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पुसौर नगर पंचायत: मूलभूत सुविधाएं तो हैं, लेकिन उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाए अध्यक्ष

नगर पंचायत पुसौर को जनपद पंचायत से जुड़े होने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव तो नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि अपेक्षा में मुबातिक यहां उतना काम भी नहीं हुआ है. 2014 से 2019 के कार्यकाल में नगर पंचायत को प्रशासन के द्वारा विकास कार्य के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी.

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Published : Oct 15, 2019, 11:53 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:19 AM IST

pusour Nagar Panchayat

रायगढ़: पुसौर नगर पंचायत पहले पुसौर ब्लॉक का एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी. 2008 में परिसीमन के बाद पुसौर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. 15 वार्ड वाले इस नगर पंचायत में लगभग 1400 परिवार रहते हैं. इसमें कुल 4200 मतदाता हैं.

उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाये अध्यक्ष

नगर पंचायत में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है. नगर पंचायत में कसेर समाज का वर्चस्व रहा है और वर्तमान नगर पंचायत का अध्यक्ष किशोर कसेर भी इसी समाज से आते हैं. कसेर समाज के बाद यहां कोलता समाज का दबदबा है. पुसौर नगर पंचायत ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है.

नगर पंचायत पुसौर को जनपद पंचायत से जुड़े होने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव तो नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि अपेक्षा में मुबातिक यहां उतना काम भी नहीं हुआ है. 2014 से 2019 के कार्यकाल में नगर पंचायत को प्रशासन के द्वारा विकास कार्य के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. इससे शहर में बिजली खंभे, नाली, सीसी रोड निर्माण, नया बस स्टेशन, सामुदायिक भवन, सुलभ शौचालय के साथ वाटर एटीएम लगाये गये थे. जिससे लोगों को मूलभूत समस्याओं से छुटकारा तो मिल गया है, लेकिन गर्मी के दिनों में पीने के पानी की समस्या यहां विकराल हो जाती है.

रायगढ़: पुसौर नगर पंचायत पहले पुसौर ब्लॉक का एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी. 2008 में परिसीमन के बाद पुसौर को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया. 15 वार्ड वाले इस नगर पंचायत में लगभग 1400 परिवार रहते हैं. इसमें कुल 4200 मतदाता हैं.

उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाये अध्यक्ष

नगर पंचायत में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है. नगर पंचायत में कसेर समाज का वर्चस्व रहा है और वर्तमान नगर पंचायत का अध्यक्ष किशोर कसेर भी इसी समाज से आते हैं. कसेर समाज के बाद यहां कोलता समाज का दबदबा है. पुसौर नगर पंचायत ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है.

नगर पंचायत पुसौर को जनपद पंचायत से जुड़े होने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव तो नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि अपेक्षा में मुबातिक यहां उतना काम भी नहीं हुआ है. 2014 से 2019 के कार्यकाल में नगर पंचायत को प्रशासन के द्वारा विकास कार्य के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. इससे शहर में बिजली खंभे, नाली, सीसी रोड निर्माण, नया बस स्टेशन, सामुदायिक भवन, सुलभ शौचालय के साथ वाटर एटीएम लगाये गये थे. जिससे लोगों को मूलभूत समस्याओं से छुटकारा तो मिल गया है, लेकिन गर्मी के दिनों में पीने के पानी की समस्या यहां विकराल हो जाती है.

Intro: पुसौर नगर पंचायत पहले पुसौर ब्लॉक क एक ग्राम पंचायत हुआ करता था। 2008 में पुसौर नगर पंचायत अस्तित्व में आया। 15 वार्ड वाले इस नगर पंचायत में लगभग 14 सौ परिवार रहते हैं जिसमें 4200 मतदाता हैं। इस नगर पंचायत में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या समान है। नगर पंचायत में कसेर समाज का वर्चस्व है और वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष किशोर कसेर इसी समाज से हैं। कसेर समाज के बाद यहां कोलता समाज का दबदबा है। पुसौर नगर पंचायत ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित है।



Body:2014 में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस से किशोर कसेर ने चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय अरविंद प्रधान को 86 वोटों से हराकर जीत दर्ज कराए। किशोर नगर पंचायत के 15 नंबर वार्ड पार्षद है वही उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में m.a. किए है। यह नगर पंचायत, पुसौर जनपद पंचायत से जुड़े होने के कारण यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं है। 2014 से 2019 तक के कार्यकाल में नगर पंचायत को प्रशासन के द्वारा विकास कार्य के लिए लगभग 10 करोड रुपए की राशि स्वीकृत हुई जिसमें बिजली खंभे, नाली, सीसी रोड निर्माण, नया बस स्टेशन, सामुदायिक भवन, सुलभ शौचालय और वाटर एटीएम जैसे काम कराया गया।

पुसौर नगर पंचायत क्षेत्र में प्रतिभावान छात्रों की भरमार है कई बार प्रदेश स्तर पर यहां के बच्चों ने पुसौर का नाम दर्ज कराया है 2018-19 के दसवीं टॉपर निशा पटेल भी पुसौर के इसी नगर पंचायत में पढ़ाई की है। प्रतिभावान छात्र छात्राएं देने के बाद भी पुसौर नगर पंचायत क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिलता।


Conclusion:प्रमुख समस्याएं

1. नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले 30 विस्तार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर के अस्पताल बनाने की मांग।

2. महाविद्यालय की मांग.

3. पढ़े लिखे स्थानीय युवाओं को रोजगार की कमी।

4. पुसौर नगर पंचायत गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से जूझता है।
Last Updated : Oct 16, 2019, 1:19 AM IST
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