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बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बाद , अन्नदाता हो रहे परेशान - raigarh latest news

प्रदेश में हुए बेमौसम बारिश के कारण सैकड़ों किसानों के हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गए हैं. वहीं किसानों ने प्रशासन से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई हैं.

बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बाद
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Published : Oct 28, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 4:36 PM IST

रायगढ़: प्रदेश में हुए बेमौसम बारिश का असर अब जिले में भी देखने को मिल रहा है. बारिश की वजह से जिले भर के सैकड़ों किसानों के हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गए हैं. जिनमें कुछ ऐसे छोटे किसान है जो अपना परिवार चलाने के लिए खेती करते हैं. ऐसे में फसल के बर्बाद हो जाने से किसान भूखे मरने को मजबूर हैं. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई हैं.

बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बाद

बता दें कि नवंबर की पहली तारीख से ही धान खरीदी शुरू होने वाली है ऐसे में बर्बाद हुए फसलों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बेमौसम बारिश से किसानों की हजारों एकड़ खाड़ी फसल बर्बाद हो गयी है. इस साल धान खरीदी के लिए 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है तो वहीं तीन हजार 22 किसानों का पंजीयन नया हुआ है. इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है.

हजारों एकड़ फसल बर्बाद
किसान अपनी क्षमता अनुसार छोटी-बड़ी कई किस्म के धान खेतों में उगाते हैं. छोटी नस्ल की धान दीपावली के समय खेतों में पूरी तरह से पक कर तैयार होते हैं जबकि बड़े धान इस समय तैयार नहीं हुए रहते हैं ऐसे में बेमौसम बारिश ने छोटे धानों को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है.

पढ़े:HAPPY DIWALI: 7 महीने बाद घर आया खोया बेटा

किसानों ने लगाई सरकार से गुहार
किसानों ने अपना दुख बयां करते हुए कहा कि हम छोटे किसान हैं और अपने परिवार की आजीविका इसी से चलती है इस बार फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है इसलिए हमारे परिवार पर संकट मंडराने लगा है. अब शासन से ही उम्मीद है कि वे छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों के लिए सहयोग दें.

रायगढ़: प्रदेश में हुए बेमौसम बारिश का असर अब जिले में भी देखने को मिल रहा है. बारिश की वजह से जिले भर के सैकड़ों किसानों के हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गए हैं. जिनमें कुछ ऐसे छोटे किसान है जो अपना परिवार चलाने के लिए खेती करते हैं. ऐसे में फसल के बर्बाद हो जाने से किसान भूखे मरने को मजबूर हैं. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई हैं.

बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बाद

बता दें कि नवंबर की पहली तारीख से ही धान खरीदी शुरू होने वाली है ऐसे में बर्बाद हुए फसलों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बेमौसम बारिश से किसानों की हजारों एकड़ खाड़ी फसल बर्बाद हो गयी है. इस साल धान खरीदी के लिए 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है तो वहीं तीन हजार 22 किसानों का पंजीयन नया हुआ है. इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है.

हजारों एकड़ फसल बर्बाद
किसान अपनी क्षमता अनुसार छोटी-बड़ी कई किस्म के धान खेतों में उगाते हैं. छोटी नस्ल की धान दीपावली के समय खेतों में पूरी तरह से पक कर तैयार होते हैं जबकि बड़े धान इस समय तैयार नहीं हुए रहते हैं ऐसे में बेमौसम बारिश ने छोटे धानों को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है.

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किसानों ने लगाई सरकार से गुहार
किसानों ने अपना दुख बयां करते हुए कहा कि हम छोटे किसान हैं और अपने परिवार की आजीविका इसी से चलती है इस बार फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है इसलिए हमारे परिवार पर संकट मंडराने लगा है. अब शासन से ही उम्मीद है कि वे छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों के लिए सहयोग दें.

Intro:प्रदेश में हुए बेमौसम बारिश का असर जिले में भी देखने को मिल रहा है। जिले भर के सैकड़ों किसानों के हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गए हैं। कुछ ऐसे छोटे किसान है जो अपनी परिवार चलाने के लिए खेती करते हैं ऐसे किसान भूखे मरने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि अब तो बस सरकार से उम्मीद है कि गरीब किसानों की मदद के लिए शासन आगे आए।

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Body: बता दे नवंबर की पहली तारीख से ही धान खरीदी शुरू होने वाली है ऐसे में बर्बाद हुए फसलों का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बेमौसम बारिश से किसानों की हजारों एकड़ खाड़ी फसल बर्बाद हो गयी है। इस साल धान खरीदी के लिए 81 हजार 673 पुराने किसानों का पंजीयन रिन्यू कराया गया है तो वहीं तीन हजार 22 किसानों का पंजीयन नया हुआ है। इन किसानों के नाम से करीब 1 लाख 82 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन किया गया है।

किसान अपनी क्षमता अनुसार छोटी-बड़ी कई किस्म के धान खेतों में उगाते हैं। छोटी नस्ल की धान दीपावली के समय खेतों में पूरी तरह से पक कर तैयार होते हैं जबकि बड़े धान इस समय तैयार नहीं हुए रहते हैं ऐसे में भी मौसम बारिश ने छोटे धानों को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है।


Conclusion:किसानों ने अपना दुख बयां करते हुए कहा कि हम छोटे किसान हैं और अपने परिवार की आजीविका इसी से चलती है इस बार फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है इसलिए हमारे परिवार पर संकट मंडराने लगा है। अब शासन से ही उम्मीद है कि वे छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों के लिए सहयोग दें।
Last Updated : Oct 28, 2019, 4:36 PM IST
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