गौरेला पेंड्रा मरवाही: दिसंबर महीने के शुरुआती सप्ताह में मध्यप्रदेश के जिस बाघिन ने छत्तीसगढ़ में दस्तक दी थी. वह दोबारा छत्तीसगढ़ की सीमा में पहुंच गई है. बाघिन मरवाही वन मंडल में मौजूद है. सात दिसंबर 2024 से लेकर इस बाघिन ने 16 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ के जंगलों की सैर की. बाघिन गौरेला पेंड्रा मरवाही से होते हुए मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर और कोरिया वन मंडल तक पहुंच गई. इन 10 दिनों के भीतर बाघिन लगातार शिकार करती रही. वह मवेशियों को अपना निशाना बनाती रही और चहलकदमी करती रही. 16 दिसंबर को बाघिन को वन विभाग ने पकड़ा और उसे फिर से एमपी की सीमा में छोड़ दिया.
मरवाही वन मंडल में आई बाघिन: 16 दिसंबर 2024 को बाघिन को कोरिया और मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर वन मंडल की सीमा से रेस्क्यू किया गया. उसकेबाद उसे अनाचकमार टाइगर रिजर्व इलाके में छोड़ा गया. अचानकमार से बाघिन निकलकर पहले कोरबा पहुंची और उसके बाद वह गौरेला पेंड्रा मरवाही की वन सीमा में पहुंच गई है. इस घटना के बाद से वन विभाग अलर्ट है.
बाघिन कोरबा जिले के पसान वन परिक्षेत्र से निकलकर जीपीएम के मरवाही वन मंडल में आ धमकी है.बाघिन के आने की जानकारी मिलते ही मरवाही वन मंडल का वन अमला अलर्ट है. कैमरे और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए बाघिन पर नजर रखी जा रही है- गौरेला पेंड्रा मरवाही वन विभाग
एमपी की बाघिन कहां मौजूद?: बाघिन खोडरी वन परिक्षेत्र के बम्हनी गांव के नजदीक मौजूद है. जिसके चलते बम्हनी, कोडगार, घाटबहरा और कोटमीखुर्द सहित 6 से ज्यादा गांव में वन विभाग अलर्ट है. यहां लोगों को मुनादी कराकर सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है. बाघिन की मौजूदगी से गांव वाले दहशत में है. बाघिन के लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा है. गांव वालों को जंगल में जाने से मना कर दिया गया है. जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.