नारायणपुर: दंतेवाड़ा से लापता ड्रोन मास्टर पीयूष झा पांचवें दिन रात गंभीर रूप से चोटिल हालत में नारायणपुर के जिला अस्पताल में मिले. अस्पताल पहुंचे पीयूष झा के सीने की हड्डी टूटी हुई है. पीयूष की हालत गंभीर बनी हुई है. नाटकीय ढंग से नारायणपुर अस्पताल पहुंचे पीयूष को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
पीयूष का मोबाइल दस जनवरी को रात 10 बजकर 6 मिनट पर दंतेवाड़ा में बंद हुआ. बीते 7 जनवरी को पीयूष काम से रायपुर से दंतेवाड़ा गया था. परिजनों के शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस जांच में जुटी हुई थी. पीयूष की कार में थर्ड डिग्री टॉर्चर स्टिक भी पाई गई है. जिसका उपयोग कड़ाई से पूछताछ के लिए किया जाता है.
![Drone master piyush jha](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-npr-01-missing-piyush-jha-arrives-at-narayanpur-district-hospital-4-days-later-cgc10106_16012021144425_1601f_1610788465_146.jpg)
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जानकारी के अनुसार पीयूष की कार को कोंडागांव ट्रैफिक पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में दर्ज किया था. पीयूष की कार 13 जनवरी को कैमरे में दिखी थी. जबकि 11 जनवरी को उसकी कार गीदम से गुजरते पाई गई थी. दस जनवरी से गुमशुदा हुए पीयूष के परिजनों ने रायपुर के थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस फोर्स को सप्लाई करता था ड्रोन
दंतेवाड़ा पुलिस को सीडीआर यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड शनिवार को ही मिला था. इस बीच गंभीर घायल हालत में नारायणपुर अस्पताल में पहुंचे पीयूष झा की सूचना ने नए सवालों को खड़े कर दिए हैं. पीयूष झा पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री को ड्रोन सप्लाई करता है. जिसका उपयोग बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में भी किया जाता है.
पीयूष अस्पताल कैसे पहुंचा इसकी जानकारी नहीं
इस सनसनीखेज मामले को नक्सलियों से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. पीयूष ड्रोन सप्लाई के साथ ड्रोन ऑपरेट करने में मास्टर है. सूत्रों की माने तो नक्सली भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. पीयूष दंतेवाड़ा से कैसे और किस तरह इस हालात में नारायणपुर पहुंचा इसकी कोई जानकारी नहीं है. पूछताछ के बाद ही सारे सवालोंं का जवाब मिल पाएगा.पीयूष झा के भाई प्रराग झा ने बताया कि कंपनी के पार्टनर विशाल सिंह से विवाद चल रहा था. काम के सिलसिले से पीयूष झा बीते 7 जनवरी को दंतेवाड़ा से रायपुर आया था.