रायगढ़ : साल भर पहले जिले में करोड़ों रुपए की लागत से सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल की तर्ज पर मातृ-शिशु अस्पताल का बनवाया गया था, लेकिन अस्पताल ऐसी जगह बना है, जहां तक मरीजों का पहुंच पाना मुश्किल है, लिहाजा अस्पताल में पिछले एक साल में महज 13 सफल प्रसव हो सके हैं.
दरअसल, जिला चिकित्सा विभाग के अधीन सालभर पहले मातृ-शिशु अस्पताल की शुरुआत की गई, लेकिन 100 बिस्तर वाले अस्पताल में गिनती का स्टाफ है. वर्तमान में 25 से 30 कर्मचारी हैं, जबकि अस्पताल में 20 से 30 तो डॉक्टर ही होने चाहिए थे. वहीं 50 से 60 नर्स और उतनी ही आया और सफाईकर्मियों की जरूरत है, लेकिन चंद लोगों के भरोसे ही 100 बिस्तर का मातृ-शिशु अस्पताल चलाया जा रहा है.
वाहन की सुविधा नहीं
पूरे मामले में अस्पताल के प्रभारी डॉ का कहना है कि शहर से दूर होने के कारण लोग वहां तक नहीं जाते और आवागमन के लिए वाहन की सुविधा भी नहीं है, ऐसे में कुछ लोग अपने निजी वाहनों से अस्पताल तक पहुंचते हैं'.
अस्पताल को खुले हुए लगभग एक साल हो गया है, लेकिन इस बीच करोड़ों रुपए की लागत से बने इस अस्पताल में महज 13 सफल डिलीवरी की गई हैं, जबकि लगभग 550 महिलाओं की नसबंदी की गई है.