रायगढ़: सहारा समूह ने लाखों लोगों को बेसहारा किया है. वैसे तो सहारा समूह परिवार के रायगढ़ ब्रांच मैनेजर अमृतलाल श्रीवास ने जमाकर्ताओं के सौ फीसद ब्याज के साथ रकम वापस किये जाने की बात कही है. लेकिन रायगढ़ के जमाकर्ताओं की हिम्मत अब टूटने लगी है. कुछ जमाकर्ताओं के तो 2 साल पहले 2020 में राशि मैच्योर हो गई. इसके बावजूद अब तक इन्हें इनके जमा पैसे नहीं मिले हैं.
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धरने पर बैठे सहारा के जमाकर्ता
आज रायगढ़ के सहारा कार्यालय के सामने सभी जमाकर्ता पंडाल लगाकर धरने पर बैठ गए हैं. इनका कहना है कि, पिछले दो-तीन वर्षों से सहारा के अधिकारी इनकी जमा पूंजी को देने में आनाकानी कर रहे हैं. जबकि पूर्व में कलेक्टर एसपी से हमने गुहार लगाई थी तो सहारा के ब्रांच मैनेजर ने एसडीम रायगढ़ को लिखित में देकर कहा था कि, सितंबर-मार्च 2022 में इन्हें उनकी जमापूंजी के साथ ब्याज दे दी जाएगी. आज मार्च 2022 हो जाने के बाद भी हमें हमारी जमापूंजी नहीं मिल पाई है. हम लोग परेशान हैं.
कई बार कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं निवेशक
रायगढ़ के बैकुंठपुर निवासी रवि शंकर दुबे ने कहा कि, मेरे पूरे परिवार के नाम से लगभग 20 लाख रुपये जमा है. 2 साल पहले ही मैच्योर डेट हो जाने के बावजूद आज दिनांक तक हमें हमारी जमा पूंजी नहीं मिल पाई है. पिछले 2 वर्षों में हमने रायगढ़ के एसपी, कलेक्टर, एसडीएम और सहारा कार्यालय के सैकड़ों चक्कर लगाए हैं. हमारी जमा पूंजी फिर भी अब तक नहीं मिल पाई है. अब हमें नहीं सूझ रहा है कि आगे क्या करना है.
सहारा के जमाकर्ता को मिला एक बार फिर आश्वासन
सहारा इंडिया परिवार के ब्रांच मैनेजर अमृतलाल श्रीवास ने कहा कि, कार्यालय के नीचे कुछ जमाकर्ता, सहारा के भुगतान के संबंध में बैठे हैं. हमारा सहारा परिवार पिछले 45 सालों से सेवा प्रदान कर रहा है. विगत 9 वर्षों से सहारा प्रकरण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में मामला लंबित है. इस कारण पूरे देश में सहारा जमाकर्ता का पेमेंट में थोड़ा विलंब हो रहा है. कुछ लोगों की जमा पूंजी भुगतान में 6,8 माह या कुछ का अधिक समय लग रहा है.