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रायगढ़: वनवासियों को बचाने जंगल में हाथियों के लिए बना रहे 'कृत्रिम संसार'

रायगढ़ और धरमजयगढ़ में वन्यजीवों को जंगल के भीतर सुरक्षित रखने के लिए खाना-पीना और उनके आराम करने की व्यवस्था कृत्रिम रूप से की जा रही है. गर्मी में पानी की व्यवस्था के लिए स्टॉप डैम बनाए गए हैं.

जंगल
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Published : Jul 4, 2019, 5:30 PM IST

रायगढ़: जिले के रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों के बढ़ते आतंक से वन परिक्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान हो रहे हैं. इससे लोगों को राहत दिलाने के लिए वन अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं. एलीफेंट प्रोजेक्ट के तहत सरकार अभी कई योजनाएं चला रही है. शासन की योजनाओं का असर धरमजयगढ़ वन मंडल में नहीं दिख रहा है, लेकिन रायगढ़ वन मंडल में इससे लोगों को काफी लाभ मिला है.

वनवासियों को बचाने जंगल में हाथियों के लिए बना रहे 'कृत्रिम संसार'

योजना के अनुसार वन्यजीवों को जंगल के भीतर सुरक्षित रखने के लिए खाना-पीना और उनके आराम करने की व्यवस्था कृत्रिम रूप से की जा रही है. गर्मी में पानी की व्यवस्था के लिए स्टॉप डेम बनाए गए हैं, जबकि मानव द्वंद से बचाने के लिए मानव प्रतिबंधित क्षेत्र बनाए गए हैं. जिले के धर्मजयगढ़ वन मंडल में 21 हाथियों का समूह विचरण करता है. जबकि रायगढ़ वन मंडल में कम हाथी है.

ऐसे में धरमजयगढ़ वन मंडल में आए दिन हाथियों द्वारा उत्पात मचाने की खबर आती रहती है. फिलहाल 2019 में रायगढ़ वन मंडल से किसी के भी हाथी से जान नहीं गई है, जबकि धर्मजयगढ़ वन मंडल से प्रत्येक माह आधा दर्जन लोगों की मौत हाथियों के कुचलने से होती है.

खाने-पीने की व्यवस्था
रायगढ़ वन मंडल के अधिकारी मनोज पांडे का कहना है कि, हाथियों को उनके यथा स्थान पर ही खाने-पीने की व्यवस्था करने से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते है. जंगली जानवर डरकर ही अपनी सुरक्षा के लिए ही दूसरों पर हमला करते हैं. लोगों द्वारा हाथों के घर यानी कि जंगल में कब्जा किया जा रहा है.

धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में हैं 21 हाथी
धर्मजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी का कहना है कि धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 21 हाथी हैं, जिनमें से एक हाथी लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, उस हाथी को ट्रैकर लगाकर ट्रैक किया जाता है. साल 2019 में हाथियों के मरने की घटना नहीं हुई है. हाथियों से कुछ लोगों की जान गई है, जिन को मुआवजा दिया जाता है. जल्द ही हाथियों को काबू में करने के लिए विशेष प्रकार की टीम गठित की जा रही है. इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई है.

रायगढ़: जिले के रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों के बढ़ते आतंक से वन परिक्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान हो रहे हैं. इससे लोगों को राहत दिलाने के लिए वन अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं. एलीफेंट प्रोजेक्ट के तहत सरकार अभी कई योजनाएं चला रही है. शासन की योजनाओं का असर धरमजयगढ़ वन मंडल में नहीं दिख रहा है, लेकिन रायगढ़ वन मंडल में इससे लोगों को काफी लाभ मिला है.

वनवासियों को बचाने जंगल में हाथियों के लिए बना रहे 'कृत्रिम संसार'

योजना के अनुसार वन्यजीवों को जंगल के भीतर सुरक्षित रखने के लिए खाना-पीना और उनके आराम करने की व्यवस्था कृत्रिम रूप से की जा रही है. गर्मी में पानी की व्यवस्था के लिए स्टॉप डेम बनाए गए हैं, जबकि मानव द्वंद से बचाने के लिए मानव प्रतिबंधित क्षेत्र बनाए गए हैं. जिले के धर्मजयगढ़ वन मंडल में 21 हाथियों का समूह विचरण करता है. जबकि रायगढ़ वन मंडल में कम हाथी है.

ऐसे में धरमजयगढ़ वन मंडल में आए दिन हाथियों द्वारा उत्पात मचाने की खबर आती रहती है. फिलहाल 2019 में रायगढ़ वन मंडल से किसी के भी हाथी से जान नहीं गई है, जबकि धर्मजयगढ़ वन मंडल से प्रत्येक माह आधा दर्जन लोगों की मौत हाथियों के कुचलने से होती है.

खाने-पीने की व्यवस्था
रायगढ़ वन मंडल के अधिकारी मनोज पांडे का कहना है कि, हाथियों को उनके यथा स्थान पर ही खाने-पीने की व्यवस्था करने से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते है. जंगली जानवर डरकर ही अपनी सुरक्षा के लिए ही दूसरों पर हमला करते हैं. लोगों द्वारा हाथों के घर यानी कि जंगल में कब्जा किया जा रहा है.

धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में हैं 21 हाथी
धर्मजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी का कहना है कि धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 21 हाथी हैं, जिनमें से एक हाथी लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, उस हाथी को ट्रैकर लगाकर ट्रैक किया जाता है. साल 2019 में हाथियों के मरने की घटना नहीं हुई है. हाथियों से कुछ लोगों की जान गई है, जिन को मुआवजा दिया जाता है. जल्द ही हाथियों को काबू में करने के लिए विशेष प्रकार की टीम गठित की जा रही है. इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई है.

Intro: रायगढ़ जिले के रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों के बढ़ते आतंक से वन परिक्षेत्र के ग्रामीण काफी परेसान हो रहे हैं इसका कारण है हाथियों का बढ़ता उत्पात और ग्रामीण तथा हाथियों में द्वंद। इससे लोगों को राहत दिलाने के लिए वन अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं तथा शासन अभी कई योजनाएं चला रही है। शासन की योजनाओं का असर धरमजयगढ़ वन मंडल में ज्यादा दिखता नहीं लेकिन रायगढ़ वन मंडल में इससे लोगों को काफी लाभ मिला है। खबर से संबंधित विजुअल रिपोर्टर ऐप से एलीफेंट प्रोजेक्ट नाम से भेजा हूं कृपया देख लीजिए। byte 01 मनोज पांडे डीएफओ रायगढ़ वनमण्डल(सफेद सर्ट) byte 02 प्रणव मिश्रा डीएफओ धर्मजयगढ़ वनमण्डल


Body:. शासन की योजना के अनुसार वन्यजीवों को जंगल के भीतर ही सुरक्षित रखने के लिए खाना-पीना और उनके आराम करने की व्यवस्था कृत्रिम रूप से की जा रही है जिसमें गर्मी के दिनों में पानी के व्यवस्था के लिए स्टॉप डेम बनाया गए हैं जबकि मानव द्वंद से बचाने के लिए मानव प्रतिबंधित क्षेत्र बनाए गए हैं। जिले के धर्मजयगढ़ वन मंडल में 21 हाथियों का समूह विचरण करता है जबकि रायगढ़ वन मंडल में कम हाथी है ऐसे में धरमजयगढ़ वन मंडल में आए दिन हाथों के द्वारा उत्पात मचाने की खबर आती रहती हैं। हाथियों के द्वारा जान लेने की संख्या में फिलहाल 2019 में रायगढ़ वन मंडल से किसी की जान नहीं गई है जबकि धर्मजयगढ़ वन मंडल से प्रत्येक माह आधा दर्जन लोगों की मौत हाथियों के कुचलने से होती है।


Conclusion: रायगढ़ वन मंडल के अधिकारी मनोज पांडे का कहना है कि हाथियों को उनके यथा स्थान पर ही खाने पीने की व्यवस्था करने से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते। जंगली जानवर डर कर अपनी सुरक्षा के लिए ही दूसरों पर हमला करते हैं। लोगों के द्वारा हाथों की घर यानी की जंगल पर कब्जा किया जा रहा है इस वजह से भी हाथी आक्रोशित होकर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। धर्मजयगढ़ वन मंडल के अधिकारी का कहना है कि धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 21 हाथी हैं जिनमें से एक हाथी लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है उस हाथी को ट्रैकर लगाकर ट्रैक किया जाता है। 2019 में तो हाथियों के मरने की घटना नहीं हुई है, हाथियों से कुछ लोगों की जान गई है जिन को मुआवजा दिया जाता है जल्द ही हाथियों को काबू में करने के लिए विशेष प्रकार की टीम गठित की जा रही है इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।
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