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लाल आतंक पर भारी पड़ी मां की ममता, गर्भवती महिला नक्सली के साथ 2 नक्सलियों का सरेंडर - Naxalite surrendered

नक्सलियों की नीति (policy of Naxalites) से परेशान होकर एक गर्भवती महिला समेत 2 नक्सलियों ने सरेंडर (surrender Naxalites) किया है. अपने बच्चे के भविष्य और स्वास्थ्य की चिंता करते हुए महिला ने आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया.

pregnant female naxali surrender with 2 naxals in narayanpur
नक्सलियों ने किया सरेंडर
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Published : Jun 26, 2021, 9:12 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 11:03 PM IST

नारायणपुर : लाल आतंक से परेशान गर्भवती महिला नक्सली (pregnant naxali) ने 2 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया. नक्सल संगठन (Naxalite organization) से जुड़ी महिलाओं को बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं है. 5 महीने की गर्भवती मंगली मंडावी ने अपने बच्चे के लिए संगठन छोड़ने का फैसला लिया. मंगली ने शनिवार को नारायणपुर एसपी मोहित गर्ग के सामने आत्मसमर्पण किया. महिला के साथ 2 अन्य नक्सलियों ने भी नक्सल विचारधारा से तंग आकर सरेंडर किया.

नक्सलियों ने किया सरेंडर

मंगली मंडावी, लच्छू बेजामी, सीताराम परसा ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. तीनों नक्सली जनताना सदस्य के रूप में कार्यरत थे. एसपी ने तीनों को सहायता राशि प्रदान की.

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2013 से थी नक्सली संगठन का हिस्सा

नक्सली टोकड़ी उर्फ मंगली मडावी हितुल थाना ओरछा नारायणपुर की रहने वाली है. आदेर जनताना सरकार के अध्यक्ष पण्डरू ने वर्ष 2013-14 में मंगली को आदेर पंचायत मिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में शामिल कराया था. वर्ष 2017 में ओरछा एलओएस कमांडर दीपक ने आदेर एलओएस सदस्य के रूप में भर्ती किया. चार महीना काम करने के बाद दीपक ने इसे सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा के पास छोड़ दिया. वर्ष 2018 में सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा ने इसे पार्टी सदस्य बनाकर 303 हथियार दिए. महिला नक्सली ने सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा के साथ रहकर उसके लिए खाना बनाना, कपड़े धोना, संतरी ड्यूटी करना जैसे कार्य किया.

pregnant female naxali surrender with 2 naxals in narayanpur
नक्सलियों ने किया सरेंडर

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नक्सली संगठन में बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं

नक्सली संगठन में महिलाओं को बच्चे को जन्म देने की अनुमति नहीं है. नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने शनिवार को बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नक्सली बीमार में है. नक्सलियों के कोविड-19 से संक्रमित होने के साथ ही कई बड़े बीमारियों से ग्रसित होने की सूचना है. अगर नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं तो पुलिस उनका इलाज तुरंत करवाएगी. सरेंडर किए गए सभी नक्सलियों का कोविड-19 टेस्ट कराया गया है. गर्भवती महिला को कोई समस्या न हो इसका खासतौर पर ख्याल रखा जा रहा है.जिला प्रशासन और जिला चिकित्सालय से संपर्क कर उचित चिकित्सा प्रदान की जाएगी.

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निगरानी का काम करते थे 2 अन्य नक्सली

आत्मसर्पित 2 अन्य नक्सली लच्छू बेंजामी और सीताराम परसा संगठन में कार्य करने के दौरान नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करते थे. वह नक्सलियों को साहित्य पहुंचाने के अलावा नक्सलियों के प्रचार वाले सामान जंगलों और सड़कों पर लगाने का काम करते थे.

नारायणपुर : लाल आतंक से परेशान गर्भवती महिला नक्सली (pregnant naxali) ने 2 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया. नक्सल संगठन (Naxalite organization) से जुड़ी महिलाओं को बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं है. 5 महीने की गर्भवती मंगली मंडावी ने अपने बच्चे के लिए संगठन छोड़ने का फैसला लिया. मंगली ने शनिवार को नारायणपुर एसपी मोहित गर्ग के सामने आत्मसमर्पण किया. महिला के साथ 2 अन्य नक्सलियों ने भी नक्सल विचारधारा से तंग आकर सरेंडर किया.

नक्सलियों ने किया सरेंडर

मंगली मंडावी, लच्छू बेजामी, सीताराम परसा ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. तीनों नक्सली जनताना सदस्य के रूप में कार्यरत थे. एसपी ने तीनों को सहायता राशि प्रदान की.

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2013 से थी नक्सली संगठन का हिस्सा

नक्सली टोकड़ी उर्फ मंगली मडावी हितुल थाना ओरछा नारायणपुर की रहने वाली है. आदेर जनताना सरकार के अध्यक्ष पण्डरू ने वर्ष 2013-14 में मंगली को आदेर पंचायत मिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में शामिल कराया था. वर्ष 2017 में ओरछा एलओएस कमांडर दीपक ने आदेर एलओएस सदस्य के रूप में भर्ती किया. चार महीना काम करने के बाद दीपक ने इसे सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा के पास छोड़ दिया. वर्ष 2018 में सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा ने इसे पार्टी सदस्य बनाकर 303 हथियार दिए. महिला नक्सली ने सीसीएम देवजी उर्फ कुम्मा के साथ रहकर उसके लिए खाना बनाना, कपड़े धोना, संतरी ड्यूटी करना जैसे कार्य किया.

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नक्सली संगठन में बच्चे पैदा करने की अनुमति नहीं

नक्सली संगठन में महिलाओं को बच्चे को जन्म देने की अनुमति नहीं है. नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने शनिवार को बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नक्सली बीमार में है. नक्सलियों के कोविड-19 से संक्रमित होने के साथ ही कई बड़े बीमारियों से ग्रसित होने की सूचना है. अगर नक्सली आत्मसमर्पण करते हैं तो पुलिस उनका इलाज तुरंत करवाएगी. सरेंडर किए गए सभी नक्सलियों का कोविड-19 टेस्ट कराया गया है. गर्भवती महिला को कोई समस्या न हो इसका खासतौर पर ख्याल रखा जा रहा है.जिला प्रशासन और जिला चिकित्सालय से संपर्क कर उचित चिकित्सा प्रदान की जाएगी.

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निगरानी का काम करते थे 2 अन्य नक्सली

आत्मसर्पित 2 अन्य नक्सली लच्छू बेंजामी और सीताराम परसा संगठन में कार्य करने के दौरान नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करते थे. वह नक्सलियों को साहित्य पहुंचाने के अलावा नक्सलियों के प्रचार वाले सामान जंगलों और सड़कों पर लगाने का काम करते थे.

Last Updated : Jun 26, 2021, 11:03 PM IST
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