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SPECIAL: सबकी झोली भरने वाली मां चंद्रहासिनी के दर पर दुकान लगाने वालों के हाथ खाली - corona crisis

रायगढ़ और जांजगीर-चांपा के बीच बसे चंद्रपुर में स्थित मां चंद्रहासिनी के मंदिर में कभी रोजाना हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर मंदिर पहुंचते थे. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मां का दरबार सूना पड़ा है. मंदिर के आस-पास 100-200 दुकानें हैं. दुकानदारों का गुजारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं से होता था, लेकिन कोरोना काल ने उनकी आर्थिक स्थिति पर भी ग्रहण लगा दिया.

corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
मां चंद्रहासिनी मंदिर
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Published : Jul 21, 2020, 7:22 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 10:13 PM IST

रायगढ़: कोरोना संकट का काला साया जहां पूरी दुनिया पर पड़ा है, तो वहीं धार्मिक स्थल भी इससे अछूते नहीं रहे. कोरोना काल ने मंदिरों के रीति-रिवाजों और नियमों में भी बदलाव ला दिए. शासन-प्रशासन ने मंदिरों के पट तो खोल दिए, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना का खौफ अब भी बरकरार है. रायगढ़ और जांजगीर-चांपा के बीच बसे चंद्रपुर में स्थित मां चंद्रहासिनी के मंदिर में कभी रोजाना हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर मंदिर पहुंचते थे. लेकिन मां का दरबार सूना पड़ा है और खाली पड़ी है यहां दुकान लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोगों की जेब.

कोरोना और लॉकडाउन का मंदिरों पर असर

इस मंदिर में सिर्फ छत्तीसगढ़ से ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग दर्शन को आते हैं. मां चंद्रहासिनी को संतानदायिनी के नाम से भी जाना जाता है. दूर-दूर से लोग अपनी सूनी गोद लेकर मां के पास अपनी अर्जी लगाने जाते हैं, लेकिन कोरोना काल ने लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगा दी.

corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
मां चंद्रहासिनी
corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
पूजा सामग्री की दुकान

मंदिर परिसर के पास लगने वाली दुकानें प्रभावित

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल करीब तीन महीने तक बंद रहे. इस बंद ने कई लोगों का रोजगार छीन लिया, तो वहीं कई लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी तरस गए. चंद्रहासिनी मंदिर परिसर के आस-पास करीब 100 से 200 दुकानें लगती थीं, जो अब वापस खुल तो गई हैं. लेकिन मंदिरों में लोगों के नहीं पहुंचने से बिक्री नहीं हो रही है. पहले ही लॉकडाउन की वजह से उनकी कमाई पर विराम लग गया था. अब जैसे-तैसे सब अनलॉक हुआ फिर भी उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया.

corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
प्रसाद की दुकान

दुकानदारों की कमाई ठप

मंदिर के पास कई दुकाने हैं. जिसमें खिलौने, पूजा साम्रगी, प्रसाद, कपड़े, जड़ी-बूटी सहित कई फैंसी दुकान शामिल हैं. इन सैकड़ों दुकानदारों के पीछे उनका परिवार भी है, जिनके भरण-पोषण के लिए वे दुकान की कमाई पर ही निर्भर हैं. लेकिन संक्रमण काल के इस दौर में वे भी मजबूर हैं कि आखिर किससे मदद मांगे. कई दुकानदारों ने बताया कि शासन-प्रशासन से उनको कोई मदद नहीं मिली है. अनलॉक होने के बाद भी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले आधी से भी आधी है.

कोरोना ने छीनी फोटोग्राफर्स की मुस्कान

मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर्स भी मिले, जिन्होंने बताया कि पहले तो रोजाना 300-400 रुपये मिल जाया करते थे. लेकिन अब 20 रुपए मिल जाए तो बड़ी बात है. मंदिर में लोग नहीं आ रहे हैं, जिससे उनकी कमाई नहीं हो पा रही है. फोटोग्राफर्स ने दुख जाहिर करते हुए बताया कि घर के हालात भी बिगड़ते जा रहे हैं और अब जीवनयापन करने में मुश्किल हो रही है.

मंदिर में किया जा रहा है नियमों का पालन

मंदिर के पुजारी ने बताया कि परिसर में शासन-प्रशासन के जारी गाइडलाइन के मुताबिक सारी सावधानियां बरती जा रही हैं. लोगों को मास्क के बिना मंदिर के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. मंदिर गेट के बाहर एक सिक्योरिटी गार्ड है, जो अंदर आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करता है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना से वापस लौट रही भारतीय संस्कृति, अब भगवान से भी भक्त बना रहे सोशल डिस्टेंसिंग

कोरोना संकट का ये दौर कब तक ठीक होगा और जन जीवन कब तक सामान्य हो पाएगा इस बारे में तो शायद कोई न बता पाए. लेकिन वर्तमान स्थिति लोगों के लिए दुखदायक है. छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति ठीक होने में कितना वक्त लगेगा ये उन्हें भी नहीं पता. सभी ने अपनी परेशानी अब भगवान भरोसे छोड़ दी है.

रायगढ़: कोरोना संकट का काला साया जहां पूरी दुनिया पर पड़ा है, तो वहीं धार्मिक स्थल भी इससे अछूते नहीं रहे. कोरोना काल ने मंदिरों के रीति-रिवाजों और नियमों में भी बदलाव ला दिए. शासन-प्रशासन ने मंदिरों के पट तो खोल दिए, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं में कोरोना का खौफ अब भी बरकरार है. रायगढ़ और जांजगीर-चांपा के बीच बसे चंद्रपुर में स्थित मां चंद्रहासिनी के मंदिर में कभी रोजाना हजारों श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर मंदिर पहुंचते थे. लेकिन मां का दरबार सूना पड़ा है और खाली पड़ी है यहां दुकान लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोगों की जेब.

कोरोना और लॉकडाउन का मंदिरों पर असर

इस मंदिर में सिर्फ छत्तीसगढ़ से ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग दर्शन को आते हैं. मां चंद्रहासिनी को संतानदायिनी के नाम से भी जाना जाता है. दूर-दूर से लोग अपनी सूनी गोद लेकर मां के पास अपनी अर्जी लगाने जाते हैं, लेकिन कोरोना काल ने लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदी लगा दी.

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मां चंद्रहासिनी
corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
पूजा सामग्री की दुकान

मंदिर परिसर के पास लगने वाली दुकानें प्रभावित

कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में सभी धार्मिक स्थल करीब तीन महीने तक बंद रहे. इस बंद ने कई लोगों का रोजगार छीन लिया, तो वहीं कई लोग दो वक्त की रोटी के लिए भी तरस गए. चंद्रहासिनी मंदिर परिसर के आस-पास करीब 100 से 200 दुकानें लगती थीं, जो अब वापस खुल तो गई हैं. लेकिन मंदिरों में लोगों के नहीं पहुंचने से बिक्री नहीं हो रही है. पहले ही लॉकडाउन की वजह से उनकी कमाई पर विराम लग गया था. अब जैसे-तैसे सब अनलॉक हुआ फिर भी उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया.

corona pandemic in chandrahasini temple raigarh
प्रसाद की दुकान

दुकानदारों की कमाई ठप

मंदिर के पास कई दुकाने हैं. जिसमें खिलौने, पूजा साम्रगी, प्रसाद, कपड़े, जड़ी-बूटी सहित कई फैंसी दुकान शामिल हैं. इन सैकड़ों दुकानदारों के पीछे उनका परिवार भी है, जिनके भरण-पोषण के लिए वे दुकान की कमाई पर ही निर्भर हैं. लेकिन संक्रमण काल के इस दौर में वे भी मजबूर हैं कि आखिर किससे मदद मांगे. कई दुकानदारों ने बताया कि शासन-प्रशासन से उनको कोई मदद नहीं मिली है. अनलॉक होने के बाद भी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले आधी से भी आधी है.

कोरोना ने छीनी फोटोग्राफर्स की मुस्कान

मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर्स भी मिले, जिन्होंने बताया कि पहले तो रोजाना 300-400 रुपये मिल जाया करते थे. लेकिन अब 20 रुपए मिल जाए तो बड़ी बात है. मंदिर में लोग नहीं आ रहे हैं, जिससे उनकी कमाई नहीं हो पा रही है. फोटोग्राफर्स ने दुख जाहिर करते हुए बताया कि घर के हालात भी बिगड़ते जा रहे हैं और अब जीवनयापन करने में मुश्किल हो रही है.

मंदिर में किया जा रहा है नियमों का पालन

मंदिर के पुजारी ने बताया कि परिसर में शासन-प्रशासन के जारी गाइडलाइन के मुताबिक सारी सावधानियां बरती जा रही हैं. लोगों को मास्क के बिना मंदिर के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. मंदिर गेट के बाहर एक सिक्योरिटी गार्ड है, जो अंदर आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करता है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना से वापस लौट रही भारतीय संस्कृति, अब भगवान से भी भक्त बना रहे सोशल डिस्टेंसिंग

कोरोना संकट का ये दौर कब तक ठीक होगा और जन जीवन कब तक सामान्य हो पाएगा इस बारे में तो शायद कोई न बता पाए. लेकिन वर्तमान स्थिति लोगों के लिए दुखदायक है. छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति ठीक होने में कितना वक्त लगेगा ये उन्हें भी नहीं पता. सभी ने अपनी परेशानी अब भगवान भरोसे छोड़ दी है.

Last Updated : Jul 21, 2020, 10:13 PM IST
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