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नारायणपुर में कोरोना संकट में खुशियां बरसा रहा 'हरा सोना', ग्रामीणों के खिले चेहरे

नारायणपुर में कोरोना संकट के बीच तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य शुरू हो गया है. कोरोना और लॉकडाउन में जहां सभी तरह की गतिविधियां बंद हैं. ऐसे में तेंदूपत्ता की खरीदी से ग्रामीण खुश हैं.

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नारायणपुर में तेंदूपत्ता खरीदी शुरू
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Published : May 10, 2021, 8:13 PM IST

नारायणपुर: कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में हरा सोना कहा जाने वाला तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया हा. प्रदेशभर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी है. जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैकड़ा 400 रुपए और 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है. तेंदूपत्ता खरीदी से गांववालों के चेहरे खिल गए हैं.

नारायणपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य शुरू

23 हजार मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य तय

नारायणपुर जिले में कुल 8 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से संग्रहण का कार्य किया जा रहा है. इनमें नारायणपुर, एड़का, सोनपुर, कोंगे, बेनूर, फरसगांव, गढ़बेंगाल और धौड़ाई शामिल हैं. जिले में संग्रहण लक्ष्य 23,100 मानक बोरा निर्धारित है.

तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर

कोरोना संकट काल के बीच जिले की सभी समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता की तुड़ाई का कार्य तेजी से चल रहा है. गर्मी का मौसम होने के कारण ग्रामीण सुबह से ही अपने घर से निकलकर जंगलों तेंदूपत्ता तोड़ते हैं. इसके बाद इन पत्तों की गड्डियां बनाकर संग्रहण करते हैं. ग्रामीण कोरोना गाइडलाइन का भी पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं.

'हरा सोना' से बदलेगी दंतेवाड़ा के वनांचल के ग्रामीणों की तकदीर

कोरोना काल में मिला ग्रामीणों को रोजगार

कोरोना और लॉकडाउन में जहां सभी तरह की गतिविधियां बंद हैं. ऐसे में तेंदूपत्ता की खरीदी से ग्रामीण खुश हैं. ग्रामीणों को जहां तेंदूपत्ता बेचने से अच्छी आमदनी भी हो जाती है. वहीं बोनस का भी लाभ मिल जाता है.

7 मई से शुरू हुआ संग्रहण का कार्य

वनमण्डलाधिकारी एनआर खुटे ने बताया कि जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है. पहले जिले में तेंदूपत्ता खरीदी का कार्य 5 मई से होना था, लेकिन मौसम की खराबी और बारिश चलते दो दिन बाद यानी 7 मई से खरीदी का कार्य शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि जिले में 8 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माद्यम से खरीदी का काम किया जा रहा है. इस साल 23,100 मान बोरा संग्रहण का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 17 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक इस काम में लगे हुए हैं. तेंदूपत्ता खरीदी में संग्राहकों को 9 करोड़ 24 लाख राशि बैंक खाते के माध्यम से भुगतान की जाएगी.

सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला तेंदूपत्ता

छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ते की गुणवत्ता देश में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इसलिए सरकार इस कार्य को गंभीरता से कराती रही है. कोरोना काल में संग्रहण कार्य जारी है. ऐसे में ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है.

नारायणपुर: कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में हरा सोना कहा जाने वाला तेंदूपत्ता ग्रामीणों के लिए खुशियां लाया हा. प्रदेशभर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरी रफ्तार के साथ जारी है. जिले में शासन की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रति सैकड़ा 400 रुपए और 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा दर निर्धारित किया गया है. तेंदूपत्ता खरीदी से गांववालों के चेहरे खिल गए हैं.

नारायणपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य शुरू

23 हजार मानक बोरा संग्रहण लक्ष्य तय

नारायणपुर जिले में कुल 8 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से संग्रहण का कार्य किया जा रहा है. इनमें नारायणपुर, एड़का, सोनपुर, कोंगे, बेनूर, फरसगांव, गढ़बेंगाल और धौड़ाई शामिल हैं. जिले में संग्रहण लक्ष्य 23,100 मानक बोरा निर्धारित है.

तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर

कोरोना संकट काल के बीच जिले की सभी समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता की तुड़ाई का कार्य तेजी से चल रहा है. गर्मी का मौसम होने के कारण ग्रामीण सुबह से ही अपने घर से निकलकर जंगलों तेंदूपत्ता तोड़ते हैं. इसके बाद इन पत्तों की गड्डियां बनाकर संग्रहण करते हैं. ग्रामीण कोरोना गाइडलाइन का भी पालन करते हुए कार्य कर रहे हैं.

'हरा सोना' से बदलेगी दंतेवाड़ा के वनांचल के ग्रामीणों की तकदीर

कोरोना काल में मिला ग्रामीणों को रोजगार

कोरोना और लॉकडाउन में जहां सभी तरह की गतिविधियां बंद हैं. ऐसे में तेंदूपत्ता की खरीदी से ग्रामीण खुश हैं. ग्रामीणों को जहां तेंदूपत्ता बेचने से अच्छी आमदनी भी हो जाती है. वहीं बोनस का भी लाभ मिल जाता है.

7 मई से शुरू हुआ संग्रहण का कार्य

वनमण्डलाधिकारी एनआर खुटे ने बताया कि जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है. पहले जिले में तेंदूपत्ता खरीदी का कार्य 5 मई से होना था, लेकिन मौसम की खराबी और बारिश चलते दो दिन बाद यानी 7 मई से खरीदी का कार्य शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि जिले में 8 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माद्यम से खरीदी का काम किया जा रहा है. इस साल 23,100 मान बोरा संग्रहण का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 17 हजार तेंदूपत्ता संग्राहक इस काम में लगे हुए हैं. तेंदूपत्ता खरीदी में संग्राहकों को 9 करोड़ 24 लाख राशि बैंक खाते के माध्यम से भुगतान की जाएगी.

सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला तेंदूपत्ता

छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ते की गुणवत्ता देश में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. इसलिए सरकार इस कार्य को गंभीरता से कराती रही है. कोरोना काल में संग्रहण कार्य जारी है. ऐसे में ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है.

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