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रायगढ़: अपने ही गोद गांव में जिंदल ग्रुप ने नहीं किया कोई विकास, आज भी आस लगाए बैठे हैं ग्रामीण

रायगढ़ में जिंदल ग्रुप ने प्लांट तो लगा लिया, लेकिन यह मूलभूत सुविधा से कोसो दूर हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी ने शहर के विकास के नाम पर 35 साल पहले उद्योग लगाया गया था. लेकिन यहां कोई काम नहीं हुआ.

Jindal neglected his own adopted village
जिंदल
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Published : Jul 1, 2020, 4:14 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 5:12 PM IST

रायगढ़: जिले के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के कोसमपाली ग्राम पंचायत में जिंदल ग्रुप ने उद्योग लगाया है. इस उद्योग से आसपास के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ग्रुप ने कुछ गांवों को गोद भी लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने भी दिखाए थे.

अपने ही गोद गांव को उपेक्षित रखा है जिंदल

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने गांव को गोद लेने के साथ ही मूलभूत सुविधा के साथ इसे स्मार्ट गांव बनाने के सपने दिखाए थे. वहीं शहर की केलो नदी को गंदा कर छोड़ दिया. यही कारण है कि गांव में अनियमितता दिखाई दे रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 35 साल से न तो इस गांव में चलने के लिए सड़क है और न पीने के लिए पानी. यहां मौजूद प्राथमिक स्कूल की हालत में कोई सुधार नहीं आया है. स्वास्थ्य के नाम पर एक निजी अस्पताल तक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इलाज कराने के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर रायगढ़ या खरसिया जाना पड़ता है.

Jindal neglected his own adopted village
जिंदल प्लांट से लगी नदी

पढ़ें- आत्मदाह की कोशिश करने वाले हरदेव की पत्नी ने कहा- 'मानसिक बीमार नहीं बेरोजगारी और सिस्टम से पीड़ित हैं'


युवाओं को नहीं दी नौकरी

इसके अलावा कंपनी ने इतने साल में गांव में आंगनबाड़ी तक नहीं बनवाया है. जिन लोगों की जमीन गई है उन ग्रामीणों का कहना है कि जिंदल भू-अधिग्रहित लोगों के लिए कोई राहत नहीं दे रहा है. जिनकी जमीन ली गई है, उनके घर में नौकरी के लिए युवा बरसों से भटक रहे हैं. बेरोजगार युवकों को 3 साल की ट्रेनिंग दे देते हैं, जिसके बाद उन्हें नौकरी के लिए बेरोजगार घूमना पड़ता है. कंपनी के चक्कर लगाने के बाद भी किसी स्थानीय युवकों को रोजगार नहीं मिल पाता है.

Jindal neglected his own adopted village
जिंदल कंपनी

ग्रामीणों को दिखाए थे सपने

बता दें कि रायगढ़ प्रदेश का उद्योग सेंटर है, यहां पर कई साल से उद्योगों की चकाचौंध से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ने गांव को कुछ गांव को गोद लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने दिखाए थे. लेकिन अबतक यह सपना साकार नहीं हुआ है.

रायगढ़: जिले के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के कोसमपाली ग्राम पंचायत में जिंदल ग्रुप ने उद्योग लगाया है. इस उद्योग से आसपास के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ग्रुप ने कुछ गांवों को गोद भी लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने भी दिखाए थे.

अपने ही गोद गांव को उपेक्षित रखा है जिंदल

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने गांव को गोद लेने के साथ ही मूलभूत सुविधा के साथ इसे स्मार्ट गांव बनाने के सपने दिखाए थे. वहीं शहर की केलो नदी को गंदा कर छोड़ दिया. यही कारण है कि गांव में अनियमितता दिखाई दे रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 35 साल से न तो इस गांव में चलने के लिए सड़क है और न पीने के लिए पानी. यहां मौजूद प्राथमिक स्कूल की हालत में कोई सुधार नहीं आया है. स्वास्थ्य के नाम पर एक निजी अस्पताल तक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इलाज कराने के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर रायगढ़ या खरसिया जाना पड़ता है.

Jindal neglected his own adopted village
जिंदल प्लांट से लगी नदी

पढ़ें- आत्मदाह की कोशिश करने वाले हरदेव की पत्नी ने कहा- 'मानसिक बीमार नहीं बेरोजगारी और सिस्टम से पीड़ित हैं'


युवाओं को नहीं दी नौकरी

इसके अलावा कंपनी ने इतने साल में गांव में आंगनबाड़ी तक नहीं बनवाया है. जिन लोगों की जमीन गई है उन ग्रामीणों का कहना है कि जिंदल भू-अधिग्रहित लोगों के लिए कोई राहत नहीं दे रहा है. जिनकी जमीन ली गई है, उनके घर में नौकरी के लिए युवा बरसों से भटक रहे हैं. बेरोजगार युवकों को 3 साल की ट्रेनिंग दे देते हैं, जिसके बाद उन्हें नौकरी के लिए बेरोजगार घूमना पड़ता है. कंपनी के चक्कर लगाने के बाद भी किसी स्थानीय युवकों को रोजगार नहीं मिल पाता है.

Jindal neglected his own adopted village
जिंदल कंपनी

ग्रामीणों को दिखाए थे सपने

बता दें कि रायगढ़ प्रदेश का उद्योग सेंटर है, यहां पर कई साल से उद्योगों की चकाचौंध से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ने गांव को कुछ गांव को गोद लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने दिखाए थे. लेकिन अबतक यह सपना साकार नहीं हुआ है.

Last Updated : Jul 1, 2020, 5:12 PM IST
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