोग सरकारी राशन पर ही निर्भर हैं. चना की कटौती के बाद लोग दाल के बिना ही भोजन करने को मजबूर हैं. वहीं, जिला खाद्य अधिकारी से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होने सप्लाई नहीं आने की बात कह पल्ला झाल लिया.
अक्टूबर माह से चना की सप्लाई नहीं मिली है. जब तक हमें सप्लाई नहीं मिलेगी, वितरण संभव नहीं है. फिलहाल, चार महीने से राशन कार्ड धारकों को चना नहीं दिया गया है : जतिन देवांगन, जिला खाद्य अधिकारी, एमसीबी
लोगों की उम्मीदें और सरकार की चुप्पी : चना वितरण बंद होने से वनांचल क्षेत्र के लोग सरकार से आस लगाए बैठे हैं कि सरकार दोबारा चना वितरण शुरू करेगी. ग्रामीणों का कहना है कि यह योजना गरीबों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी. अब सरकार को जल्द से जल्द इस पर कदम उठाना चाहिए. दूसरी ओर सरकार की चुप्पी से ग्रामीणों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या चना वितरण योजना सिर्फ एक सपना बनकर रह जाएगी. अब देखना यह होगा कि सरकार वनांचल क्षेत्र के इन जरूरतमंदों के लिए चना वितरण कब शुरू करती है.