रायगढ़: जिले के कोतरा रोड थाना क्षेत्र के कोसमपाली ग्राम पंचायत में जिंदल ग्रुप ने उद्योग लगाया है. इस उद्योग से आसपास के कई गांव प्रभावित हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ग्रुप ने कुछ गांवों को गोद भी लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने भी दिखाए थे.
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी ने गांव को गोद लेने के साथ ही मूलभूत सुविधा के साथ इसे स्मार्ट गांव बनाने के सपने दिखाए थे. वहीं शहर की केलो नदी को गंदा कर छोड़ दिया. यही कारण है कि गांव में अनियमितता दिखाई दे रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 35 साल से न तो इस गांव में चलने के लिए सड़क है और न पीने के लिए पानी. यहां मौजूद प्राथमिक स्कूल की हालत में कोई सुधार नहीं आया है. स्वास्थ्य के नाम पर एक निजी अस्पताल तक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि इलाज कराने के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर रायगढ़ या खरसिया जाना पड़ता है.
युवाओं को नहीं दी नौकरी
इसके अलावा कंपनी ने इतने साल में गांव में आंगनबाड़ी तक नहीं बनवाया है. जिन लोगों की जमीन गई है उन ग्रामीणों का कहना है कि जिंदल भू-अधिग्रहित लोगों के लिए कोई राहत नहीं दे रहा है. जिनकी जमीन ली गई है, उनके घर में नौकरी के लिए युवा बरसों से भटक रहे हैं. बेरोजगार युवकों को 3 साल की ट्रेनिंग दे देते हैं, जिसके बाद उन्हें नौकरी के लिए बेरोजगार घूमना पड़ता है. कंपनी के चक्कर लगाने के बाद भी किसी स्थानीय युवकों को रोजगार नहीं मिल पाता है.
ग्रामीणों को दिखाए थे सपने
बता दें कि रायगढ़ प्रदेश का उद्योग सेंटर है, यहां पर कई साल से उद्योगों की चकाचौंध से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं. लिहाजा उद्योग लगाने से पहले जिंदल ने गांव को कुछ गांव को गोद लिया था और मूलभूत सुविधा के साथ स्मार्ट गांव बनाने की सपने दिखाए थे. लेकिन अबतक यह सपना साकार नहीं हुआ है.