जिला में लगातार नक्सलियों के दबाव बढ़ते जा रहे हैं. इसके चलते निर्दोष ग्रामीणों की जान खतरे में है. कुछ दिनों पहले सोनपुर गांव में शासकीय राशन दुकान चला रहे हैं बुधराम वड्डे को नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर के शक में जान से मार दिया था.
बुधराम के परिवार वालों ने बताया कि पुलिस बुधराम को पुलिस रिमांड में पूछताछ के लिए लेकर गई थी. इससे नक्सलियों को लगा कि वो पुलिस की मुखबिरी करता है. नक्सलियों ने बुधराम को कई बार चेतावनी दी कि वो पुलिस की मुखबिरी करना छोड़ दे, वरना उसे और उसके परिवार वालों को जान से मार दिया जाएगा.
परिवार वालों को कहना है पुलिस मुखबिर की शक में साल 2007 में पूरे परिवार को गांव से भगा दिया गया था. इसके बाद से बुधराम और उसके परिजन जिला मुख्यालय में जैसे-तैसे आजीविका चला रहे थे. बुधराम के परिवार में कमाने वाला दूसरा और कोई नहीं है. इस कारण उसके परिवार को अब सहारा देने वाला कोई नहीं है.