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रायगढ़ पुलिस ने कोलकाता के ठगों को दबोचा,ठगी की रकम से करते थे विदेशी टूर - Raigarh SP Abhishek Meena

टावर लगाने के नाम से ऑनलाइन ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह online fraud in name of installation of tower के मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों को पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया raigarh police nabs thugs of kolkata है. मुख्य आरोपी ग्राफिक्स डिजाइनर है . इस वजह से फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाने में एक्सपर्ट है. पुलिस ने पूर्व में इस गिरोह के 22 सदस्यों को गिरफ्तार कर रायगढ़ लाया था. जिसमें 14 युवतियां और 8 युवक शामिल थे. इस ग्रुप में पति पत्नी भी शामिल हैं.जो फर्जी कॉल सेंटर चलाकर देश के कई राज्यों में ठगी का काम करते थे.देश के कई राज्यों में इस अंतरराज्यीय गिरोह ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस के चंगुल से ये गिरोह बच नहीं सका.Kolkata thugs in Chhattisgarh police custody

Kolkata thugs in Chhattisgarh police custody
छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में कोलकता के ठग
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Published : Jan 4, 2023, 6:59 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 9:13 PM IST

छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में कोलकता के ठग

रायगढ़ : जिले के पुसौर थाना क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर एक किसान से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया online fraud in name of installation of tower था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की Fraud in installation of mobile tower. सायबर सेल को जानकारी मिली कि कोलकाता में एक कॉल सेंटर से इस तरह ठगी का कारोबार हो रहा है. पुलिस की टीम ने कोलकाता में दबिश देकर इस गिरोह के संचालित फर्जी कॉल सेंटर से शुरुआत में 8 युवकों को गिरफ्तार किया था. वहीं एक सप्ताह बाद 14 युवतियां जो इस गिरोह के कॉल सेंटर में काम करती थी. उन्हें गिरफ्तार किया Kolkata thugs in Chhattisgarh police custody गया.

मुख्य आरोपी हो गए थे फरार : इस गिरोह को संचालित करने वाले मास्टर माइंड वरुण सिंह और उसकी पत्नी सलोनी सिंह पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही फरार चल रहे थे.इन दोनों के साथ गिरोह में अन्य काम देखने वाले तीन आरोपी भी अंडर ग्राउंड हो गए online fraud in name of installation of tower थे.लेकिन पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद से ही मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा था. इस दौरान मुख्य आरोपी की बेटी पर पुलिस ने नजर बनाए रखी थी. उन्हें पता था कि आरोपी वृंदावन मंदिर में अक्सर आते जाते हैं.

आरोपियों के वृंदावन मंदिर जाने की जानकारी सीएसपी को थी. जिसे लेकर सीएसपी रायगढ़ के साथ पुलिस टीम उस क्षेत्र के हर एक सत्संग भवन, धर्मशाला और मंदिरों को जाकर चेक किया. इस दौरान एक मंदिर का कपाट बंद दिखा. पुलिस को संदेह हुआ और पूरी टीम ने गोपनीयता बरतते हुए मंदिर के पुजारी को अपने विश्वास में लेकर पूछताछ की. जिसमें उसने आरोपियों के परिसर के एक कमरे में छिपे होने की जानकारी पुलिस को दी.बाद में पुलिस ने आरोपियों को कमरे से धर दबोचा.

इसके बाद पुलिस ने वरुण सिंह अपने परिवारजनों के साथ कॉल सेंटर में काम करने वाली युवती आसीमा रॉय को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की जानकारी दी. जिसकी गिरफ्तारी कोलकता से की गई.इन दोनों के साथ पुलिस ने वरुण के भाई रजनीश और उसकी पत्नी मधु सहित एक अन्य सहयोगी असीमा रॉय को गिरफ्तार किया है. आरोपी वरुण सिंह अपने नाम के बैंक खातों में रूपये नहीं रखता था. उसने कॉल सेंटर में काम करने वाली आसीमा राय के नाम से बैंक खाता खुलवा कर ठगी के रकम उस खाते में प्राप्त करता था और बड़ी चालाकी से रुपए निकाल लेता था.आरोपिया आसीमा रॉय भी इस खाते का प्रयोग कर रुपए निकाला करती थी.

दूसरे राज्यों में भी दर्ज है मामले : रायगढ़ एसपी अभिषेक मीना (Raigarh SP Abhishek Meena) ने बताया कि '' मुख्य सरगना वरुण सिंह पूर्व में एक फर्जी कंपनी में ही ग्राफिक्स डिजाइनर का काम करता था. उसके बाद उसने खुद का काम शुरू किया. इस दौरान कोलकाता में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करते हुए ऑनलाइन ठगी के कारोबार में करोड़ों रुपए इस गिरोह ने कमाए हैं . छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश में भी इस गिरोह खिलाफ ठगी के कई मामले दर्ज हैं. सभी की पतासाजी कर उन मामलों में भी आरोपियों की गिरफ्तारी कराई जाएगी. आरोपियों के पास से मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया गया है. वही इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह को खत्म कर दिया गया है.कोर्ट ने 9 तारीख तक सभी आरोपियों को रिमांड पर पूछताछ के लिए जेल भेजा raigarh police nabs thugs of kolkata है.

ये भी पढ़ें- रायगढ़ से जुड़े बिलासपुर त्रिपाठी हत्याकांड के तार

पैसे कहां खर्च किए : आरोपियों ने ठगी से प्राप्त रकम से दमदम सुभाष नगर कोलकाता में फ्लैट लेने, पिता के नाम पर गांव में 7 बीघा जमीन 7 लाख रूपये में लेने और 8 लाख रूपये में हनुमान मंदिर बनाये जाने समेत अपने स्टाफ को दार्जलिंग और थाईलैंड टूर कराने में करीब 10 लाख खर्च करने की जानकारी दी है.

छत्तीसगढ़ पुलिस की गिरफ्त में कोलकता के ठग

रायगढ़ : जिले के पुसौर थाना क्षेत्र में टावर लगाने के नाम पर एक किसान से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया online fraud in name of installation of tower था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की Fraud in installation of mobile tower. सायबर सेल को जानकारी मिली कि कोलकाता में एक कॉल सेंटर से इस तरह ठगी का कारोबार हो रहा है. पुलिस की टीम ने कोलकाता में दबिश देकर इस गिरोह के संचालित फर्जी कॉल सेंटर से शुरुआत में 8 युवकों को गिरफ्तार किया था. वहीं एक सप्ताह बाद 14 युवतियां जो इस गिरोह के कॉल सेंटर में काम करती थी. उन्हें गिरफ्तार किया Kolkata thugs in Chhattisgarh police custody गया.

मुख्य आरोपी हो गए थे फरार : इस गिरोह को संचालित करने वाले मास्टर माइंड वरुण सिंह और उसकी पत्नी सलोनी सिंह पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही फरार चल रहे थे.इन दोनों के साथ गिरोह में अन्य काम देखने वाले तीन आरोपी भी अंडर ग्राउंड हो गए online fraud in name of installation of tower थे.लेकिन पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद से ही मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा था. इस दौरान मुख्य आरोपी की बेटी पर पुलिस ने नजर बनाए रखी थी. उन्हें पता था कि आरोपी वृंदावन मंदिर में अक्सर आते जाते हैं.

आरोपियों के वृंदावन मंदिर जाने की जानकारी सीएसपी को थी. जिसे लेकर सीएसपी रायगढ़ के साथ पुलिस टीम उस क्षेत्र के हर एक सत्संग भवन, धर्मशाला और मंदिरों को जाकर चेक किया. इस दौरान एक मंदिर का कपाट बंद दिखा. पुलिस को संदेह हुआ और पूरी टीम ने गोपनीयता बरतते हुए मंदिर के पुजारी को अपने विश्वास में लेकर पूछताछ की. जिसमें उसने आरोपियों के परिसर के एक कमरे में छिपे होने की जानकारी पुलिस को दी.बाद में पुलिस ने आरोपियों को कमरे से धर दबोचा.

इसके बाद पुलिस ने वरुण सिंह अपने परिवारजनों के साथ कॉल सेंटर में काम करने वाली युवती आसीमा रॉय को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की जानकारी दी. जिसकी गिरफ्तारी कोलकता से की गई.इन दोनों के साथ पुलिस ने वरुण के भाई रजनीश और उसकी पत्नी मधु सहित एक अन्य सहयोगी असीमा रॉय को गिरफ्तार किया है. आरोपी वरुण सिंह अपने नाम के बैंक खातों में रूपये नहीं रखता था. उसने कॉल सेंटर में काम करने वाली आसीमा राय के नाम से बैंक खाता खुलवा कर ठगी के रकम उस खाते में प्राप्त करता था और बड़ी चालाकी से रुपए निकाल लेता था.आरोपिया आसीमा रॉय भी इस खाते का प्रयोग कर रुपए निकाला करती थी.

दूसरे राज्यों में भी दर्ज है मामले : रायगढ़ एसपी अभिषेक मीना (Raigarh SP Abhishek Meena) ने बताया कि '' मुख्य सरगना वरुण सिंह पूर्व में एक फर्जी कंपनी में ही ग्राफिक्स डिजाइनर का काम करता था. उसके बाद उसने खुद का काम शुरू किया. इस दौरान कोलकाता में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करते हुए ऑनलाइन ठगी के कारोबार में करोड़ों रुपए इस गिरोह ने कमाए हैं . छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश में भी इस गिरोह खिलाफ ठगी के कई मामले दर्ज हैं. सभी की पतासाजी कर उन मामलों में भी आरोपियों की गिरफ्तारी कराई जाएगी. आरोपियों के पास से मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया गया है. वही इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे गिरोह को खत्म कर दिया गया है.कोर्ट ने 9 तारीख तक सभी आरोपियों को रिमांड पर पूछताछ के लिए जेल भेजा raigarh police nabs thugs of kolkata है.

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पैसे कहां खर्च किए : आरोपियों ने ठगी से प्राप्त रकम से दमदम सुभाष नगर कोलकाता में फ्लैट लेने, पिता के नाम पर गांव में 7 बीघा जमीन 7 लाख रूपये में लेने और 8 लाख रूपये में हनुमान मंदिर बनाये जाने समेत अपने स्टाफ को दार्जलिंग और थाईलैंड टूर कराने में करीब 10 लाख खर्च करने की जानकारी दी है.

Last Updated : Jan 4, 2023, 9:13 PM IST
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